इस आर्टिकल में हम आपको नोनिया विद्रोह (1770-1800 ई.) का इतिहास के बारे में बताने जा रहे है. नोनिया विद्रोह बिहार के नोनिया जाति द्वारा किया गया था. नोनिया विद्रोह की पूर्ण जानकारी हम आपको नीचे बता रहे है.
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नोनिया विद्रोह (1770-1800 ई.) का इतिहास
बिहार में शोरे की उत्पादन का मुख्य केंद्र हाजीपुर, तिरहुत, सारण और पूर्णिया था. शोरे की मिट्टी इकट्ठा करने और उसे तैयार करने का काम नोनिया करते थे.
शोरा का उपयोग मुख्यत: बारूद बनाने में होता था ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता का शिकार इन्हें भी होना पड़ा, अत: इन्होंने भी अंग्रेजी राज के विरुद्ध छोटे-मोटे ही सही, किंतु विद्रोह किये.
Nonia jati ka itihas bahut Hi purana aur gourousali hai per itihas banane wale brabhno be nania jati itihas mitta diya
जाय नोनिया समाज
जय भवानी
Noniya samaj par hame garb hai ham ourse kam nahi jay noniya samaj jay bharat jay hind
Ganesh Singh. Mahuliya madhubani Bihar