हिमाचल प्रदेश में प्रवाहित होने वाली पांच नदियों का स्रोत बर्फ से आच्छादित पर्वत चोटियां है जिसके कारण इन्हें सदा नीर कहा जाता है। इन नदियों का विवरण निम्नलिखित है-
इस नदी का वैदिक नाम अस्कनी है। जल की मात्रा की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे बड़ी नदी है यह नदी बारालाचा दर्रा की विपरीत दिशा से निकालने वाले दो छोटे-छोटे नाले चंद्र एवं भागा टोंडी नामक लाहौल में स्थित संगम करके चिनाब नदी बनाते हैं। चिनाव नदी हिमाचल प्रदेश में 122 किलोमीटर बहकर कश्मीर की पोदार घाटी में प्रवेश करती है। 120 किलोमीटर लंबी चिनाब नदी का जल ग्रहण क्षेत्र, 6,000 किलोमीटर है। 7,500 वर्ग किलोमीटर हिमाचल प्रदेश में है।
रावी नदी
इस नदी का वैदिक नाम, पुरुष्नी और संस्कृत में इरावती था। यह नदी धौलाधार श्रंखला की एक क्या शाखा बडा बंगाल से निकलती है। यह नदी मॉडल और तंतगरी धाराओं के मिलने से बनती है। यह एक गहरे गड्डे में गिरकर बाहर आती है। हिमाचल प्रदेश में इस नदी की लंबाई लगभग 158 किलोमीटर है। इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 5,451 वर्ग किलोमीटर है। चंबल इस नदी के दाहिने तट पर स्थित है। इस नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं- बुद्धिल, टुंडा, बिजलेडी, स्यिलु तथा चिरचींड नाला। यह नदी सिंधु नदी की सहायक नदी है।
सतलज नदी
इस नदी का वैदिक नाम सतुद्री है, जबकि इसका संस्कृत नाम शुतुद्री है। यह नदी मानसरोवर झील के समीप स्थित रक्स झील (तिब्बत) लौछान स्त्राव नदी के रूप में निकलती है। यह शिपकी नामक स्थल, (जिला किन्नौर) के पास हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। यह किन्नौर, शिमला एवं बिलासपुर जिले में बहती हुई कोई बिलासपुर के भाखड़ा गांव के पास हिमाचल की सीमा छोड़कर पंजाब में प्रवेश कर जाती है। यहीं पर एशिया का सबसे ऊंचा बांध भाखड़ा बांध बना है। सतलज नदी का हिमाचल प्रदेश में कुल प्रवाहित मार्ग 320 किलोमीटर है। हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी का संपूर्ण जल-ग्रहण क्षेत्र लगभग 20,000 वर्ग किलोमीटर है।
व्यास नदी
इस नदी का वैदिक नाम आर्जीकीय और संस्कृत नाम विपाशा है। यह नदी पीर पंजाल (4062 मीटर ऊंचाई) श्रेणी में रोहतांग द्रर्र से निकलती है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 365 किलोमीटर की दूरी तय करके मैदानों में आती है। इस नदी की सहायक नदियां हैं- पार्वती, स्पिन, मालणा, नाला, सरवारी, नाला, विनवा, न्यूगल, बाणगंगा, गज, देहर, चक्की, तथा मान आदि।
यमुना नदी
