दुर्ग संभाग कहां स्थित है?
रायपुर
दुर्ग का उपनाम क्या है?
औद्योगिक नगर
दुर्ग क्षेत्रफल कितने वर्ग किलोमीटर में है?
2319.99 वर्ग किलोमीटर
दुर्ग में कितनी तहसीले है?
तीन (दुर्ग , पाटन, धंमधा)
दुर्ग मे जनसंख्या रेक 2011 में कितना था?
2
दुर्ग में कुल जनसंख्या 2011 में कितनी थे?
1721948
दुर्ग में कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार पुरुष की जनसंख्या कितनी थी?
875813
दुर्ग में कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार महिला की जनसंख्या कितनी थी?
846135
दुर्ग 0-6 आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 2011 में कितनी थी?
210511
दुर्ग 0-6 आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार पुरुष की जनसंख्या कितनी थी?
108076
दुर्ग 0-6 आयुर्वेद की कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार महिला की जनसंख्या कितनी थी?
102435
दुर्ग 0-6 आयु वर्ग का लिंगानुपात 2011 में रहा था?
948
दुर्ग का साक्षरता दर 2011 में कितना था?
82.56 प्रतिशत
दुर्ग का साक्षरता दर 2011 के अनुसार पुरुष का साक्षरता दर कितने प्रतिशत था?
89.88 प्रतिशत
दुर्ग का साक्षरता दर 2011 के अनुसार महिला का साक्षरता दर कितनी प्रतिशत है?
75.01 प्रतिशत
दुर्ग का जनसंख्या 2011 में कितना था?
742 प्रति वर्ग किलोमीटर है
दुर्ग का लिंगानुपात 2011 में कितना था?
1000 : 966
दुर्ग का लिंग अनुपात में रैंक 2011 में कितनी थी?
24
दुर्ग जनसंख्या घनत्व मे रैंक 2011 में कितनी थी?
2
दुर्ग में गांव की संख्या कितनी है?
695
दुर्ग जनपद पंचायत कितनी थी?
5
दुर्ग में ग्राम पंचायत कितनी थी?
332
दुर्ग में नगर पालिका की संख्या कितनी थी?
01
दुर्ग नगर पंचायत की संख्या कितनी थी?
03
दुर्ग का इतिहास
- रायपुर से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिला मुख्यालय है। इस नगर की नीवं लगभग 10 वीं शताब्दी में जगतपाल ने डाली थी, जो मिर्जापुर जिले का निवासी था और रतनपुर राज्य में कोषाध्यक्ष का कार्य करता था। राजा रत्नदेव की कार्य कुशलता से प्रसन्न और संतुष्ट थे। फलत: उन्होंने दुर्ग (किला) तथा क्षेत्र, के अंतर्गत 700 गांव आते थे, उसे पुरस्कार में प्रदान किया।
- प्राचीन काल में दुर्ग शहर दक्षिणी कोशल राज्य का हिस्सा था। झांकी राज कुमारी कौशल्या का विवाह अयोध्या के राजा दशरथ से हुआ था।
- गुप्त राजाओ की मुद्राएं दुर्ग जिले के बांदर वृद्ध से प्राप्त हुई है।
- दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में तीसरा सबसे बड़ा जिला है।
- दुर्ग जिले का मुख्य शहर और भिलाई को टिवन सिटी भी कहा जाता है।
- दुर्ग जीला वर्तमान में पीतल एवं तांबे उद्योग का प्रमुख केंद्र बन गया। यह शहर शिवनाथ नदी के पूर्वी तट पर स्थित है।
- दुर्ग के दौर में सर्वाधिक महापाषणकालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं।
मिट्टी
लाल बलुई मिट्टी
फसले
चावल, दाल, तिलहन, गेहूं, चना।
नदिया
शिवनाथ नदी, कोटरी नदी ,
लाभ देने वाली परियोजनाएं
तंदुला परीयोजना
खनिज
लोहा अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट, यूरेनियम, शीशा एसबेस्ट, क्वार्टरजाइट ,टाल्क
