आज इस आर्टिकल में हम आपको कुषाण वंश का इतिहास के बारे में बताने जा रहे है. कुषाण वंश ने 78 ईसा पूर्व से 125 ई. तक शासन किया था.
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कुषाण वंश का इतिहास
प्रथम सदी ईसवी में इस क्षेत्र में कुषाणों का अभियान हुआ. कुषाण शासक कनिष्क(78-125 ई.) द्वारा पाटलिपुत्र पर आक्रमण किए जाने और यहां के प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान अशवघोष को अपने साथ ले जाने की चर्चा मिलती है.
कुषाण साम्राज्य के पतन के बाद मगध पर लिच्छवियों का शासन रहा है. अन्य विद्वान मगध पर शक मरूडो का नियंत्रण मानते हैं. मगध पर आंध्र वंश के शासन का कोई शपथ प्रमाण नहीं मिलता है. कुषाण साम्राज्य के पतन के बाद विकेंद्रीकरण के युग की शुरुआत हुई. यह काल चौथी सदी ईसवी तक चलता रहा.