ग्रेफाइट, हीरा और फुलेरीन की संरचना

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ग्रेफाइट, हीरा और फुलेरीन की संरचना

किसी एक ही रसायनिक तत्वों के विभिन्न भौतिक रूपों को अपररुव कहा जाता है। ग्रेफाइट, हीरा तथा फुलेरीन कार्बन के महत्वपूर्ण रूप है।

हीरा व ग्रेफाइट की संरचना

हीरा व ग्रेफाइट दोनों कार्बन परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। दोनों में अंतर केवल यह है कि कार्बन परमाणु एक दूसरे से किस प्रकार आबंधित है। हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से आबंध बनाकर एक पक्की-3D संरचना बनाता है।

ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य तीन कार्बन परमाणुओं के साथ एक ही प्लेन (तल) में षटभुजाकार ढंग से जुड़े होते हैं। इनमें से एक आबंध ही द्वि-आबंध होता है, जिससे कार्बन की चार संयोजकता संतुष्ट रहती है। ग्रेफाइट की संरचना में षटभुजाकार कार्बन के परमाणु की प्रति एक दूसरे पर रखी होती है।

फुलेरीन की संरचना

फुलेरीन कार्बन के अपररूपों का अलग सा प्रकार है। इनमें सर्वप्रथम C-60 का पता लगा था, जिस में कार्बन परमाणु एक फुटबॉल की आकृति के रूप में व्यवस्थित रहते हैं। क्योंकि इनकी आकृति/डिजाइन अमेरिकी आर्किटेक्ट मिस्टर कूलर के डिजाइन किए हुए जिओडेसिक गुबंद के सामान लगते हैं, इसलिए इन्हें फुलेरीन का नाम दिया गया है।

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