यह भौतिकी वह शाखा है. जिसमें बलों के अधीन पिंडों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है. भौतिक में सभी भौतिक राशियों को दो भागों में विभाजित किया जाता है.
किसी भौतिक राशि का उसके निश्चित मानक से तुलनात्मक अध्ययन ही मापन कहलाता है. उदाहरण- वस्तु का द्रव्यमान, लंबाई, बल, चाल, दूरी, विधुत धारा, घनत्व आदी.
इस पद्धति में लंबाई सेमी में, द्रव्यमान ग्राम में व्यस्त समय सेकंड में मापा जाता है. इसे मिलिट्री किया फ़्लैश पद्धति भी कहा जाता है.
इस पद्धति में लंबाई फुट में, द्रव्यमान पाउंड में तथा समय सेकंड में मापा जाता है. इसे ब्रिटिश पद्धति के नाम से भी जानी जाती है.
इस पद्धति में लंबाई मीटर में, द्रव्यमान किलोग्राम में तथा समय सेकंड में मापा जाता है. वैज्ञानिक मापों में इसका अधिक प्रयोग किया जाता है .
किसी राशि के मापन में उपयुक्त, उसी राशि के लिए गए मानक को मात्रक कहते हैं मात्र दो प्रकार के होते हैं- मूल मात्रक, व्युत्पन्न मात्रक है
मूल मात्रक उन राशियों को कहा जाता है तथा स्वतंत्र होते हैं, जो किसी दूसरी राशि पर निर्भर नहीं करते हैं, जैसे- लंबाई, द्रव्यमान, समय.
राशि | मात्रक का नाम | संकेत |
लंबाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकंड | s |
विद्युत धारा | एंपियर | A |
ताप | केल्विन | K |
पदार्थ की मात्रा | मॉल | mol |
ज्योति तीव्रता | केडला | cd |
व्युत्पन्न मात्रक उन राशियों को कहते हैं, जो मूल मात्रकों की सहायता से व्यक्त किए जाते हैं, जैसे- त्वरण, वेग, आवेग इत्यादि.
कार्य या ऊर्जा | जूल | j |
त्वरण | मी\ से2 | m\s2 |
दाब | पास्कल | pa |
बल | न्यूनटन | n |
शक्ति | वाट | w |
क्षेत्रफल | वर्ग मीटर | m2 |
आयतन | घन मीटर | m3 |
चाल | मीटर\सेकंड | m\s |
कोणीय वेग | रेडियन\सेकंड | rad\s |
आवृत्ति | भारत आज | hz |
स्वैग | किलोग्राम मी\सेकंड | Kg m\s |
आवेग | न्यूनतम\सेकंड | N\s |
पृष्ठ तनाव | न्यूनटन\मीटर | N\m |
विद्युत आवेश | कूलाम्ब | C |
विभवांतर | वोल्ट | V |
विद्युत प्रतिरोध | ओम | O |
प्रेरक चुंबकीय फ्लक्स | वेबर | – |
ज्योति फ्लक्स में | ल्युमैन | – |
प्रकाश तरंगधैर्य | एग्सट्राम | A |
प्रकाशीय दूरी | प्रकाश वर्ष | m |
तलीय कोण तथा घन कोण पूरक राशियाँ है तथा इनके मात्रक क्रमशः रेडियन तथा स्टेरेडियन है.
राशि | मात्रक | संकेत |
समतल कोण | रेडियन | rad |
घन कोण | स्टेरेडियन | SR |
जिन राशियों की दिशा नहीं होती, उन्हें अदिश राशि कहते है. जैसे- दूरी, द्रव्यमान, चाल, कार्य, समय,उर्जा, विद्युत धारा, दाब इत्यादि.
जिन राशियों की दिशा नहीं होती, वो सदिश राशि कहलाती है. जैसे- विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग तथा बल आघूर्ण इत्यादि.
भौतिक राशियों के व्युत्पन्न मात्रक निकालने के लिए मूल मात्रकों पर घात निकालना पड़ता है.
इस क्रम में मूल राशि फल उत्पन्न कहां से लिए गए व्युत्पन्न राशि के संबंध देते मूल राशि के आधार पर विमाए कहलाती है.
किसी व्युत्पन्न राशि का विमीय सूत्र निम्न रूप से व्यक्त किया जा सकता है- जहां a, b, c = 0 ,12…….
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