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आज इस आर्टिकल में हम आपको बिहार के प्राचीन गणराज्य – Bihar GK Hindi के बारे में बताने जा रहे है.
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बिहार के प्राचीन गणराज्य – Bihar GK Hindi
- गणराज्य आधुनिक बिहार राज्य के शाहाबाद भोजपुरी और मुजफ्फरनगर जिलों के बीच स्थित था.
- बुली लोग बौद्ध धर्म के अनुयाई थे. महापरिनिर्वाण सूत्र के अनुसार बौद्ध की मृत्यु (487 ईसा पूर्व) के पश्चात उन्होंने उनके अवशेषों का एक भाग प्राप्त किया तथा उस पर स्तूप का निर्माण करवाया.
वैशाली के लिच्छवी
- बुद्ध काल के सबसे बड़े तथा शक्तिशाली राज्य वैशाली की लिच्छवी राज्य की स्थापना सूर्य वंश के संस्थापक इक्ष्वाकु के पुत्र विशाल ने की थी.
- ईसा पूर्व 7 वीं सदी के आसपास वैशाली का राजतंत्र गणतंत्र में परिवर्तन कर दिया गया था.
- कालांतर में वज्जी महा संघ की राजधानी वैशाली बनाई गई थी. जिसकी सीमाएं वर्तमान वैशाली और मुजफ्फरनगर जिला तक फैली हुई थी.
- लिच्छवी वज्जी संघ में सर्व प्रमुख थे. महावग्ग जातक में वैशाली को एक धनी , तथा धनी आबाद वाला नगर कहा गया है. यहां उनके सुंदर भवन चेल्य तथा विहार थे.
- एकपण जातक से स्म्पष्ट होता है कि वैशाली नगर चारों ओर से 3 दीवारों से घिरा हुआ था. प्रत्येक दीवारें एक दूसरे से एक योजन दूर थी और उसमें पहले के मीनारों वाले तीन द्वार बने हुए थे.
- लिच्छवीयों ने महात्मा बुद्ध के निवास हेतु महावन में प्रसिद्ध कटार गौशाला का निर्माण करवाया था, जहां रहकर बुद्ध ने उपदेश दिए थे.
- लिच्छवी लोग अत्यंत सभी भिमानी और स्वतंत्रता प्रेमी थे. उनकी शासन व्यवस्था संगठित थी.
- बुद्ध काल में अपनी समृद्धि की पराकाष्ठा पर है स्थित लिच्छवी का राजा चेटक था, जिसकी कन्या चेल्ह्ना का विवाह मगध नरेश बीबिंसार के साथ हुआ था. इस संबंध में ललित विस्तार में उल्लेख मिलता है.
- महावीर की माता त्रिशला चटक की बहन थी.
- बिंबिसार के काल में लिच्छवी लोग काफी शक्तिशाली थे. महात्मा बुद्ध ने उनकी एकता शक्ति और बड़ा राज्य की काफी प्रशंसा की है.
- जैन साहित्य से पता चलता है कि अजातशत्रु के विरुद्ध चटकने मल, काशी तथा कौशल के साथ मिलकर एक सम्मिलित मोर्चा बनाया था.
- कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में भी उनका वर्णन है.
- पाणिनि ने ब्रिज नाम लिखा है पर लिच्छवीयों का उल्लेख नहीं किया है.
- कात्यायन और पंतजलि ने भी बिंदुओं का वर्णन किया है जिनका सार्वभौमिक राज्य था.
- गुप्त वंश की प्रसिद्धि लिच्छवीयों के साथ विवाह संबंध स्थापित करने से हुई.
- चंद्रगुप्त प्रथम ने कुमार देवी, जो लिच्छवी राजकुमारी थी, से विवाह किया.
- लिच्छवीयों पहले खाला की रामायण, महा महाभारत को और बौद्धिक साहित्य में नहीं हुआ है, किंतु पाली धर्म ग्रंथों में उनका नाम अनेक बार आया है.
- लिच्छवी व्ज्जियों का हिस्सा थे. नेपाल की वंशावली के अनुसार लिच्छवी लोग सूर्यवंशी थे.
- रोकहिल के अनुसार शाक्य और लिच्छवी एक जाति की दो शाखाएं थी.
- मनु के अनुसार लिच्छवी लोग वात्याक्षत्रिय थे. VA स्मिथ के अनुसार लिच्छवी लोग तिब्बत से आए थे. परंतु इसके अनेक विद्वान सहमत नहीं है.
मिथिला के विदेह
- बिहार के भागलपुर तथा दरभंगा जिला के भू भाग में विदेह गणराज्य सती था.
- प्रारंभ में यह राजस्थान था. यहां के राजा जनक अपनी शक्ति एवं दार्शनिक ज्ञान के लिए विख्यात थे. मिथिला के विदेहों का वर्णन वेदो, ब्राह्मणों, रामायण और महाभारत में आता है. उस समय उनका राज्य राजतंत्रात्मक शासन के अधीन था. लेकिन बुद्ध काल में यह संघ राज्य बन गया. विदेह लोग भी वज्जी संघ के सदस्य थे. उनकी राजधानी मिथिला जनकपुर में स्थित थी.
- बुद्ध के समय मिथिला एक प्रसिद्ध व्यापारिक नगर था, जहां श्रास्वती के व्यापारी अपना माल लेकर आते थे.
- इन दिनों क्षेत्र में 8 छोटे बड़े गणराज्यों का उद्भव हुआ. शक्तिशाली गणतंत्रों से घिरे होने के कारण ही इन सभी ने मिलकर वज्जी महा संघ की स्थापना की जो बाद में लिच्छवी सन के नाम से विख्यात हुआ.
- विदेह राजवंश का प्रारंभ इक्शावुक के पुत्र निमी विदेह से माना जाता है, जो सूर्यवंशी थे.
- दूसरे राजा मीथी जनक विदेह थे, जिसने मिथिला की स्थापना की. इसके बाद सभी राजाओं के नाम में जनक शब्द जोड़ने लगा. विधि है राजवंश के 25 वें राजा श्रीध्वज जनक थे, जिन की पुत्री सीता का विवाह अयोध्या नरेश दशरथ पुत्र राम के साथ हुआ.
- इस वर्ष के प्रारंभिक चरण में कुल 53 राजा हुए थे. विदेह राजवंश के द्वितीय चरण में कुल 15 राजा हुए, जिनमें जनक विदेह का नाम सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. इन के दरबार में विद्वानों की एक प्रतियोगिता हुई जिसमें याज्ञवल्क्य विजयी हुए. इनकी जानकारी वृहदारण्यक उपनिषद से मिलती है.
- इस राज्य उसमें करल जनक आखरी राजा हुए. इसके बाद मगध के राजा महापद्मनंद ने इसे अपने राज्य में मिला लिया.
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