वित्त मंत्री जयंत मलैया ने 28 फरवरी 2018 को शिवराज सरकार का आखिरी बजट पेश कर दिया। उन्होंने 2018-19 के लिए ₹2 लाख 4 हजार 642 करोड़ का बजट पेश किया, जबकि वित्त वर्ष 2017 और 18 में मध्य प्रदेश का बजट 1 लाख रुपए 85 हजार 564 करोड का था। पिछले वित्त मंत्री ने ₹26,000 780 करोड के घाटे का भी जिक्र है। वित्त मंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं की।
सरकार ने इस बजट में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसे चैप्टर ₹37 हजार 498 करोड खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस बजटीय प्रावधान से प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था, नहरें बोरवेल, खाद के साथ ही मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही है। बजट में वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा है कि सरकार कृषि सिंचाई सुविधा में लगातार विस्तार कर रही है। इसी का नतीजा है कि मध्य प्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण अवार्ड मिल चुका है।
वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो इसके लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। 2002 में हॉर्स पावर का उपयोग 0.75 प्रति हेक्टेयर था, जो वर्तमान में बढ़कर 1.5 हॉर्स पावर प्रति हेक्टेयर हो गया है। वहीं धान का उत्पादन 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पर पहुंच गया है। इसके अलावा 2003 में प्रदेश में 10 लाख कृषि सिंचाई पंप थे, जो कि 2018 में बढ़कर 27 लाख हो गए।
मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई पंप वितरण योजना के तहत सरकार 2018 में 1,20,000 सिंचाई पंप वितरित करेगी। वहीं प्रदेश में नई माइक्रो सिंचाई सुविधाएं शुरू करने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएगी। वित्त मंत्री ने 2003 से लेकर अब तक प्रदेश में 1125 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को फिर से सुविधा बढ़ाने की बात कही है।
बजट में उद्यानिकी और मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा निवेश करने की बात कही है। हॉर्टिकल्चर के लिए 1000 करोड से अधिक के निवेश समझौता सरकार द्वारा किया गया है। वहीं 5189 लाख का प्रावधान मत्स्य उत्पादन के लिए प्रस्तावित है। इसके साथ ही सरकार ने बनोत्पादक का क्षेत्र के लिए 2506 करोड रुपए खर्च का लक्ष्य रखा है। दूध उत्पादन पर सरकार 1038 करोड खर्च करेगी। बजट में हॉर्टिकल्चर फसल प्याज के किसानों को भावांतर योजना के तहत लाने के लिए 250 करोड रुपए का लक्ष्य रखा है।
प्रदेश में लगातार उद्योग को बढ़ाने देने की बात कहने वाली शिवराज सरकार के आखिरी बजट में उनके हाथ मायूसी लगी है। उद्योग संवर्धन के लिए सरकार ने मात्र 840 करोड रुपए का प्रावधान किया है। जबकि उद्योग क्षेत्र की मांग थी कि औद्योगिक संवर्धन के लिए ₹5000 का फंड बनाया जाए। वहीं स्वरोजगार योजना के लिए मात्र ₹400 का प्रावधान किया गया है। जबकि उद्योग क्षेत्र की मांग थी कि औद्योगिक संवर्धन के लिए ₹5000 का फंड बनाया जाए। वहीं स्वरोजगार योजना के लिए मात्र ₹400 का प्रावधान किया है जबकि सरकार ने बजट में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अगले वित्त वर्ष में 1,13,285 इकाइयों के स्थापना का लक्ष्य रखा है। जो कितने बजट में करना मुमकिन नहीं है हालांकि खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर सहित अन्य सेक्टर में स्थापित कंपनियों को निवेश रांची में छूट की बात कही गई है। वहीं बजट में वित्त मंत्री ने 2,64,740 व्यापारियों के जीएसटी पंजीयन करवाने की बात का जिक्र किया है।
वित्त मंत्री ने इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए क्षेत्र में काफी ध्यान देने की बात कही है लेकिन जानकारों का कहना है कि जिन प्रयोजनों का उल्लेख किया गया है। उसमें से अधिकतर पुरानी योजनाएं हैं जिन पर काम किया जा रहा है। बजट में अगले वित्त वर्ष में 3000 किलोमीटर नई सड़क निर्माण का प्रस्तावित किया गया है। सरकार प्रदेशभर 532 नई सड़कों का निर्माण करेगी, इंदौर भोपाल के बीच है. 6 लेन के एक्सप्रेस वे के निर्माण को सिद्धांतिक मंजूरी दे दी। इसके अलावा आवागमन को सुगम करने के लिए जबलपुर, औरत और सागर में नए बाईपास बनाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश में 38 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा बजट में स्मार्ट सिटी के लिए ₹700 का प्रावधान रखा गया। इसके अलावा भोपाल इंदौर में मेट्रो ट्रेन परियोजना का काम 2018 और 19 में शुरू हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने इस बार बजट में शिक्षा के लिए काफी धन खर्च करने का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने स्कूली शिक्षा के लिए 27 हजार 724 करोड रुपए का बजट रखा है, बजट में 720 नए हाई स्कूलों का निर्माण करवाए जाने का जिक्र भी किया गया है। अगले वित्त वर्ष में प्रदेश में 17 नए सरकारी महाविद्यालयों की स्थापना की बात भी कही। इसके अलावा लड़कियों की शिक्षा के लिए मध्यप्रदेश में 1501 करोड रुपए का विशेष कोष बनाया जाएगा। वहीं मध्य प्रदेश में 6 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। सरकार ने 3000 करोड रुपए सर्व शिक्षा अभियान के तहत आवंटित किए जाने का प्रावधान किया। आयुष शिक्षा के लिए भी 413 करोड रुपए का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने प्रदेश में अध्यापक सौरभ को समाप्त कर शिक्षक को राज्य सरकार के अधीन लाने की बात दी गई है।
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