विश्वविद्यालय
विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई
प्रमुख उद्योग
सीमेंट उद्योग, बीड़ी उद्योग, लकड़ी के चीरने का उद्योग
धार्मिक स्थल
प्राचिन किला मंदिर (धमधा दुर्ग ) श्री उव्स्माहर पार्श्व तीर्थ मंदिर ,सती चबूतरे का किला मंदिर (बालोद) प्राचीन शिव मंदिर (भिलाई) ,गंगा माई मंदिर, मैया का मंदिर, कपिलेश्वर मंदिर (बालौद) ।
जनजाती
कंवर, हलवा, डोड्लोहारा,
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या
6
वन (2015)
778 वर्ग किलोमीटर
ताप विद्युत परियोजना
भिलाई ताप विद्युत परियोजना।
समाचार पत्र
अमर किरण, पहाट चिंतक।
- छत्तीसगढ़ का प्रथम सीमेंट कारखाना वर्ष 1965 में दुर्ग जिले के जामुल में स्थापित किया गया।
- भिलाई स्टील प्लांट के निर्माण का प्रथम चरण 22 जनवरी 1961 को पूरा हुआ था।
- डॉग का प्रांतीय मुख्यालय दुर्ग में स्थापित किया गया है।
- छत्तीसगढ़ के उर्वरक उद्योग बिलासपुर के बाद दुर्ग में पाए जाते हैं।
- पनामा ब्रांड की बीड़ी बनाने का कारखाना दुर्ग में स्थित है।
- छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना दुर्ग में की गई।
- भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना भिलाई में की गई।
- किरीस्याव कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, भिलाई में स्थित है।
- श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भिलाई में स्थित है।
- छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक साक्षर जिला दुर्ग ( 82.56%) है, जबकि दूसरे स्थान पर रायपुर (80.52%) है।
- छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला है।
- देश का प्रथम भूगोल पार्क भिलाई (दुर्ग) में स्थापित किया जा रहा है।
- दुर्ग जिले की सीमा किसी भी अंतवर्ती राज्य के किले से मिली हुई नहीं है।
- पान की खेती के लिए दुर्ग प्रसिद्ध है।
पर्यटन स्थल
पर्यटन स्थल | पर्यटन स्थल की श्रेणी | मुख्य दर्शनीय स्थल |
दुर्ग | ऐतिहासिक पुरातात्विक | बौद्ध कालीन बगैर मूर्तियां तथा जिला खंड |
भिलाई | औद्योगिक | इस्पात कारखाना मैत्री बाग |
पाटन | प्रकृति के | आग तालाब ( तालाबों की नगरी) |
देव बलोदा | पुरातात्विक | प्राचीन शिव मंदिर |
धंमधा | ऐतिहासिक पुरातात्विक | प्राचीन किला एवं मंदिर बूढ़ा तालाब |
नगपुरा | धार्मिक | जैनों का तीर्थ स्थल |
प्रमुख उद्योग
- भिलाई स्टील प्लांट (मेसर्स हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड) भिलाई नगर दुर्ग (1955)
- कृषि उपकरण भिलाई दुर्ग
- भिलाई रिफैक्ट्रीज प्लांट भिलाई दुर्ग
- एसोसिएट सीमेंट कंपनी लिमिटेड (जामुल दुर्ग) (1965)
मुख्यालय
मुख्यालय का नाम | स्थान |
भू अभिलेख का बंदोबस्त | दुर्ग |
व्यावसायिक परीक्षा मंडल | दुर्ग |
रोजगार व परीक्षण | दुर्ग |
चिकित्सा शिक्षा | दुर्ग |
तकनीकी शिक्षा | दुर्ग |
श्रम | दुर्ग |
उधोग | दुर्ग |
खेल कूद | दुर्ग |
चर्चित व्यक्ति
श्रीमती तीजन बाई (पाटन, दुर्ग)
ख्यातलब्ध लोक कलाकार छत्तीसगढ़ की लोक कला पंडवानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलवाने का श्रेय।
