प्रशासनिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश को तीन मंडल, 12 जिला, 51उपमंडल, 75 तहसीलों, 34 उप तहसीलों एवं विकास खंडों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक आगे कानूनगो और पटवार सर्किलों में बांटा गया है। प्रत्येक पटवार सर्किल में पटवारी कानून को सर्किल में कानूनगों, उप तहसील में नए तहसीलदार और तहसील में तहसीलदार नियुक्त किया जाता है। प्रत्येक उपमंडल में उप मंडल अधिकारी (हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी) नियुक्त किया जाता है। नायब तहसीलदार और तहसील को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत कार्यकारी अधिकारी की शक्तियां प्राप्त होती है और उपमंडलाअधिकारी को, उपमंडल दंडाधिकारी व जिलाधीश को, भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है, जिला दंडाधिकारी की शक्तियां प्राप्त होती है तथा मंडल में कमिश्नर रैक का का अधिकारी होता है।
यह अधिकारी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल अपने अपने क्षेत्र में करते हैं। कानून व्यवस्था एवं शांति कायम रखने के लिए पुलिस इन के निर्देश अनुसार कार्य करती है। प्रदेश में भू राजस्व अधिनियम, 1954 के अंतर्गत इन अधिकारियों में से नायब तहसीलदार को अमृता द्वितीय श्रेणी, तहसीलदार को सहायक समाहर्ता प्रथम श्रेणी, उपमंडल अधिकारी को समाहर्ता की शक्तियां प्राप्त होती है। जिलाधीश को जिला समाहर्ता कहा जाता है। इन शक्तियों का प्रयोग यह अधिकारी भूमि संबंधी रिकॉर्ड को तैयार करने और उसे समय-समय पर पुनरावृति करने तथा भूमि संबंधी विवादों को सुलझाने में, भूमि सुधारों को लागू करने के लिए करते हैं।
- 1952 ई. में हिमाचल प्रदेश को एक उप राज्यपाल एक विधानसभा और एक लोकप्रिय मंत्री मंडल से युक्त भाग्य राज्य बनाया गया तो प्रशासनिक एकीकरण का कार्य केवल आशिक रूप से संपन्न हुआ।
- राज्य पुनर्गठन कानून के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को नवंबर 1956 ई. में एक राज्यपाल के अंतर्गत एक संघीय राज्य बनाया गया
- राज्य में विद्यालय स्तर तक शिक्षा, जिला स्तर तक चिकित्सा सेवाऑ और पशुपालन तथा ग्रामीण सड़क जैसे हस्तांतरित विश्व को निपटने के लिए का क्षेत्रीय परिषद का गठन किया गया है।
- हिमाचल प्रदेश में 1951 में मात्र 50 राजपत्रित और लगभग 3,000 अराजपत्रित अनियमित कर्मचारी थे।
- 1973 ई. तक उनकी संख्या बढ़ने से पंद्रह सौ राजपत्रित हैं, 64,000 अराजपत्रित, 5001 शमिक भुगतान वाले और लगभग 78,000 दैनिक भुगतान वाले कर्मचारी कार्यरत थे।
- राज्य में लगभग सरकारी कर्मचारियों की संख्या 1.90 लाख है। इस प्रकार लगभग 4.5% जनता सरकारी सेवाओं में लगी है। यह जनसंख्या अनुपात देश के किसी भी अन्य राज्य से अधिक है।
- राज्य का शासन राज्यपाल के नाम से चलता है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रधान होता है। उसको परामर्श और राज्य कार्य में सहयोग देने के लिए मंत्री परिषद होती है। जिसका प्रधान मुख्यमंत्री होता है। मुख्यमंत्री ही राज्य का वास्तविक शासक होता है। मुख्यमंत्री व उसकी परिषद विधानसभा की प्रति उत्तरदाई होती है।
- हिमाचल प्रदेश की विधानसभा वर्तमान में 68 सदस्य है। जिसके सभी सदस्य निर्वाचित होकर विधानसभा में प्रवेश पाते हैं।
- संविधान की राज्य सूची में वर्णित सभी विषयों पर विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार है।इसके अलावा संविधान की समवर्ती सूची में वर्णित विषयों पर विधानसभा कानून बना सकती है, परंतु उसे लागू करने से पूर्व राष्ट्रपति से अनुमति लेनी होती है।
- राज्य विधान सभा के गठन का प्रावधान संविधान की धारा 168 में किया गया है।
- हिमाचल प्रदेश में सभा बजट पारित करके प्रदेश के आर्थिक ढांचे पर नियंत्रण रखती हैं।
- राज्य में कर (टेक्स) आदि भी विधानसभा की स्वीकृति से ही लगाए जा सकते हैं।
- हिमाचल प्रदेश में राज्य मंत्रिमंडल अपने कार्यों के लिए विधानसभा के प्रति उत्तरदाई होता है। इस प्रकार विधानसभा शासन पर नियंत्रण रखती है।
