छत्तीसगढ़ की जलवायु, वर्षा, ऋतुएँ

आज इस आर्टिकल में हम आपको छत्तीसगढ़ की जलवायु, वर्षा, ऋतुएँ के बारे में बताने जा रहे है. जिसकी मदद से आप अपने एग्जाम की तैयारी कर सकते है.

जलवायु

किसी भी क्षेत्र में लंबे समय तक में पायी जाने वाली तापमान की अवस्था, वर्षा का समय तथा मात्रा एवं हवा की गति की औसत अवस्था वहां पायी जाने वाली जलवायु को निर्धारित करने वाले तत्व हैं। छत्तीसगढ़ की जलवायु मुख्यत आर्द्र या अधो आर्द्र प्रकार की है। कर्क रेखा के छत्तीसगढ़ के मध्य से गुजरने के कारण यहां ग्रीष्म ऋतु अत्यधिक गर्म और शीत ऋतु अत्यधिक ठंडी होती है। कोपन के अनुसार छत्तीसगढ़ की जलवायु Aw प्रकार की है। छत्तीसगढ़ की जलवायु को अग्रलिखित प्रकार समझा जा सकता है।

जनवरी माह के तापमान – जनवरी में छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग से 10 सेंटीग्रेड की समताप रेखा गुजरती है। उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ने पर तापमान बढ़ता जाता है। जनवरी में 12.5 सेंटीग्रेड की समताप रेखा छत्तीसगढ़ के लगभग मध्य से गुजरती है। दंतेवाड़ा के दक्षिण पश्चिम भाग में तापमान 15 सेंटीग्रेड तक पाया जाता है।

जून माह के तापमान – जून माह में तापमान 37 सेंटीग्रेड से लेकर 42.5 सेंटीग्रेड तक पाया जाता है। सबसे कम तापमान उतरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में पाया जाता है। जहां 37 सेंटीग्रेड की समताप रेखा गुजरती है। 40 सेंटीग्रेड की समताप रेखा जशपुर रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर तथा कवर्धा होकर गुजरती है। 40 सेंटीग्रेड की अन्य रेखा बस्तर के पूर्वी भाग तथा दंतेवाड़ा के पश्चिमी भाग से गुजरती है। मार्च से जून तक तापमान तीव्रता से बढ़ता जाता है। परंतु जून में मानसून के आते ही तापमान में गिरावट आ जाती है। जुलाई में रायपुर में तापमान 27.1 पाया जाता है। सितंबर तक तापमान में अधिक भिन्नता नहीं होती है, किंतु सितंबर-अक्टूबर में जब आकाश साफ रहता है तो तापमान में हल्की सी वृद्धि हो जाती है।

वर्षा

छत्तीसगढ़ में होने वाली वर्षा मानसूनी है। अधिकांश वर्षा जून से सितंबर तक होती है। इस राज्य में सर्वाधिक वर्षा बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मानसून से होती है। वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर कम होती जाती है। पूर्वी भाग में अधिक वर्षा के निम्नलिखित क्षेत्र हैं –

दक्षिण बस्तर एवं दंतेवाड़ा के पूर्वी भाग से 160 सेंटीमीटर की समवर्षा रेखा गुजरती है। उत्तरी पूर्वी छत्तीसगढ़ के जिलों में वर्षा का औसत अधिक पाया जाता है। पहाडी क्षेत्र होने के कारण है बस्तर के पहाड़ी प्रदेश की जलवायु ठंडी अधिक वर्षा के कारण नम है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में साधारण ठंड पड़ती है। बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसून से यहां अच्छी वर्षा होती है। इसी भाग में अबूझमाड़ स्थित है जहां सर्वाधिक वर्षा 187.5 सेंटीमीटर होती है।

ऋतुएँ

भारत के अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ में निम्नलिखित तीन ऋतुएँ है।

ग्रीष्म ऋतु – यह ऋतु मार्च से जून के मध्य तक होती है। मई में जब सूर्य की किरणें पर्याप्त सीधी हो जाती है तो वायु दाब गिरता है। इस समय 1002 मिलीबार की समदाब रेखा बस्तर से होती हुई गुजरती है। 42.5 सेंटीग्रेड कि समताप रेखा दुर्ग से गुजरती है। 40 सेंटीग्रेड की समताप रेखा पूर्वी बस्तर, उत्तरी बिलासपुर आदि से गुजरती है। सरगुजा एवं जशपुर 37सेंटीग्रेड की समताप रेखा गुजरती है।

वर्षा ऋतु – वर्षा ऋतु मध्य जून से प्रारंभ हो जाती है। अंबिकापुर, बस्तर, बिलासपुर में वर्षा 100 सेंटीमीटर से अधिक होती है। सितंबर के अंतिम दिनों में मानसून का वेग कम हो जाता है तथा स्वच्छ आकाश का समय बढ़ने लगता है। साथ ही वर्षा की मात्रा भी घटती जाती है। अक्टूबर में औसत वर्षा कम हो जाती है तथा तापमान में वृद्धि होती है।

शीत ऋतु – सितंबर में सूर्य के दक्षिणायन होते ही तापमान गिरना प्रारंभ हो जाता है। वर्षा तथा आर्द्रता की अधिकता के कारण भी ऐसा होता है। दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे में होते हैं।

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