इस आर्टिकल में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता है? कौन कौन से ऐसे पॉइंट है जिनसे पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन आता है?
गर्म करने पर जब ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित होते हैं तो उनमें से अधिकांश में यह परिवर्तन एक विशेष दाब पर या एक नियत ताप पर होता है, यह नियत ताप वस्तु का द्रवणांक कहलाता है. जब तक पदार्थ गलता रहता है तब तक ताप स्थिर रहता है यदि विशेष दाब नियत रहे.
1. उन पदार्थों के द्रवणांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाते हैं जिनका आयतन गलने पर बढ़ जाता है जैसे मोम, तांबा इत्यादि.
2. उन पदार्थों के द्रवणांक दाब बढ़ने पर घट जाता है जिन का आयतन गलने पर घट जाता है जैसे बर्फ, ढलवां लोहा इत्यादि.
किसी ठोस को उसके द्रवणांक पर गलने के लिए ऊष्मा की आवश्यकता होगी जो उसकी गुप्त ऊष्मा होगी. यह ऊष्मा साधारणत बाहर से मिलती है जैसे जल में बर्फ का टुकड़ा मिलाने पर बर्फ गलेगी परंतु करने के लिए द्रवणांक पर वह जल से ऊष्मा लेगी जिससे जल का तापमान घटने लगेगा और मिश्रण का ताप घट जाएगा. हिमकारी मिश्रण का बनना इसी सिद्धांत पर आधारित है. उदाहरण:- घर पर आइसक्रीम जमाने के लिए नमक का एक भाग और बर्फ का 3 भाग मिलाया जाता है और इससे मिश्रण का ताप -22 डिग्री प्राप्त होता है.
वाष्पन की क्रिया कुछ बातों पर निर्भर करती है:-
क्वथनांक का कम होना:- क्वथनांक जितना कम होगा वाष्पन की क्रिया उतनी ही अधिक तेजी से होगी.
द्रव का ताप:- द्रव का ताप अधिक होने से वाष्पन अधिक होगा.
द्रवों के खुले पृष्ठ का क्षेत्रफल:- क्षेत्रफल अधिक होने पर वाष्पन तेजी से होगा.
द्रव के पृष्ठ पर:-
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