घनश्याम सिंह गुप्ता (दुर्ग)
राष्ट्रीय आंदोलन में भागीदारी 1926-29 तक विधानसभा में कांग्रेस नेता दुर्ग जिला हरिजन संघ व खादी उद्योग की स्थापना, 1937 के चुनाव के बाद 1952 तक मध्य प्रांत विधानसभा के अध्यक्ष साहित्य से लगा हुआ।
प्रसिद्ध स्थल
भिलाई (औद्योगिक नगर)
भिलाई, मुंबई हावड़ा रेल मार्ग का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जिसे औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता है। इसे छत्तीसगढ़ की गार्डन सिटी भी कहा जाता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र
भिलाई इस्पात संयंत्र शैक्षणिक व तकनीक रूचि वाले पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। सर्वजनिक क्षेत्र के इस प्रथम इस्पात संयंत्र की स्थापना द्वितीय योजना काल में सोवियत रूस के तकनीकी सहयोग से हुई थी।
टाउन सीप
भिलाई टाउनशिप में नेहरू आर्ट गैलरी एवं विभिन्न धर्मावलंबियों के उपासना गृह देखने योग्य है।
मैत्री बाग
मैत्री बाग 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ एक अत्यंत सुंदर चिड़िया घर है जो भारत रूस संबंध की याद में स्थापित किया गया था। यहां पर देशी विदेशी नस्ल के अन्य जीवो का संग्रह है। टॉय, ट्रेन कृत्रिम झील और झरना उतरी भाग के विशेष आकर्षण है। झील में नौका विहार की सुविधा है।
नगपुरा (उवसग्गहरं पार्श्वनाथ तीर्थ छत्तीसगढ़ का एकमात्र जैन तीर्थ)
दुर्ग जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर देश के प्रमुख जैन तीर्थ में एक एवं छत्तीसगढ़ का एकमात्र जैन तीर्थ नगपूरा (पारस नगर) स्थित है। शिवनाथ के किनारे खुदाई में मिलने वाली पार्श्वनाथ प्रतिमाएं संकेत करती है कि पार्श्वनाथ इस रास्ते से कभी गुजरे होंगे। कलचुरी वंश के शंकर गण के प्रपौत्र गज सिंह ने एक पार्श्वनाथ प्रतिमा की स्थापना के समय ( ईसवी 919) संकल्प किया था कि वह राज्य में ऐसी 108 प्रतिमा स्थापित करें। ताम्रपत्र में उसने लिखा है कि यदि वह ऐसा नहीं कर सका तो उसके वसंज ऐसा करेंगे। गज सिंह के प्रपौत्र जगतपाल सिंह ने नगर पुरा में पार्श्वनाथ की प्रतिमा स्थापित की थी।
खंडित चरण पादुका एवं जीर्ण शीर्ण मंदिर इसका प्रमाण माने जाते हैं। 1982 में उत्तर प्रदेश की गंडक नदी के किनारे ग्राम उगना में 24 तीर्थकरो में से 23 तीर्थकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा प्राप्त हुई बाद में इसे नागपुरा लाया गया।
1985 से नगपुरा का प्रथम वर्ष शुरू हुआ तभी से यह तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हुआ है। नगपुरा में पार्श्व नाथ का विशाल जिनालय (मंदिर) है। 3 शिखरों से युक्त इस मंदिर के गर्भ ग्रह में पार्श्व नाथ की 15 प्रतिमाएं प्रतिष्ठित है। यह जयद्रथ विश्व भर में प्रसिद्ध हो चुका है। प्रतिवर्ष यहां लगभग 10 लाख लोग आते हैं। अमेरिका, केन्या, इंग्लैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल आदि अनेक अनेक देशों से तीर्थयात्री यहां आ चुके हैं। यहां से धर्मशाला है जिसमें 100 कमरे एवं 1200लोग एक साथ ठहर सकते हैं।
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