आज इस आर्टिकल में हम आपको साइमन कमीशन का बहिष्कार के बारे में बताने जा रहे है.
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साइमन कमीशन का बहिष्कार
1928 में साइमन कमीशन का भारत में आगमन हुआ. सर जॉन साइमन के नेतृत्व में एक आयोग भारत में माटफोर्ड सुधारों की प्रगति की जांच करने के उद्देश्य से संगठित हुआ था, जिसके सदस्य गोरे थे. राष्ट्रवादीयों ने इसके बहिष्कार का निश्चय किया.
बिहार में अनुग्रह नारायण सिन्हा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए नौजवानों को संगठित करने और विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई. 12 दिसंबर को आयोग के पटना तथा 24 दिसंबर को रांची पहुंचने पर इसके विरोध प्रदर्शन हुए, काले झंडे दिखाए गए और आयोग का आविष्कार हुआ.