आज इस आर्टिकल में हम आपको झारखंड में स्वतंत्रता संग्राम और जनजातीय आंदोलन/विद्रोह के बारे में बताने जा रहे है.
झारखंड में स्वतंत्रता संग्राम और जनजातीय आंदोलन/विद्रोह
तमार विद्रोह
- वर्ष- 1789, 1794- 95
- स्थान – छोटा नागपुर
- विशेष- जमींदारों के शोषण के विरुद्ध
हो विद्रोह
- वर्ष- 1820-21
- स्थान – छोटा नागपुर
- विशेष- ब्रिटिश शासन के विरुद्ध
कोल विद्रोह
- वर्ष- 1830-31
- स्थान – छोटा नागपुर
- नेतृत्व बुधु भगत, सिंह राम तथा सुरमा
- विशेष- मुंडा, हो, उराव, खेरवार जनजातियों द्वारा जमींदारा और दिकुओ के विरुद्ध
भूमिज विद्रोह
- वर्ष- 1831-33
- स्थान – बीरभूम, सिंहभूम
- नेतृत्व- गंगा नारायण
- विशेष- लगान व्यवस्था के विरुद्ध
संथाल विद्रोह
- वर्ष- 1855-56
- स्थान – संथाल परगना
- नेतृत्व- सिद्धू कान्हू
- विशेष- ब्रिटिश औसत राजस्व नीति महाजन, साहूकार, रणनीति आदि के विरुद्ध।
खेरवार विद्रोह
- वर्ष- 1874
- स्थान- संथाल परगना
- नेतृत्व- भागीरथ मांझी
- विशेष- संथाल विद्रोह की असफलता के प्रतिक्रिया स्वरुप
मुंडा विद्रोह
- वर्ष- 1820-32
- स्थान – छोटा नागपुर
- विशेष- ब्रिटिश शासक नीति साहूकार, महाजन आदि के विरुद्ध।
ताना भगत आंदोलन
- वर्ष- 1913-14
- स्थान – छोटा नागपुर
- नेतृत्व- जतरा भगत, सिंबू, माया, देवीया
- विशेष- धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आंदोलन, गांधीवाद प्रभाव
विरसा विद्रोह
- वर्ष- 1890-99
- नेतृत्व- बिरसा मुंडा
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