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कार्बन और उसके यौगिक से जुड़े सवाल

समजातीय श्रेणी क्या है?

समजातीय श्रेणी कार्बनिक यौगिक का एक समूह में होता है जिसमे निम्नलिखित गुण धर्म होते हैं-

  • सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता। उदाहरण के लिए अल्कोहल का सामान्य सूत्र CnH2n+1OH है।
  • सभी सदस्यों का प्रकार्यात्मक समूह एक ही होता है इसलिए रासायनिक गुणधर्म भी समान होंगे, जैसे एल्कोहल का हाइड्रोसिल समूह है. -OH
  • क्रमिक सदस्य CH2 समूह के द्वारा एक दूसरे से भिन्न होते हैं।
  • इनके आणविक द्रव्यमानों में परस्पर 14u का अंतर होता है।

उदाहरण एल्कोहल-

पहला सदस्य – CH3OH – मेथेनॉल

 दूसरा सदस्य – C2H5OH –  एथेनॉल

तीसरा सदस्य – C3HOH –   प्रोपेनॉल

चौथा सदस्य – C4H9OH –  ब्यूटेनॉल

जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है?

साबुन के अणु के दो सिरे होते हैं- आयनिक सिरा जलरागी तथा हाइड्रोकार्बन सिरा जलविरागी होता है। जब साबुन को पानी में घोला जाता है तो साबुन के अणुओं की पानी में एक विशेष ढंग से व्यवस्था है जिसमें हाइड्रोकार्बन भाग पानी से बाहर रहता है। यह व्यवस्था साबुन के अणु ग्रुप/गुछों के रूप में ग्रहण करते हैं जिसमें जलविरागी पूंछ अंदर की ओर होती है और आयनिक शीरा बाहर की ओर होता है। इस प्रकार की व्यवस्था को मिसेल कहते हैं। मिसेल के रूप में साबुन (के अणु) सफाई करने में सफल रहता है क्योंकि तेल या धूल-मिट्टी इसके केंद्र में एकत्रित हो जाती है। मिसेल आयन-आयन प्रतिकर्षण के कारण अवशेष नहीं बनाती और ना एक दूसरे के पास आती है और इस प्रकार धूल मिट्टी आसानी से घुल जाती है।

कार्बन एवं उसके यौगिक का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?

कार्बन और अधिकतर कार्बन के यौगिक जलने पर बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा, उर्जा व प्रकाश उत्पन्न करते हैं। ऐसी अभिक्रियाओ ऊष्माक्षेपी प्रकृति के कारण कार्बन और उसके यौगिक को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है-

  • इन का उष्मीय मान होता है।
  • कोयले को छोड़कर शेष सभी तरल और गैसे हैं जो जलने पर कोई  गैस नहीं छोड़ते।
  • इनका ज्वलनांक ना तो अधिक कम है और ना ही इतना अधिक।
  • इन्हें इंधन के रूप में उपयोग करना सरल है।
  • यह जल में हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं करते।

कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए?

जब हम साबुन को कठोर पानी में उपयोग करते हैं तो अघुलनशी तलछट बनती है। इसका बनने का कारण साबुन की कठोर पानी में उपस्थिति कैल्शियम और मैग्नीशियम लवणों के साथ क्रिया है। साबुन के अणु जो लंबी श्रंखला युक्त वसीय अम्लों के सोडियम लवण होते हैं, वहीं लवणों के साथ क्रिया करके तलछट के रूप में बैठ जाते हैं, (जम जाते हैं)।

यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जांच करें तो आप का प्रेक्षण क्या होगा?

अधिकतर साबुन क्षारीय प्रकृति के होते हैं और लाल लिटमस का रंग नीला कर देते हैं।  नीले लिटमस पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है?

वह अभिक्रिया जिसमे संतृप्त यौगिक हाइड्रोजन के साथ संयोग करके संतृप्त यौगिक बनाते हैं, हाइड्रोजनीकरण कहलाते हैं।

अभिक्रिया निकेल या पैलेडियम के द्वारा उत्पादित होती है।

मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझाने के लिए एक परीक्षण बताइए?

  • प्रत्येक का 2g सैंपल दो अलग-अलग प्रखनलियों में ले. दोनों प्रणालियों में 1ml सांद्र HCL डाले तथा कुछ बूंदें (एल्कोहल) की डालें।
  • दोनों प्रणालियों को ठीक प्रकार से लाई तथा 5-10 मिनट के लिए रख दें।
  • केवल खाने के तेल में गुलाबी रंग की उपस्थिती होती है।
  • मक्खन में गूलाबी रंग उत्पन्न नहीं होता।

साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।

जब हम साबुन को पानी में घोलते है, तो साबुन के अणुओं के गुच्छे बनते हैं जिन्हें मिसेल कहते हैं। मिसेल में साबुन के अणुओं की व्यवस्था कुछ इस प्रकार से होती है कि जलविरागी हाइड्रोजन श्रंखला केंद्र की ओर, पानी से दूर होती है। यह श्रृंखलाएं रेत, मिट्टी वसा आदि के साथ चिपक जाती है. अणुओं का आयनिक सिरा (- COONa+) जलरागी होता है जो कपड़ो से धूल, मिट्टी आदि को बाहर निकालता है।

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