इस नदी का वैदिक नाम कालिंदी है। यह नदी उत्तराखंड राज्य के कालिंद पर्वत के यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है। 152 किलोमीटर प्रति हमारा क्या करने के बाद कलेसर से यह मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। इस नदी की सहायक नदियां है- टौंस, पब्बर, एवं गिरी यमुना नदी हिमाचल प्रदेश के पूर्वी छोर में बहने वाली नदी है। यह ताजे वाला नमक स्थान पर हिमाचल को छोड़कर हरियाणा राज्य में प्रवेश करती है उत्तर प्रदेश में प्रवेश करके इलाहाबाद में गंगा नदी एवं अदृश्य सरस्वती नदी से मिलकर संगम बनाती है। हिमाचल प्रदेश में यमुना नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 2,320 किलोमीटर है।
हिमाचल प्रदेश की नदियां एवं खड्डे
जिला | नदिया | खड्डे\ जल धाराएं |
बिलासपुर | सतलज नदी | गम्भर, गम्करोल, आली, सिर, शुक्र एवं सरहाली |
किन्नौर | सतलज नदी, भाबा नदी,वास्पा नदी | |
लाहौल स्पीति | चंद्र भागा नदी, मालुंग नाला | |
सिरमौर | यमुना नदी, टौंस नदी, गिरी नदी, पब्बर नदी | |
चंबा | रावी नदी, चिनाब नदी | |
हमीरपुर | व्यास नदी | |
कांगड़ा | व्यास नदी, वाणा गंगा | नयोगला, बनेर, गज,बिनवा |
सोलन | जुग्गा की आशिवानी अली | दांभटोला व गंभर प्रसिद्ध खड्डे |
ऊना | सतलज नदी | स्वां, हटली, लुंखवि खड्डे |
मंडी | व्यास नदी | सिकंदरा, जनेत्रीत्, कंढा, शिकारी आदि प्रसिद्ध जलधाराएँ |
कुल्लू | व्यास नदी | सेज तीर्थन, मलाण नाला खडडे |
शिमला | सतलज नदी, गिरि, पब्बर |
हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें
जिला/क्षेत्र | झील का नाम | ऊंचाई (फीट मे) |
मंडी (40 किलोमीटर ) | कमरवाह | 2,500 फीट |
चंबा | लामा | 2,700 फीट |
(चम्बा से 45 किमी) | चदासख | 3,000 फीट |
किन्नौर | नाकी | 4,000 फीट |
कुल्लू | सूरकुंड या दशहरा | 14,500 फीट |
कांगड़ा (35 किलोमीटर) | कावेरी | 3,048 फीट |
कांगड़ा (धर्मशाला से 11 डल किलोमीटर) | 2,500 फीट | |
मंडी (37 किलोमीटर) | पाराशर | 3000 फीट |
मंडी (25 किलोमीटर) | रिवाल्सर | 3100 फीट |
चंबा | मणि महेश | 4,700 फीट |
शिमला (रोहड़ू) | चंद्र नहान | 4,267 फीट |
शिमला (रोहडु) | यूनामत्सो | 4,680 फीट |
लाहौल स्पीति |
चंद्र ताल | 4,883 फीट |
सिरमौर (वाहन से 42 रेणुका किलोमीटर) | 686 फीट | |
लाहौल स्पीति | ढेर कर छोह | 3,500 फीट |
मंडी | कमरू नाग | 3,500 फीट |
प्रमुख नदी हिमनद (ग्लेशियर)
जिला | हिमनद का नाम |
लाहौल | बड़ा शिगरी हिमनद |
कुल्लू | पार्वती हिमनद |
लाहौल | मियार हिमनद |
लाहौल | मुल्कीया हिमनद |
कुल्लू | दुधोव हिमनद |
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख झरने
जिला/क्षेत्र | झील का नाम | संबंधित नदी नहर |
कुल्लू | कासोल | पार्वती नदी |
चंबा | चनानू | ऊनू नहर |
कांगड़ा | सालोल | कांगड़ा घाटी |
मंडी | ताता पानी | सतलज नदी |
कांगड़ा | कोपरा | ऊनू नहर |
किन्नौर | ज्योरी | ऊनू नहर |
कुल्लू | वशिष्ठ | व्यास नदी |
कुल्लू | मणि कर्ण | पार्वती नदी |
कुल्लू | खीरगंगा | पार्वती नदी |
कुल्लू | राहला | ऊनू नहर |
नदौन | लुनानी | व्यास |
चंबा | सतधारा | ऊनू नहर |
व्यास | जवालाजी | व्यास |
कागड़ा | भग सुनाथ | ऊनू नहर |
शिमला | चैडविक | ऊनू नहर |
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