बिहार के प्रमुख झरने और जलप्रपात, bihar ke prmukh jhrne, bihar ke jalprpaat, bihar ke jhrno ke naam, bihar ke jalprpaat, bihar ke prmukh jhrne aur jalprpaat
नदी का ढाल अकस्मात तीव्र हो अथवा उधर्वाधर हो और जल वेग से नीचे गिरे तो इस अवस्था को जल प्राप्त कहते हैं. जल प्राप्त ओं का निर्माण उन नदियों के मार्ग में होता है जिनके तल कठोर तथा मुलायम शैलो की प्रत्येक क्र्मवत स्थिर हो.
बिहार के कई स्थानों पर विभ्रंश, घाटियों तथा कठोर चट्टानों से निर्मित अवशिष्ट श्रेणियों और पहाड़ियाँ है जो जल प्राप्तो हों को जन्म देती है.. बिहार में गया, रोहतास और नवादा जिले में अनेक स्थानों पर जल प्राप्त मिलते हैं. ककोलत जलप्रपात नवादा जिले में नवधा शहर से 16 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.
यह प्रपात कई चरणों में कोडरमा के पठार से उतरता है और इसकी कुल 39 मीटर है, प्रमुख यदि प्रपात 24 मीटर है. कर्मनाशा नदी पर (बक्सर) एक जलप्रपात है. इसके अतिरिक्त कैमूर जिले में दुर्गावती जलप्रपात 90 मीटर ऊंचा है तथा यह खादरकोहा में गिरता है.
नाम | जिला/अवस्थिति | नाम | जिला/अवस्थिति |
ककोलत | नवादा | कर्मनाशा | बक्सर |
दुर्गावती | कैमूर | जीआर खुंड का छोटा प्रपात | फुलवरिया नदी पर |
ऊंचे नीचे प्रदेश में परागम्य शैलों का ढाल मिल जाता है और क्योंकि उस में अवस्थित जल समांतर तल ही बनाएगा, अंत: भू-पृष्ठ उभरी परागम्य शैल से जल स्वत: बाहर निकल पड़ता है. इस प्रकार भूमि से रिसते जल को सोत या जलकुंड कहते हैं. बिहार में प्राकृतिक रूप से गर्म हुए जल के अनेक कुंड है, जिनके जल का तापमान 30 से 70 डिग्री सेंटीग्रेड होता है.
इन गर्म जल धाराओं का संबंध मृत ज्वालामुखीयों में भु-गर्भ में रेडियो सक्रिय खनिजों से है. रासायनिक विश्लेषण करने पर इन में पर्याप्त मात्रा में खनिज, लवण, गंधक आदि मिलते हैं. यह जल त्वचा के रोग में रोगी को लभाव्न्ति करता है. बिहार में सर्वाधिक विख्यात एवं ऐतिहासिक गर्म जलकुंड एवं झरने राजगीर में है, जिनमें सतधरवा, या सप्तधारा, सूर्यकुंड, तथा नानक कुंड प्रमुख है. इन सभी कुंडों में पानी 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म रहता है.
राजगीर का प्रमुख गर्म जलकुंड ब्रहाकुंड है, जिसमें 7 मीटर चौकोर स्थान में लगभग 1 मीटर की गहराई में स्व्च्छ गरम जल सत्रावित्त होता है. इस का तापमान 87 सेंटीग्रेड है. मुंगेर जिले के खड़कपुर पहाड़ियों में अनेक कुंड है, जिनमें सीताकुंड, रामेश्वर कुंड, लक्ष्मण कुंड, ऋषि कुंड आदि प्रमुख है. इनका पानी 58 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक गर्म पाया जाता है. यहां लक्ष्मण कुंड का पानी सर्वाधिक गर्म होता है.
निम्नतलिय जल आच्छादित क्षेत्रों को वेटलैंडस कहा जाता है. चौर, भागर, टाल आदि वेटलैंड्स के रूप चिन्हित है.
यह वर्षा के अतिरिक्त जल का संचयन कर बाढ़ से सुरक्षा करता है. विभागीय दल के तल का संतुलन बनाए रखता है. यह कई प्रकार की विलुप्त हो रही जलीय वनस्पति तथा जीव जंतुओं के आवासीय क्षेत्र हैं. बिहार के वेटलैंडस शरद ऋतु में आने वाले प्रवासी पक्षियों का वास स्थल है. घरेलू तथा औद्योगिक इकाइयों से प्रदूषित जल को प्राकृतिक रूप से परिशोधन कर विषैले तत्वों की मात्रा को कम या समाप्त करते हैं.
राज्य के वेटलैंड्स मुख्यत: के उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में अवस्थित है. राज्य के लगभग 16 जिलों में वेटलैंड से विस्तृत है. इन जिलों में सारण, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, सहरसा, कटिहार आदि प्रमुख है.
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