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भारतीय रेलवे सामान्य जागरूकता के बारे में जानकारी

फ्लेक्सी फेयर सिस्टम

संशोधित फ्लेक्सी फेयर सिस्टम का उद्देश्य यात्रियों के अनुकूल होना चाहिए ताकि ऐसे यात्री जो प्रारंभ में टिकट बुकिंग करें तो उन्हें अपेक्षाकृत अधिक लाभ प्राप्त होता हो उसको रेलवे ने कम करने का प्रयास किया, जिससे यात्रियों को बुकिंग के समय का प्रावधान किया जा सके.

सितंबर 2016 में शुरू की गई प्रणाली का लक्ष्य मांग के आधार पर अंतरिक्ष राजस्व उत्तर करने और भाड़े के गतिशील मूल्य के माध्यम से सब्सिडी को कम करने का लक्ष्य है. वर्तमान मॉडल के तहत, आधार किराए में 10% की बढ़ोतरी होती है, जो प्रत्येक 10% बर्थ के बुकिंग के अनुसार निर्धारित सीमा तक होती है. प्रमुख प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की शुरुआत के बाद, कुछ वर्ष खाली जा रहे थे. जब एक ही समय में भारी मांग के कारण कई मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में कई यात्रियों को शामिल नहीं किया जा सकता था.

विकल्प स्कीम

नई आरक्षण सकी जिससे विक्लप या अल्टरनेट ट्रेन एकोमोडेशन स्कीम (वैकल्पिक ट्रेन आवास योजना) कहा गया है. ऐसे यात्रियों, जिन्होंने अन्य मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में टिकट बुक किए हैं, बिना किसी अतिरिक्त लागत के प्रीमियम यात्रा का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं. इस तरह की योजना के माध्यम से प्रीमियम ट्रेनों में खाली बर्थ का उपयोग करना है.

प्रतीक्षा सूची वाले टिकट प्राप्त लोगों को उसी मार्ग पर किसी भी अन्य ट्रेन का विकल्प चुनने का एक विकल्प है मिलेगा, अगर मूल टिकट यात्रा के दिन आरक्षित नहीं हो जाती है.

नई रेलवे कैटरिंग पॉलिसी-2017

नई रेलवे कैटरिंग पॉलिसी-2017 के मुख्य बिंदु निम्न है-

  • इसके तहत खाना पकाने और भोजन वितरण के काम को अलग कर दिया गया है.
  • रेलवे कैटरिंग पॉलिसी – 2017 के अंतर्गत अत्याधुनिक खाना पकाया जाएगा और क्षेत्र की सेवा इकाइयों के माध्यम से इसका वितरण होगा. किसी पॉलिसी में ठेकेदारों को नए लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया.
  • कैटरिंग की जिम्मेदारी आईआरटीसी को सौंपी गई है.
  • रेलवे कैटरिंग पॉलिसी – 2017 के तहत आईआरटीसी को रेलवे बोर्ड से लेकर खाने का मेंन्यू और इसके मूल्य को निर्धारित करने का अधिकार होगा.
  • सभी स्टेशनों के में महिलाओं को 33% को सब- कोटा प्रदान किया जाएगा.

प्रोजेक्ट नीलगिरी

वर्तमान में भारतीय रेलवे में प्रोजेक्ट नीलगिरी कोर्डी के नाम से Google के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके अंतर्गत पहले चरण के 4 महीने में लगभग 400 स्टेशनों पर वाईफाई, हॉटस्पॉट की सुविधा स्थापित होगी. निशुल्क वाई-फाई कनेक्टिविटी की सुविधा ऐप्स पर भेजे गए एक बार के पासवर्ड के माध्यम से यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी.

वर्तमान में भारतीय रेलवे उपग्रह संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन जैसे चलने वाली ट्रेनों के बारे में ही वाई-फाई कनेक्टिविटी प्रदान की है. दूसरे चरण में इस तकनीक का उपयोग अन्य दूसरी चलती ट्रेन में वाई-फाई देने हेतु सुविधा किया जाएगा.

CNG ट्रेन

रेलवे मंत्रालय द्वारा हरियाणा के रेवाड़ी और उत्तर प्रदेश के बीच भारत की पहली कंप्रेस्टू नेचुरल गैस (CNG) संताली ट्रेन को हरी झंडी दिखा दी है. यह डीजल इलेक्ट्रो की मल्टीपल यूनिट द्वारा संचालित की जा रही है. यह दूरी इंधन प्रणाली-डीजल और सीएनजी पर आधारित है. इस ट्रेन का 1,400 एचपी इंजन के साथ दोहरी-इंधन प्रणाली पर चलाया जा रहा है. यह ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है

ऑपरेशन फाइव  मिनटस

यह एक पेपर रहित अनारक्षित टिकट के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन है. इस सुविधा में यात्रियों को टिकट लेने की आवश्यकता नहीं है, उनके मोबाइल फोन में ही उन्हें सुरक्षित के साथ यात्रा की अनुमति मिल जाएगी. बुकिंग के दौरान यात्री को मार्गदर्शन के लिए आवेदन ऑन स्क्रीन प्रदान किया जाता है. टिकट के लिए भुगतान एप्लीकेशन में रेलवे के माध्यम से किया जाता है.

यात्रा टिकट का नियम डेटा बेस में एनक्रिप्टेड रुप में  संग्रहित किया जाएगा, जिस चीज छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.

सेतु भारतम परियोजना

सेतु भारतम परियोजना कार्यक्रम का उद्देश्य 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त करना है. ऐसा लगातार हो रही दुर्घटनाओं और उनसे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किया जा रहा है.

भारतीय रेलवे में समझौता ज्ञापन

रेल मंत्रालय ने विभिन्न विदेशी सरकारों और राष्ट्रीय रेलवे के साथ रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं. संयोग के पहचाने जाने वाले क्षेत्रों में हाई-स्पीड कॉरिडोर, मौजूदा मार्गों की गति बढ़ाने, विश्व क्षत्रिय स्टेशनों का विकास, भारी ढोडी ऑपरेशनों और रेल बुनियादी डांसरों के आधुनिकीकरण आदि शामिल है.

सहयोग हित के क्षेत्रों में रेलवे प्रौद्योगिकीकरण और संचालन, ज्ञान बांटने, तकनिकी यात्राओं, प्रशिक्षण और सेमिनारों और कार्यशालाओं के क्षेत्र में विकास के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से हासिल किया है. समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कृष्णा रोलिंग सटाक, इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट और ट्रेन सेट, प्रणोदन उपकरण, माल ढुलाई, रेलवे विद्युतीकरण उपकरण, पूर्ण प्रकरण में सहयोग करता है.

स्पेन और भारत के बीच सहयोग इस तथ्य से स्पष्ट है कि भारतीय रेलवे ने बरेली मुरादाबाद खंड पहली टैंलगों ट्रेनों का परीक्षण किया था, जिसके बाद पलवल- मथुरा फंड प्रदूषण परीक्षण चलाया गया था. स्पेनिश टेल्गो ट्रेन ने पिछले साल सितंबर में अपने अंतिम परीक्षण को दिल्ली और मुंबई के बीच 12 घंटे से कम समय में 150 किमी प्रति घंटे की गति की अधिकतम गति को पूरा किया, जिससे भारतीय रेलवे के भविष्य के उद्यमों में शामिल होने का मामला सामने आया.

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