आज इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड के महत्वपूर्ण तथ्य बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप अपने आगामी एग्जाम की तैयारी कर सकते है.
उत्तराखंड के महत्वपूर्ण तथ्य
- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार उत्तराखंड में हरिद्वार के निकट स्थित कनखल में ब्रह्मा के पुत्र दक्ष प्रजापति ने मानव वंश का शुभारंभ किया था।
- उत्तराखंड में पाषाणयुगीन उपकरणों की खोज गढ़वाल हिमालय में कालसी (देहरादून) तथा अलकानंद के समीप( श्रीनगर) और विद्यांचल के पास बेलन तथा सोन नदियों की घाटीयों में हुई है।
- उत्तराखंड में पहाड़ी जिले हैं – उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल, टिहरी, गढ़वाल, व पौड़ी गढ़वाल।
- उत्तराखंड का सर्वाधिक ऊंचा पर्वत शिखर नंदा देवी (चमोली में) है।
- उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित प्रमुख दर्रे दारमा, कुंगरी डूंगरी एवं नीति आदि है।
- उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा दर्रा है जो तिब्बत चीन से मिलता है।
- गंगा नदी मैदानी क्षेत्र में हरिद्वार से प्रवेश करती है।
- उत्तराखंड में कुंभ मेला हरिद्वार में लगता है।
- नैनीताल झील उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
- नैनीताल नगर और झील का नाम नैनीताल संभवत यहां स्थित नैना देवी के मंदिर के नाम पर पड़ा।
- अत्यधिक आर्द्र एवं शीत प्रदेश के अंतर्गत उत्तराखंड के अल्मोड़ा, नैनीताल,पिथौरागढ़, उत्तरकाशी ,गढ़वाल ,पौड़ी, गढ़वाल ,और देहरादून स्थित है।
- कुमाऊं क्षेत्र की सर्वाधिक गहरी झील नौकछीया ताल झील है।
- वन अनुसंधानशाला देहरादून में स्थापित है।
- देश में वन संबंधी शिक्षा का प्रारंभ 1878 में फारेस्ट स्कूल ऑफ देहरादून के नाम से हुआ है।
- फॉरेस्ट स्कूल ऑफ देहरादून में सिर्फ रेंजर की शिक्षा दी जाती है।
- फारेस्ट स्कूल ऑफ देहरादून का नाम 1884 में इंपीरियल फॉरेस्ट कॉलेज देहरादून पड़ा।
- वर्तमान में देहरादून स्थित संस्थान को इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज के नाम से जाना जाता है।
- फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना सन 1914 में देहरादून में की गई थी।
- देहरादून में दूसरी वन अनुसंधानशाला कूलागढ़ में सन 1929 में स्थापित की गई थी।
- देहरादून तो नैनीताल में डोलोमाइट के क्षमता 10 करोड़ टन है।
- उत्तराखंड के देहरादून से टिहरी गढ़वाल जिलों के दूरमाला, किमोई, मसराना, मालदेवता और चमसारी में रॉक फास्फेट के भंडार हैं
- मसूरी (देहरादून) तथा टिहरी गढ़वाल जिले में रॉक फास्फेट का उत्खनन कार्य पायराइट्स फास्फेट एंड केमिकल्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
- रॉक फास्फेट का उपयोग उर्वरक उद्योग और अमोली अमृता के उपचार में होता है।
- उत्तराखंड में तांबे का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कुमायूं में है।
- उत्तराखंड में कुमाऊं क्षेत्र में तथा देहरादून जिले में टोंस नदी की घाटी पर कुभा बुरेला और मुघोल में शीशा मिलता है।
- उत्तराखंड में संगमरमर देहरादून जिले में पाया जाता है।
- उत्तराखंड में टेल्क खनिज पिथौरागढ़ तथा अल्मोड़ा जिले में पाया जाता है।
- उत्तराखंड में चांदी अल्मोड़ा जिलों से प्राप्त होती है।
- टैल्क खनिज का उपयोग – सौंदर्य प्रसाधन, टेलक्म पाउडर, कीटनाशक पाउडर, टेक्सटाइल तथा कागज आदि के निर्माण में किया जाता है।
- उत्तराखंड में जिप्सम के गढ़वाल, देहरादून नैनीताल उत्पादक जिले हैं।
- एस्बेस्टस का उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट निर्माण एवं विद्युत उपकरणों में किया जाता है।
