किन्नर
12
रिकांगपियों
12 अप्रैल, 1960
6,401 वर्ग किलोमीटर
03, कल्पा, निचार,पुह।
05, निचार, कल्पा, पुह, सांगला, मूरंग।
01 (हागरंग)
02, किन्नौर (अनु जनजाति के लिए आरक्षित)
84121
46249
37872
7.61%
1000 : 818
80.0%
87.2%
70.9%
13 प्रति वर्ग किलोमीटर
8246
4200
4046
1000 : 953
किनौर राज्य रामपुर बुशहर रियासत का एक हिस्सा था। यहां के प्रसिद्ध शासक- प्रतपाल, प्रधुमन,चतर सिंह एवं के हरिसिंह थे जिसे अजान बाहू के नाम से जाना जाता है। किन्नौर के निवासी किन्नरों का भारतीय धार्मिक पुस्तकों, पुराणों में विवरण मिलता है। किन्नर लोग प्राय नृत्य गायन संगीत में बहुत परांगत होते हैं। इन लोगों में बहूपति प्रथा पाई जाती है। 13 नवंबर 1914 को बुशहर रियासत का अंतिम शासक राजा पदम सिंह गद्दी पर बैठा एवं 1947 तक शासन किया। राजा पदम सिंह के दो पुत्र हैं- राजा वीरभद्र सिंह और राजकुमार देवेंद्र सिंह। 1948 ई. में बूशहर राज्य, केंद्र शासित चीफ कमिश्नर क्षेत्र हिमाचल प्रदेश का अंग बनाया गया। 1960 तक वर्तमान किन्नौर जिला, महासू जिले की चिनी तहसील बना। कुछ समय पश्चात 1960 में ही किन्नौर हिमाचल प्रदेश का छठवां जिला बना।
27 69 मीटर
पहाड़ी मिट्टी
गेहूं, जो, मक्का, सूखे मेवे, अखरोट, बादाम, आंगला, काला जीरा, अंगूर।
सतलज नदी, भावा नदी, वास्पा नदी, पब्बर।
नाकी
ज्योरी (उन नहर पर)
सालवी, गुम्मा, धमवाड़ी, सुंडा, आंध्रा, धान्वी, (ज्योरी) परियोजनाएं।
यूरेनियम
शौधी
कांगड़ी, महासूवी।
एक छायाचित कुल वन्य जीव विहार, लिपा अंसरंग वन्य जीव विहार, रूपी भाभा वन्य जीव विहार।
फागुली, उखाग, दारकेनी, दीवाल, मोहांग, खेपा, लोहार सागला और छोटा दीवाल।
शॉट-टोंग बाग टू परियोजना, नाथ पा -झाकड़ी, भासपा परियोजना एवं थोपना परियोजना, प्रसिद्ध जल विद्युत परियोजनाएं।
राक्षस नृत्य (छम्बा) क्याग नृत्य, बाक्यांग नृत्य, बनयागुछू नृत्य, जातरू केयांग नृत्य, ।
पर्वत शिखर का नाम | समुद्र तल से ऊंचाई |
लियोथार | 20,373 फीट |
चिपकशिपकी | 19,824 फीट |
शीला | 21,075 फीट |
किन्नर कैलाश | 19,500 फीट |
लाहौल स्पीति तथा किन्नौर
किन्नौर
किन्नौर जिले में स्थित इस वन्य जीव विहार की समुद्र तल से ऊंचाई 3200 मीटर तथा अधिकतम ऊंचाई 5486 मीटर है। इस वन्यजीव क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 465 मिलीमीटर के लगभग होती है। इस वन्य जीव विहार का तापमान सामान्य से न्यूनतम-10c तथा अधिकतम 15 डिग्री सेल्सियस होता है। इस बिहार के संरक्षण देने के लिए पहली बार 1962 में तथा दूसरी बार 1974 में अधिसूचित किया गया है। यह वन्य जीव विहार 3411 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह विहार किन्नौर जिले में स्थित है। समुद्र तल से न्यूनतम ऊंचाई 4000 मीटर अधिकतम ऊंचाई 5022 मीटर है। इस क्षेत्र का तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 15 डिग्री सेल्सियस होता है। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 230 मिलीमीटर होती है। इस वन्य विहार को पहली बार 1964 में तथा दूसरी बार 1982 में अधिसूचित किया गया। इस बिहार में गुरिल्ला हिरण, भूरे भालू वह काले भालू, लियोपार्ड आदि जीव पाए जाते हैं।
यह वन्य जीव किन्नौर जिले में स्थित है। समुद्र तल से इसकी न्यूनतम ऊंचाई 909 मी टवर अधिकतम ऊंचाई 5650 मीटर है। इस क्षेत्र का सामान्यता न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस में अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस होता है। इस क्षेत्र में उस वार्षिक वर्षा 45 मिली मीटर के लगभग होती है। इस वन्य जीव विहार को पहली बार 1964 में तथा दूसरी बार 1982 में अधिसूचित किया गया। इस विहार में भूरे भालू , हिरण, लाल लोमड़ी, बारहसिंघा, लियोपोर्ड गोरिल्ला आदी जीव पाए जाते हैं।
यह परियोजना किन्नौर में ओहरी गांव में भाबा खंड में कार्य निर्मित की गई है। इसकी कुल 3 इकाइयां हैं। प्रत्येक इकाई में 40 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है। इस परियोजना के लिए पानी भाबा खंड से 5.7 किलोमीटर लंबी 2.5 मीटर व्यास वाली सुरंग से ले जाकर 4.5 मीटर वाली सार्जसोफ्ट में से ले जाकर भूमिगत पावर हाउस में डालकर विद्युत पैदा की जाती है।
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