मानव में मादा जनन तंत्र

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मानव में मादा जनन तंत्र

मानव में मादा जनन तंत्र
मानव में मादा जनन तंत्र

अंडाशय

यह संख्या में दो होती है तथा प्राथमिक लैंगिक अंग है। यह ग्राफियन फॉलिकल में अड/डिंब उत्पन्न करती है। यह लगभग 3 cm x 1.5 cm x 1 cm आकार की होती है। यह उदर गुहा में वृक्क के पास स्थित होती है। यह एक झिल्ली के द्वारा शरीर की भीती के साथ लटकी होती है।

कार्य

  • अंड उत्पादन।
  • मादक सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन तथा प्रोगैस्टरॉन का उत्पादन। प्रत्येक अंडवाहिनी नलिका लगभग 12 सेंटीमीटर लंबी पेशीय नलिका होती है।

अंड/डिंब वाहिनी – मानव में मादा जनन तंत्र

  • प्रत्येक अंडवाहिनी अंडाशय से अंड ग्रहण करती है।  तथा उसे गर्भाशय तक स्थानांतरित करती है ताकि उस का रोपण हो सके।
  • अंड का निषेचन भी अडवाहिनी नली में ही होता है।

गर्भाशय

यह एक बड़ा लचीला थैला है जिसे  गर्भाशय कहते हैं। इसमें 2 डिंबवाहिनी नलिकाए में खुलती है। नीचे वाला पतला भाग ग्रीवा कहलाता है जो योनि में खुलता है।

कार्य

  • शिशु का विकास गर्भाशय के अंदर होता है।
  • यह विकसित हो रहे बच्चे को विशेष उत्तक अपरा के माध्यम से पोषण उपलब्ध करवाता है।

योनि

यह लगभग 7.5 सेंटीमीटर लंबी एक पेशीय ट्यूब होती है। इसे जन्म नलिका भी कहते हैं। यह एक संभोग अंग भी है क्योंकि यह शिश्न को ग्रहण करती है।

कार्य

  • यह नर के साथ संभोग करने/जुड़ने के काम आती है।
  • यह नर से शुक्राणु ग्रहण करती है।

बाह्रा जनन अंग

योनि के सामने एक गड्ढा सा होता है जिसे वैस्टिबुल कहते हैं। इसके साथ त्वचा के दो पेशीय मोड (झिलिया) लेबिया माइनर तथा लेबिया मेजर होते हैं।

कार्य

  • यह योनि को ढकते हैं।
  • इनमें संवेदी उत्तक होता है जिसे भग कहते हैं ( जो नरों में शिश्न के समाजात होता है)

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