हमारे देश में सदियों से लकड़ी का उपयोग घरेलू व औद्योगिक ईंधन के रूप में होता रहा है. इसी उद्देश्य के लिए हर वर्ष वनों का एक बड़ा भाग नष्ट होता रहा है. घटते वनों का यह एक प्रमुख कारण है. निसंदेह लकड़ी का ईंधन के रूप में उपयोग शहरी क्षेत्रों में कम हुआ है क्योंकि यहां इसका स्थान कोयले और LPG ने ले लिया है. परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी भारी मात्रा में लकड़ी को ईंधन के रूप में जलाकर नष्ट किया जा रहा है अतः हमारी वन संपदा तेजी से घट रही है.
लकड़ी का इस्तेमाल ईंधन के रूप में करने से अनेक हानियां है जैसे-
अंता लकड़ी को प्राप्त करने के लिए वनो की कटाई हितकर नहीं है। वन प्राकृतिक संपदा है। पेड़ों को बड़ा होने व लकड़ी उपलब्ध कराने में वर्ष लग जाते हैं। इसलिए लकड़ी को ईंधन के रुप में दिलाना बिल्कुल उचित नहीं है।
ज्वाला के तीन क्षेत्र होते हैं-
आंतरिक ज्वाला क्षेत्र- सबसे अंदर वाला क्षेत्र काला है और यह ज्वाला का सबसे ठंडा भाग होता है। इसमें ईंधन के गर्म वाष्प होते हैं। कार्बन के अनजले कण यही पाए जाते हैं। ।
दीप्त या मध्य क्षेत्र- मध्य वाला क्षेत्र चमकीला अर्थात दीप्त क्षेत्र होता है। इस क्षेत्र में ईंधन आशिंक रूप से जलकर कार्बन कर बनाते हैं। इन कणों की चमक के कारण यह क्षेत्र दीप्त बनता है। इस क्षेत्र का रंग पीला दिखाई देता है। कार्बन कण धुआँ तथा कज्ज्लल के रूप में ज्वाला को छोड़ देते हैं। इस क्षेत्र का ताप कम होता है।
बाह्रा अदीप्त क्षेत्र- यह सब से बाहर का क्षेत्र है जो हल्के नीले रंग का होता है। इस क्षेत्र में वायु ऑक्सीजन ईंधन से संयोग करके पूर्ण दहन करती है। इस क्षेत्र का तापमान उच्चतम होता है जो लगभग 1800 सेल्सियस डिग्री होता है।
ईंधन – उष्मा के स्रोत (लकड़ी, कोयला, पेट्रोल, केरोसिन, LPG, CNG, आदि।) ईंधन कहलाते हैं।
गुण- आदर्श यानी अच्छे इंसान के गुण निम्नलिखित हैं-
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…
निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…
1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…
आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…
अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…
आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…