- भारतीय रेलवे प्रणाली एशिया की दूसरी सबसे बड़ी और विश्व में अमेरिका (2,27,736 किमी ), रूस (2,22.293 किमी) और चीन (87,157 किमी.) के बाद चौथी सबसे बड़ी रेल प्रणाली है.
- यह देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जिसमें 6,906 स्टेशनों का एक विशाल नेटवर्क शामिल है, जो 63,122 किमी तक फैला है, जिसमें 7,681 इजनों के बेड़े के साथ 39,852 यात्री सेवा वाहन 4,909 अन्य कोशिक वाहन और 2,14,760 वैगन शामिल है. भारतीय रेलवे की विधि वास्तव में अभूतपूर्व है.
- करीब 13 हजार रेलगाड़ियां लगभग 14 लाख किमी की दूरी प्रतिदिन तय करती है और 11 लाख यात्रियों सहित एक टन माल भाड़े का प्रतिदिन आवागमन होता है.
- कुल माल में से 85% से अधिक कोयला, अयस्क, अनाज, और पेट्रोलियम शामिल है. रेलवे के परिचालन में 15,00,000 स्थाई और 2.5 लाख अस्थाई कर्मचारी की एक बड़ी सेना निरंतर सक्रिय है, जिससे यह भारत में मानव शक्ति का सबसे बड़ा नियोक्ता बन गया है.
- यह अपने कर्मचारियों को 209,280 मिलियन वेतन के रूप में देता है.
- भारतीय रेलवे में 59,713 यात्री कोच, 2,29,381 माल ढुलाई और 9,213 इंजन है. यह रोजाना लगभग 10,000 ट्रेनों का परिचालन संपर्क करता है और इसकी अपनी लोकोमोटिव और कोच उत्पादन फैक्टरीयां भी है.
- वित्तीय पहलू और बाढ़ आई थी राज्यों के प्रमुख स्रोत – गैर किराया स्त्रोत
- रेलवे बांड्स-इन बांड्स भारतीय रेलवे के लाइसेंस के लिए 5 वर्ष में 1.5 लाख करोड रुपए के निवेश को बढ़ाने के लिए पेश किया गया था. भारतीय रेलवे ट्रेनो, पुलों और अन्य परिसंपत्तियों का प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के माध्यम से यात्रियों को डिजिटल सामग्री प्रदान करती है और ₹15000 करोड़ रु.से अधिक का राजस्व प्राप्त करती है.
- आईआरएफसी (IRFC) ने 2017 तक लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के माध्यम से एशिया, यूरोप अपतटीय में निवेशकों से 10 साल में हर बांड से 500 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.
- 10 साल के कार्यकाल में हरे रंग के बोंड की वार्षिक उपज 3.835% होती है और यह एलएसआई के नए अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार में सूचीबद्ध है. आईआरएफसी को मजबूत अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की प्राप्ति के साथ-साथ बोंड की पेशकश 3 बार से अधिक हुई है.
1857 की क्रान्ति पर मार्क्स और ऐन्जिल्स द्वारा लिखित पुस्तक का शीर्षक है