आज इस आर्टिकल में हम आपको आधुनिक भारत से जुडी जानकरी और यूरोपीय कंपनियों के स्थापना वर्ष के बारे में बताने जा रहे है.
वास्कोडिगामा पहला यूरोपीय व्यापारी था, जिन्हें भारत के समुद्री मार्ग की खोज की. वह 1498 में कालीकट के समुद्र तट पर उतरा. इस समय कालीकट का शासक जमेंरीन था. इस अभियान में अब्दुल मलिक नाम का गुजराती उसका पथ प्रदर्शक था.
पुर्तगाली समुंद्री वीर सम्राज्य को एस्तदो द इंडिया कहा गया है. पुर्तगालियों का भारत में पहला गवर्नर फ्रांसिस्को द अल्मीडा ( 1505 – 150९ ई.) था. 1509 ईस्वी में अलबुर्कक भारतीय क्षेत्र में पुर्तगाली गवर्नर नियुक्त किया गया.
पुर्तगाली वायसराय नान्हू डी कुन्हा ( 1529 – 1538 ई.) 1530 ईस्वी में कोचीन की जगह गोवा को राजधानी बनाया. पुर्तगाली गवर्नर डिसूजा के साथ है. प्रदेश के संत फ्रांसिसको जेपीयर भारत आया. 1632 ईस्वी में शाहजहां ने पुर्तगालियों को हुगली से बाहर कर दिया. 1668 की सिम में पुर्तगालियों ने अंग्रेजों को मुंबई प्रदान की. अपने नौसेना शक्ति के आधार पर पुर्तगालियों ने भारत में घोड़ों के आयत पर एकाधिकार कायम किया था.
पुर्तगालियों ने भारत में तंबाकू की खेती तथा प्रिंटिंग प्रेस का आरंभ किया. पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी को चीन में खोली. वर्ष 1961 में भारत में सैन्य कार्रवाई कर गोवा दमन तथा जीव को भारत में मिलाया.
डच हालैंड या नीदरलैंड के निवासी थे. 1596 इसमें भारत आने वाला प्रथम डच नागरिक था – कारनेलिस 1662 ईस्वी में यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी ऑफ नीदरलैंड अस्तित्व में आई. डचों ने अपना पेगोड़ा सिक्के का प्रचलन कराया. 1759 ईस्वी में पैदा की लड़ाई में अंग्रेजों के हाथों पराजित होने के बाद कंपनी का नियंत्रण भारतीय क्षेत्रों में समाप्त हो गया.
कंपनी | स्थापना वर्ष |
पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी | 1498 ईस्वी |
अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी (( द गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट ऑफ ट्रेंडिंग इन टू इंडिज) | 1600 ईसवी |
डच ईस्ट इंडिया कंपनी ( वेरी गद्दे पोस्ट इंडस कंपनी ) | 1602 ईस्वी |
डेनिस ईस्ट इंडिया कंपनी | 1616 ईस्वी |
फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी ( कंपनी देश की इनदेश ओरियन्ट) | 1664 ईस्वी |
स्वीडिश ईस्ट इंडिया कंपनी | 1731 ईस्वी |
1599 ईस्वी में जॉन मिल्डेनहाल नामक ब्रिटिश यात्री थल मार्ग से भारत आया. इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ईसवी में हुई थी. 1609 ईस्वी में प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिंस जेंट्स का राजदूत बनकर जहांगीर के दरबार में आया.
1615 ईसवी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सर टामस रो को जहांगीर के दरबार में व्यापारिक केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति के लिए भेजा.
1611 ईस्वी में दक्षिण पश्चिम समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मसूलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की. अंग्रेजों ने अपनी पहली फैक्ट्री सूरत में ( 1608 ई.) में स्थापित की.
1757 ईस्वी में बंगाल सिराजुद्दौला गोपाल सिंह के युद्ध में पराजित कर अंग्रेजों ने राजनीतिक शक्ति के रूप में अपना वर्चस्व स्थापित किया. 1764 ईस्वी में बक्सर युद्ध तथा 1765 में इलाहाबाद की संधि के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का दिल्ली पर प्रभुत्व स्थापित हुआ.
डेनमार्क की व्यपारिक कम्पनी का गठन 1616 ई.मैं हुआ था.इस कम्पनी ने त्रेकुबार (तमिलनाडू) तथा सेरामपुर (बंगाल) में अपनी फैक्ट्रीयां स्थापित की.
लुई चौदहवें के समय 1664 ईस्वी में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई. प्रथम कर्नाटक युद्ध ( 1740 – 48 ई.) अंग्रेजी में ऑस्ट्रेलिया के उत्तराधिकारी युद्ध से प्रभावित था. आंकस-ला-शेपेल नमक संधि के संपन्न होते ही भारत में भी युद्ध समाप्त हो गया. दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749 – 54 ईसवी में हुआ. इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई.
पांडिचेरी संधि से युद्ध विराम हुआ. कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756 – 63 के बीच हुआ. पेरिस की संधि होने पर यह युद्ध समाप्त हुआ. 1760 ईसवी में सर आयरकुट के नेतृत्व मेंअंग्रेजों ने वंदिवास के युद्ध में फ्रांसीसियों को हराया. 1761 ईसवी में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया. भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन का क्रम इस प्रकार था- पुर्तगीज-डच-अंग्रेज-डेन-फ्रांसीसी
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