बिहार में गंगा नदी के दक्षिणी मैदान की प्रमुख नदियां, बिहार की प्रमुख नदियाँ, उत्तर में स्थित बिहार की नदियों के नाम, bihar ki prmukh nadi, ganga bihar ke kis sthan par nikalti hai
सोन अथवा सोनभद्र नदी का उद्गम गोंडवाना क्षेत्र में स्थिति मैकाल पर्वत पर अमरकंटक नामक स्थान से हुआ है. सोन नदी के उद्गम को अरीय अपवाह प्रतिरूप का एक बढ़िया उदाहरण माना जाता है, क्योंकि अमरकंटक से सोन के साथ अन्य दिशाओं में नर्मदा भी निकलती है.
यह कैमूर के पठार के दक्षिणी से बिहार में प्रवेश कर गंगा-सोन के दोआब में बिहार को सबसे उपजाऊ मैदान बनाती है. इस नदी की कुल लंबाई 780 किलोमीटर है. सोन नदी झारखंड के पलामू तथा बिहार के रोहतास, औरंगाबाद, भोजपुर, पटना जिलों की पश्चिमी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है और पटना से 16 किलोमीटर दूर दानापुर के निकट हरदी छपरा गांव के पास गंगा में मिल जाती है.
यह नदी छत्तीसगढ़ के पठारी भाग से निकलती है. मौसमी नदी होने के कारण यह ग्रीष्म काल में सूख जाती है, लेकिन वर्षा ऋतु में अत्यधिक जल के साथ बहती है.
यह गया और पटना जिलों में बहती हुई फतवा नामक स्थान के निकट गंगा में मिल जाती है. ऐसा माना जाता है कि पुनपुन नदी में स्नान तथा पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है. पुनपुन की सहायक नदियों में दरघा और मनोहर नदियां प्रमुख है.
यह नदी विद्यांचल के पहाड़ियों से निकलती है. अपने मार्ग पर बैठी हुई यह नदी बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच सीमा भी बनाती है. उत्तर पूर्व की और बहने के बाद चोसा के निकट गंगा से मिल जाती है. बिहार में इस नदी को अपवित्र तथा अशुभ माना जाता है.
यह नदी जमुई जिले के चकाई नामक स्थान से लगभग 5 किलोमीटर दक्षिण में बटपाड़ नामक स्थान से निकलती है. यह पूर्व व दक्षिण में प्रवाहित होती हुई पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है और गंगा में विलीन हो जाती है. इस नदी को अजमावती या अजमति के नाम से भी संबोधित किया जाता है.
पितृपक्ष के दौरान तीर्थ यात्री गया में फल्गु नदी में स्नान कर पिंडदान करते हैं. यह नदी झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर पठार से छोटी-छोटी सरिताओं के रूप में निकल कर निरंजना नदी या लीलाजन नामक मुख्यधारा के रूप में बोधगया के निकट मुहाना नामक सहायक नदी से मिलकर विशाल रूप धारण कर लेती है.
यह नदी झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र से निकलती है. यह हजारीबाग (झारखंड), गया, नवादा, नालंदा, पटना और मुंगेर जिलों में बहने के उपरांत किउल, और मोरहर नदियों के साथ गंगा में विलीन हो जाती है.
किउल नदी का उद्गम केंद्र हजारीबाग जिले (झारखंड) के खमरडीहा के निकट है. इसमें कई धाराएं समाहित होती है, जैसे- फल्गु, हरोहर, पंचाने, सकरी आदि.
नदी | प्रमुख नगर | नदी | प्रमुख नगर |
गंगा | पटना, बक्सर, मोकामा, भागलपुर एवं मुंगेर | सरयू | छपरा |
गंडक | हाजीपुर, सोनपुर एवं मुजफ्फरपुर | फल्गु | गया |
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