कंपन अवस्था में।
किसी वस्तु के बार-बार आगे पीछे या ऊपर नीचे गति करने को कंपन कहते हैं।
वाक यंत्र या कंठ
वाक तन्तु
जो वाक- तन्तु तने हुए और पतले होते हैं तो उच्च आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न होती है इस ध्वनि का तारत्व भी अधिक होता है।
ठोसों में।
द्रवों में ध्वनि की गति सबसे अधिक होती है।
लगभग 332m/s
लगभग 340 m/s
प्रकाश।
लगभग 3 x 10-8 m/s
तीन भाग- बाह्रा, मध्य, आंतरिक कर्ण
कर्ण-पटह
प्रति सेकंड होने वाले दोलनों किस संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं।
1 Hz आवृत्ति से अभिप्राय है एक सेकंड में एक दोलन पूरा होता है।
एक आवृत्ति को पूरा होने में लगभग वाला समय आवृत्ति का आवर्तकाल कहलाता है।
50 Hz
ध्वनि की प्रबलता कंपनी के आयाम द्वारा निर्धारित की जाती है।
20 HZ से कम जिसे हम सुन ही नहीं सकते ।
आवर्त काल का SI मात्र सेकंड है।
आवृति का SI मात्रक hz है।
आयाम का SI मात्र मीटर है।
मंद।
ध्वनि प्रबल होगी।
20 hz से 20 khzके बीच की दूरी को मनुष्य सुन सकता है इसे श्र्वय ध्वनि कहते हैं?
20 hz से कम व 20 khz से अधिक की ध्वनि मनुष्य नहीं सुन सकता इसे अश्र्वय ध्वनि कहते हैं ।
कुत्ते तथा चमगादड़।
चमगादड़ व डॉल्फिन
पराश्रव्य ध्वनि से।
अप्रिय ध्वनि को शोर कहते हैं।
वाधयंत्रों की प्रिय ध्वनियाँ सुस्वर ध्वनियाँ या संगीत कहलाती है।
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