कंप्यूटर वर्म्स एवं वायरस से जुडी जानकरी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

कंप्यूटर वर्म्स एवं वायरस

कंप्यूटर वर्म्स का प्रयोग  वर्ष 1975 में जॉनबर्नर एवं वायरस शब्द का प्रयोग वर्ष 1972 में डेविन मेराल्ड्स ने किया था. कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर के पहले सॉफ्टवेयर एवं बाद में हार्डवेयर को भी संक्रमित कर देता है.

कंप्यूटर सुरक्षा पद्धति

रियल टाइम सुरक्षा, ऑल एक्सेस स्कैनिंग, बैकग्राउंड गार्ड, रेजिडेंट शील्ड, ऑटो प्रोटेक्ट एवं अन्य को ऑटोमेटिक प्रोटेक्शन कहा जाता है, जो कई सारे एंटीवायरस, एंटी-spyware एवं अन्य एंटी-मैलवेयर प्रोग्राम के द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं. यह कंप्यूटर सिस्टम में उत्पन्न संघगीत क्रियाकलापों को मॉनिटर करता है. सभी भाइयों एवं डाटा को यूज़र द्वारा एक्सेस किए जाने पर एंटी वायरस द्वारा विश्लेषण किया जाता है.

एंटीवायरस प्रोग्राम हमेशा प्रभावी नहीं होते हैं, खासकर वायरस के विरुद्ध, जबकि वेर्नोन सिग्नेचर आधारित तकनीक विधि का प्रयोग करते हैं. इसका कारण यह है कि वायरस का निर्माण करने वाले उसका परीक्षण कुछ मुख्य एंटीवायरस एप्लीकेशन के विरोध करने के बाद ही उसे रिलीज करते हैं.

कुछ नए वायरस, विशेष रूप से, रैनसमवेयर वायरस स्कैनर के प्रभाव से बचने के लिए पॉलीमार्फिड कोड का प्रयोग करते हैं.

बग

कंप्यूटर तकनीक में बग किसी कंप्यूटर प्रोग्राम में एक कोडिंग एरर होती है. इसे दूर करने की प्रक्रिया डिबगिंग कहलाती है.

सॉफ्टवेयर बग किसी कंप्यूटर प्रोग्राम यह प्रणाली की ऐसी त्रुटि, दोष, गलती, विफलता या कमी को वर्णित करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक आम शब्द है, जो गलत और अप्रत्याशित परिणाम देती है या इसके अनेपेक्षित तरीके से व्यवहार करने का कारण बनती है. अधिकतर बग उन लोगों द्वारा किसी प्रोग्राम के स्रोत कोड या इसकी डिजाइन में की गई त्रुटियों की वजह से उत्पन्न होती है.

Leave a Comment