वायरलेस संचार क्या है?

वायरलेस संचार एक एन्हेनस्ड  इलेक्ट्रिकल कंडक्टर अथवा वायरस को उपयोग किए बिना विभिन्न दूरियों के मध्य सूचनाओं को प्रसारित करने वाली प्रणाली है.

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वायरलेस संचार की पीढ़ियां

1G प्रथम पीढ़ी: एन्लोंग सेलुलर नेटवर्क

1G वायरलेस टेलीफोन तकलीफ की पहली पीढ़ी है. यह वह दूर संचार के मानक हैं, जिन्हें 1980 में विकसित किया गया और 1G नेटवर्क में फिलिप्स रेडियो संकेत प्राइस एंलॉन्ग के होते हैं.

2G द्वितीय पीढ़ी: डिजिटल नेटवर्क

1G नेटवर्क के रेडियो सिग्नल एंलॉन्ग होते हैं जबकि 2G नेटवर्क के रेडियो सिग्नल डिजिटल होते हैं. यह दोनों प्रणालियों रेडियो टॉवरों को बाकी टेलीफोन प्रणाली जोड़ने के लिए डिजिटल सकेत को का उपयोग करते हैं. इसकी प्रमुख विशेषताएं यह है, कि इसमें फोन पर की जाने वाली बातचीत डिजिटल एंक्रिप्टेड होती है.

3G तृतीय पीढ़ी:  हाई स्पीड डाटा नेटवर्क

3G ने प्रौद्योगिकी के रूप में अगली पीढ़ी का प्रारंभ किया. दोनों तकनीक को 3G में 2G के मुख्य अंतर यह है ताकि डेटा स्थानांतरण के लिए सर्किट स्विचिंग के स्थान पर पैकेट स्विचिंग का प्रयोग किया जाने लगा.

4G चतुर्थ पीढ़ी: मोबाइल ब्रांडेबैड में वृद्धि

यह 3G मोबाइल कम्युनिकेशन मानकों की अगली कड़ी है. इंटरनेशनल मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशन एडवांस  सपेसिफिकेशन के अनुसार, 4जी सेवाओं के लिए, संचार के लिए 100 मेगाबाइट प्रति सेकंड इत्यादि

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