- 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश में 3 सदस्य हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना की गई है। न्यायमूर्ति मिर्जा हमीदुल्लाह बैग इस उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं।
- वर्तमान में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित 7 न्यायाधीशों के पद है। उड़ने लेकर मुख्य व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति संविधान की धारा 217 के अधीन करते हैं। शेष अधिकारियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय की सिफारिश पर की जाती है।
- प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति 62 वर्ष व उच्च न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की आयु भी 62 वर्ष की निर्धारित की गई है।
- प्रदेश में मंत्रियों की सहायता के लिए स्थाई प्रशासनिक ढांचा है। मुख्य सचिव इसका प्रधान होता है।
- प्रशासन के प्रत्येक विभाग के कार्य की देखभाल के लिए स्थाई सचिव होते हैं। जो प्राय भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होते हैं।
- हिमाचल प्रदेश में 1 सितंबर, 1986 को प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना हुई जिसके प्रथम अध्यक्ष ठाकुर हीरा सिंह बने।
- हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त अधिनियम 1983 पास कर के 17 अगस्त 1983 से लोकायुक्त के पद का सृजन किया है।
- सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज श्री पीवीआर टाटाचारी प्रदेश के प्रथम लोकायुक्त नियुक्त हुए।
- लोकायुक्त मंत्रिमंडल के सदस्य (मुख्यमंत्री सहित) और राज्य के अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर सकता है।
- जस्टिस टाटाचारी के बाद जस्टिस आर बी मिश्रा को हिमाचल प्रदेश का लोकायुक्त बनाया गया। यह भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज है।
- 8 अप्रैल को प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना किया गया है। हिमाचल प्रदेश में प्रांतीय सेवाओं की भर्ती के लिए प्रांतीय लोक सेवा आयोग का गठन आवश्यक हो गया था।
- प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल K.H. कटोच थे।
हिमाचल प्रदेश में प्रशासनिक मंडल\उपमंडल तहसील एवं उप तहसील
जिला | उपमंडल | तहसील | उप तहसील |
बिलासपुर | बिलासपुर, घूमरावी | बिलासपुर घुमरावी झंडूता | श्री नैना देवी जी |
चंबा | चंबा, चौराहा, पागी, भरमौर, भटियात, सलूनी, डलहौजी चावड़ी | चंबा, चौराहा, पांगी, भरमौर | होली, सिहूता, भल्लई |
हमीरपुर | हमीरपुर, बड़सर, नदौन, सुजानपुर | हमीरपुर, बड़सर, भोंरेंज, नदौन | डटनौल |
कांगड़ा | कांगड़ा, पालमपुर धर्मशाला, नूरपुर देहरा, गोपीपुर बेदनाथ, जवाली जयसिंहपुर | नूरपुर, इंदौर, धीरा, जवाली, कांगड़ा, पालमपुर, कसाबा, कोटला, जसवा, देहरा, गोपीपुर, खुडिया, जयसिंहपुर, बैजनाथ, फतेहपुर, धर्मशाला, शाहपुर | हारचकिया, रकड़, |
किन्नौर | कल्पा, निचार पुह | निचार, कल्पा, पुह, सांगला, मोरंग | हागरंग |
कुल्लू | कुल्लू, आने बंजार , | कुल्लू, निरंमण्ड, बंजार, मनाली | आनी, सैज |
लाहौल स्पीति | केलांग, काजा, उदयपुर | लाहौल स्पीति | उदयपुर |
मंडी | मंडी, जोगिंदर नगर, सरकाघाट करशोक सुंदर नगर | मंडी, थूनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर, सुंदरनगर सरकाघाट | बाली चौकी सन्धोल ,कोटली, बुलंद वाड़ा वोट नहींर |
शिमला | शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण ठीयोग, रामपुर, चौपाल रोहड़ू | शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, सुनि ठीयोग, कोट खाई, रामपुर, कुमारसैन चौपाल, रोहड़ू, चंबल, चिडगांव, डोडरा कुवार | चेता, ननखड़ी, टिककर, |
सिरमौर | नाहन पोंटा, साहिब, राजगढ़ | नाहन, सिलाई, पांवटा साहिब, राजगढ़, रेणुका | दादादू,कमराव नोहरा |
उन्ना | उन्ना, अंब | उन्ना, अंब, बांगाणा | हरोली भरभई |
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