- मध्य हिमालय के अंतर्गत उत्तराखंड के उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और नैनीताल जिले हैं।
- जनसंख्या की दृष्टि से उत्तराखंड का सबसे छोटा जिला रुद्रप्रयाग है।
- उत्तराखंड का सबसे कम घनत्व वाला जिला उत्तरकाशी (41 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर)
- उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में कृषि नीति को व्यावहारिक के स्वरूप प्रदान करने हेतु प्रयोगशाला से खेतों तक कार्यक्रम पंतनगर विश्वविद्यालय, पंत नगर (उधम सिंह नगर) की देन है।
- उत्तराखंड में चाय की खेती कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में हिमालय और शिवालिक पर्वतों के मध्य भाग में होती है।
- ऊपरी गंगा नहर हरिद्वार के समीप से निकाली गई है इसका निर्माण कार्य सन 1856 में पूर्ण हुआ था।
- बद्रीनाथ हरिद्वार से 384 किलोमीटर दूर चमोली जिले में स्थित है। यह देश के चार धामों में से एक है।
- केदारनाथ में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है। यह रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 3,581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पांडवों द्वारा निर्मित बताया जा रहा है।
- हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है।
- गंगा नदी के किनारे स्थित हर की पौड़ी एक प्रसिद्ध स्थान है। यह हरिद्वार में स्थित है।
- विश्वविख्यात फूलों की घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।
- सहस्त्रधारा जलप्रपात उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है।
- उत्तराखंड का बद्रीनाथ (चमोली) नगर शंकराचार्य द्वारा हिंदू धर्म का पुनरुत्थान का स्थान है।
- उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सबसे कम मेले लगते हैं। यहां मात्र 11 मेले लगते हैं।
- अर्द्धकुंभ का मेला हरिद्वार में लगता है।
- अर्द्धकुंभ मेले का आयोजन प्रयाग के कुंभ के मेले के 6 वर्ष के उपरांत (प्रति 12 वर्ष में) होता है।
- उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में पाए जाने वाले प्रमुख नृत्य पांडव, चौफूला, वादी वादीन, लोंग और भेला नृत्य प्रमुख है।
- चांचरी, चमेली और छोलिया कुमाऊ के प्रसिद्ध नृत्य है।
- उत्तराखंड में सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या वाले प्रमुख जिले हैं- नैनीताल और देहरादून।
- उत्तराखंड में सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या नैनीताल जिले में पाई जाती है।
- देहरादून संग्रहालय, देहरादून की स्थापना सन 1914 में हुई थी।
- गुरुकुल कांगड़ी संग्रहालय हरिद्वार की स्थापना सन 1907 और 1908 ईसवी में हुई थी।
- गंगोत्री (जिला उत्तरकाशी) में स्थिति भागीरथी मंदिर 18 वीं शताब्दी के आरंभ में गौरक्षा सेनापति अमर सिंह मान द्वारा निर्मित किया गया था।
- कुंभ के 6 वर्ष बाद हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में भक्तजन स्नान, दान पुण्य करके मोक्ष की कामना करते हैं।
- नैनीताल में मकर सक्रांति पर नंदा देवी के मंदिर पर आयोजित मेले में विवाहित महिलाएं सुहाग की कामना करती है।
- रुड़की स्थित पिरान कलियर धार्मिक स्थल पर आयोजित मेले में सभी वर्ग के लोग श्रद्धा पूर्वक भाग लेते हैं और मनौती मांगते हैं।
- उत्तराखंड का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मसूरी है।
- वनों की रक्षा एवं वनों के क्षेत्रफल में अद्वितीय वृद्धि का कार्य करने के लिए चमोली जिले के चंडी प्रसाद भट्ट को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- विश्व बैंक की सहायता से पर्यावरण सुरक्षा हेतु दो प्रयोगशाला में देहरादून तथा हल्द्वानी में कार्यरत है.
