हनुमान नगरी
5,360 वर्ग किलोमीटर
द. छोटा नागपुर
गुमला, सिमडेगा
गुमला में 12 प्रखंड है, अलबर्ट एक्का (जरी), बसिया, बिशुनपुर, चैनपुर, डूंगरी, घागरा, गुमला, कामदारा, पालकोट, रेदेही, सिसई।
10,25,213
5,14,390
5,10,823
23.16 प्रतिशत
1000 : 993
191 प्रति वर्ग किलोमीटर
65.73 प्रतिशत
75.55 प्रतिशत
55.90 प्रतिशत
7,06,754
3,52,514
3,54,240
गुमला की विधानसभा सदस्य 5 है, गुमला, सई, विशनूपुर, कोलेबिरा, सिमडेगा।
गुमला में
लगभग 2100 फुट की।
राजधानी
300
बजरंगबली का
शीतलपुर और मलमलपुर
दुर्गा की दसभुजी प्रतिमा और बूढ़ा महादेव की प्रतिमाएं।
लैटेराइट मिट्टी
धान, मक्का, बाजरा, गेहूं।
दक्षिणी कोयल, शंख नदी।
पालकोट अभयारण्य
1441 वर्ग किलोमीटर में
बॉक्साइट, बालू, चूना पत्थर, सीसा, क्ले,अभ्रक, लोहा, कायनाइट।
बिरजिया, उराव, खड़िया, मुंडारी, मुंडा।
सेंट पैट्रिक चर्च, गुमला, जगन्नाथ मंदिर महामाया मंदिर, शिव पार्वती मंदिर।
लघु उद्योग (बीड़ी, साबुन, मोमबती, लोहे के सामान)
घागरा जलप्रपात है, नागफनी जलप्रपात।
गुमला
गुमला को
बिरसा मुंडा कृषि विभाग झारखंड के गुमला जिले में स्थित है। यह भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित है। इस पर्यटक स्थल पर दूर-दूर से लोग आते हैं।
श्री हनुमान जी का जन्म स्थान और माता अंजनी का गुफानुमा मंदिर गुमला शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पश्चिम सीमा पर आंजन ग्राम में स्थित है। यहां एक छोटी सी प्राकृतिक जलधारा है जो इस पवित्र स्थल को अपने जल से सिक्त किया करती है। यहीं पर एक धममियां पहाड़ है, जिसके ऊपर चढ़ने से धमधम की आवाज सुनाई पड़ती है। एक स्थान पर अंजनी मां के दूध से विदीर्ण चट्टान भी है, जो पूज्य है। एक भव्य पंचमुखी महादेव का प्रस्तर मूर्ति है। रामनवमी के अवसर पर यहां वृहद मेले का आयोजन किया जाता है।
यह प्रपात गुमला जिले में शंख नदी से 200 फुट ऊंचा है।
गुमला में एक वन्य प्राणी अभ्यारण की स्थापना की घोषणा 1990 में की गई थी। 183.18 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में स्थापित होने वाले इस अभयारण्य के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की शुरुआत है 30 दिसंबर 1998 को की गई। गुमला वन प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में पालकोट वन्य प्राणी आश्रयणी नाम से अधिसूचित किया गया। यह वन्य प्राणी अभयारण्य गुमला जिले के पूरे पालकोट प्रखंड तथा आशिक रूप में सिमडेगा तथा रायडीह प्रखंड में अवस्थित है इन दोनों के बीच अधिसूचित वन भूमि ही मुख्यत: आश्रयणीय के रूप में अधिसूचित है।
गुमला जिले के सिसई प्रखंड में यह नागफेनी राजभवन किसी राजा द्वारा निर्माण कराया जा रहा था लेकिन इसके पूर्ण होने की पहले ही उसका ध्यान हो गया जिसके कारण यह अधूरा रह गया है। यहां स्थित पहाड़ी पर नागफेनी का चित्र बनाया गया है जिसके कारण इसे नागफेनी कहा जाता है।
धर्म | कुल जनसंख्या | प्रतिशत |
हिंदू | 3,09,563 | 30.19 |
मुस्लिम | 51,429 | 5.02 |
ईसाई | 2,02,449 | 19.75 |
सिख | 221 | 0.02 |
बौद्ध | 531 | 0.05 |
जैन | 23 | 0.00 |
अन्य | 4,57,468 | 44.62 |
अवर्गीकृत | 3,529 | 0. 34 |
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