आज इस आर्टिकल में हम आपको प्राक इतिहास काल के बारे में बताने जा रहे है. जिस समय के मनुष्यों के जीवन की जानकारी का कोई लिखित साक्ष्य मिलता उसे प्राक इतिहास किया प्रागेतिहास कहा जाता है. इस समय मानव के पास पत्थर के औजार और हथियार थे, प्राप्त अवशेषों से ही हम उस काल के जीवन को जानते हैं. इसमें उपलब्ध प्रमाण उनके औजार हैं.जो प्राय पत्थरों से निर्मित है. ए कनिंघम को प्रेगेतिहासिक पुरातत्व का जनक कहा गया है.

मूल अधिकार से जुड़े सवाल और उनके जवाब
पुरापाषाण काल के नियम मध्य एवं उच्च पुरापाषाण काल में विभाजित किया जाता है. पश्चिमोत्तर भारत के सोहन घाटी क्षेत्र में पुरापाषाण संस्कृति के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. या सतीश तोतला नामक स्थान से हस्तकुठार .तथा शल्क पाए जाते हैं.
मध्य पाषाण काल
मध्य पाषाण काल में क्वाटरजाइट के ओजार तथा हथियार बनाए जाते हैं. पश्चिम बंगाल के वीरभानपुर, गुजरात के लघनाज, मध्य प्रदेश के आजमगढ़ तथा राजस्थान के बागोर से मध्य पाषाण कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं.
उत्तर वैदिक काल से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी
नवपाषाण काल में पहिए का आविष्कार हुआ. इस समय की प्रमुख विशेषता खाद उत्पादन, पशुओं के उपयोग की जानकारी तथा स्थिर प्राय: जीवन का विकास था. तीसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व में तस्वीर में एक समृद्ध नवपाषाण कालीन स्थल बुर्जहोम एवं गुफफ्कराल का पता चला है.
ताम्रपाषाण काल
इस काल में औद्योगिकरण का विकसित रूप देखने को मिला था, यह पाषाण काल का अंतिम समय था. इस समय तांबे की खोज हुई थी.
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