आज इस आर्टिकल में हम आपको घाघरा का युद्ध (1532 ईसवी) का इतिहास के बारे में बताने जा रहे है.
1531 ईसवी में आजम हुमायूँ सरवानी, ईसा खान, बिब्बन लोदी और बायजीद ने बिहार में अपने समर्थकों को एकत्रित किया और मुहम्मद लोदी को फिर बुलावा भेजा. इस बार उन्होंने पटना में उसका राज्य अभिषेक कराया और सभी अफगानों ने जिनमें शेरखान भी सम्मिलित था, उसका वैधानिक अधिकार स्वीकार कर लिया.
हुमायूं ने 1532 ईसवी में दोहरिया में अफगानों को पराजित कर दिया. इस लड़ाई के साथ ही बिहार में नुहानियों की सता का अंत होने लगा. नुहानी शासकों के पतन के साथ-साथ बिहार में अफगानों के बीच नए नेता के रूप में शेरशाह का उदय होने लगा.
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…
निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…
1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…
आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…
अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…
आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…