- इंजीनियरिंग शिक्षा का प्रसिद्ध संस्थान रुड़की विश्वविद्यालय अब आईआईटी रुड़की के रूप में जाना जाएगा यह देश का छठवां आईआईटी है।
- टिहरी बांध परियोजना विश्व की पांचवीं तथा एशिया की सबसे बड़ी बांध परियोजना है।
- उत्तराखंड में बुग्याल 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर पाए जाने वाली मखमली घास को कहा जाता है। बुग्याल का क्षेत्र बर्फ रेखा व वृक्ष रेखा के बीच होता है जिसमें मुख्य छोटी-छोटी घांसे से फूल उगते हैं। बुग्याल को फूलों की घाटियां भी कहा जाता है।
- उत्तराखंड में माप बेमाप भूमि का पैमाना नाली और मुट्ठी है।
- उत्तराखंड का वन विकास निगम का गठन 1 अप्रैल 2001 को हुआ।
- आदि शंकराचार्य ने तीसरा मठ बद्रीनाथ ने बनाया था।
- कुमाऊ रेजीमेंट का गठन 1945 में रानीखेत में हुआ था।
- उत्तराखंड के चमोली में कांचुला खर्क कस्तूरी मृग प्रजनन एवं शिक्षण केंद्र है।
- बाघों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु प्रोजेक्ट टाइगर योजना 1973 में कार्बेट नेशनल पार्क में शुरू की गई है।
- उत्तराखंड में सूचना प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना देहरादून में की गई है।
- सूचना प्रौद्योगिकी जैव प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना पतनगर में की गई है।
- पंतनगर में आई.टी.बी.पी. पार्क की स्थापना की गई है।
- उत्तराखंड राज्य सरकार का सबसे अधिक खर्च वेतन भत्ता पेंशन पर होता है।
- 11वीं पंचवर्षीय योजना में सबसे अधिक जोर सामाजिक सेवा कृषि और परिवहन पर दिया गया है।
- आयरिन पंत को अल्मोड़ा की बेटी, पाकिस्तान की बहू जैसे उपनाम से जाना जाता है।
- जिम कार्बेट का उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में गोरा ब्राह्मण भी कहा जाता है।
- नैनीताल स्थित राज्य भवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी।
- सुरेंद्र सिंह भंडारी गढ़वाल राइफल्स में कार्यरत है तथा उनका संबंध एथलीट्स से है।
- वर्ष 2010 में विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉक्टर वंदना शिवा को सिडनी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- 17 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी परिमार्जन नेगी कोर्स 2010 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- रामगढ़ में 1903 प्रवास के दौरान विश्वकवि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी प्रसिद्ध कृति गीतांजलि को लिखने का श्रीगणेश किया था।
- कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के वर्ष 2011 में 75 वर्ष पूरे हो गए है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राष्ट्रीय पार्क गंगोत्री नेशनल पार्क है। इसकी स्थापना 16 सितंबर 1989 में की गई थी। इस का कुल क्षेत्रफल 2390 वर्ग मीटर है।
- गोरखा रेजिमेंट की स्थापना 24 अप्रैल 1918 को अल्मोड़ा में हुई। द्वितीय गोरखा रेजिमेंट की स्थापना देहरादून में हुई।
- प्रथम गढ़वाली बटालियन का गठन 5 मई 1887 को अल्मोड़ा में किया गया।
- गढ़वाल राइफल्स की इस समय 19 बटालियन गठित है।
- नैनीताल स्थित राज्य भवन का शिलान्यास 27 अप्रैल 1897 को हुआ।
- उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की स्थापना गढ़वाल की ऐतिहासिक नगर नरेंद्र नगर में 2002 में हुई।
- जनपद चमोली में सीटें नंदा देवी नेशनल पार्क, भंयडार गंगा पार्क, फ्रेंक एमाइथ पार्क या फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है।
- मोनाल नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी तथा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का राजकीय पक्षी है।
- कुमाऊ का प्रवेश द्वार को काठगोदाम को कहा जाता है।
- उत्तराखंड में प्रथम परखनली शिशु का जन्म 13 जून 2001 को सैनी आई वी एफ़ फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर देहरादून में हुआ।
- उत्तर प्रदेश के विभाजन से पहले 1962 में प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी नैनीताल में बनाई गई थी।
- जिम कार्बेट राष्ट्रीय पार्क की स्थापना 1936 में की गई थे। इसका पूरा नाम हेली नेशनल पार्क था।
- ऊंची माल ले क्षेत्र के घास के मैदान को बुग्याल कहा जाता है।
- साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र मे विशेष योगदान देने वाले उत्तराखंड के रस्किन बॉन्ड को पदम भूषण अलंकरण 2014 का प्रदान किया गया है।
- भारतीय विज्ञान मौसम विभाग ने चारधाम यात्रियों के लिए अपनी अधिकारी की वेबसाइट पर है, यमुनोत्री, गंगोत्री ,केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहब की यात्रा करने वाले के लिए मौसम का हाल अलग से उपलब्ध कराया।
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