आज इस आर्टिकल में हम आपको छत्तीसगढ़ की परियोजनाएं के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में आप सम्पूर्ण जानकारी नीचे दिए गए सेक्शन से प्राप्त कर सकते है.
छत्तीसगढ़ के 16वें स्थापना दिवस समारोह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया रायपुर में महत्वाकांक्षी और सुजला योजना का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस (पांच दिवसीय राज्य उत्सव) श्याम प्रसाद मुखर्जी मैदान में आयोजित किया गया है। राज्य सरकार की इस योजना को देशभर में लागू किए जाने का लक्ष्य है।
पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए देश का पहला वन स्टॉप सेंटर 16 जुलाई 2015 को रायपुर में शुरू किया गया। इस सेंटर में घरेलू हिंसा यौन उत्पीड़न, लैंगिक हिंसा, दहेज उत्पीड़न, तेजाब, डायन के नाम पर प्रताड़ित अवैध मानव व्यापार, बाल विवाह, लिंग चयन, भ्रूण हत्या तथा सती प्रथा आदि से पीड़ित सभी वर्ग की महिलाओं को सलाह, सहायता, मार्गदर्शन और संरक्षण दिया जाएगा। इस केंद्र में घर के भीतर या बाहर अथवा किसी भी रूप में पीड़ित है वह संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे एकीकृत प्रकार की सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अन्य श्रेणी की जरूरतमंद महिलाओं की चिकित्सा, विधिक सहायता, मनोवैज्ञानिक सलाह, मनोचिकित्सा परामर्श की सुविधा मिलेगी, इस सेंटर को सखी के नाम से जाना जाएगा।
राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के उद्देश्य से एक अप्रैल 2014 से नोनी सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत 1 अप्रैल 2014 के बाद बालिकाओं का 18 वर्ष तक की आयु के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के सहयोग से बीमा किया जाएगा। प्रति वर्ष 5000 3 वर्ष तक शासन द्वारा जमा किए जाएंगे और 18 वर्ष की आयु पूरी होने के पश्चात एक लाख की राशि बालिका को दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के मुखिया का नाम गरीबी रेखा की सूची में होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रवेश होते सहारा योजना के तहत छत्तीसगढ़ की महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना में गरीबी रेखा श्रेणी परिवार की 18 से 39 वर्ष से आयु वर्ग की विधवा महिलाओं और 18 वर्ष से अधिक आयु की परित्यक्ता महिलाओं को प्रति हितग्राही रुपए 350 के हिसाब से पेंशन दी जा रही है।
बुजुर्गों के सम्मान और उनकी अंशो को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में 15 जनवरी 2013 से मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के वरिष्ठ जन जीवन काल में एक बार अपनी इच्छा के अनुरूप देश के प्रमुख तीर्थों का दर्शन कर सकते हैं। पहले इस योजना में राज्य के केवल 60 वर्ष या अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया था, लेकिन वर्ष 2014 और 15 से 18 वर्ष से अधिक आयु के निशक्त व्यक्तियों (40% से अधिक निशक्तता से ग्रस्त) को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2005-06 से लघु एवं सीमांत वर्ग के किसानों को स्वयं सिंचाई संसाधन विकास हेतु शाकंभरी योजना चलाई जा रही है। जिसमें किसानों को 5hp तक के विद्युत\ डीजल चालित/केरोसिन पंप पर 75% अनुदान तथा उप निर्माण पर 50% अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत एक ऐसी ग्राम पंचायत या आश्रित ग्राम या गलियों में कीचड़ की समस्या हो, वहीं शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर कंक्रीट सड़क पर सह नाली का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अब तक 4459 सड़कें,1266.41 किलोमीटर लागत रुपए 689.66 करोड की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। पोरस 2014 और 2015 में इस योजना हेतु रुपए 450 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का पुनर्गठन कर इसे समाप्त करते हुए दिनांक 1-4-2013 से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संपूर्ण प्रदेश में लागू किया गया है। इस योजना अंतर्गत वित्त पोषण केंद्र तथा राज्य के मध्य 75 : 25 के अनुपात में किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार के अवसरों का सृजन कर ग्रामीण परिवारों की गरीबी को दूर करना है।
यह योजना 23 अप्रैल 2011 से लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसी बसावटो, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदंडों में नहीं आती है। बारहमासी सड़क से जोड़ने का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 1019, सड़क, लंबाई 3379.38 किलोमीटर, लागत 1478.67 करोड़ की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वर्ष 2014-15 में इसे योजना हेतु रुपए 400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
शहरी क्षेत्रों में स्थिति तालाबों के पुनरुद्वार, गहरीकरण, सौंदर्यकरण एवं पर्यावरण सुधार की दृष्टि से सरोवर धरोहर योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में प्रति हेक्टेयर ₹11.90 लाख का प्रावधान रखा गया है। वर्ष 2014-15 में 25 तालाब हेतु रुपए 719.17 लाख की स्वीकृति से कुल स्वीकृति 590 परियोजनाओं में रुपए 105.81 करोड व्यय कर 473 योजना पूर्ण की जा चुकी है।
राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों के जीर्णोद्धार तथा अतरिक्त कमरों के निर्माण हेतु यह योजना लागू की गई है। इस योजना में प्राथमिक शाला के लिए रुपए 5.25 लाख माध्यमिक शाला के लिए रुपए 7.35 लाख, उच्चतर माध्यमिक शाला के लिए 8.65 लाख रुपए तथा महाविद्यालय के लिए रुपए 9.70 लाख का प्रावधान रखा गया है। वर्ष 2014 और 2015 में कुल 19 कार्यों हेतु रुपए 135.47 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।
राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंग के रूप में प्रदेश की शिक्षित बेरोजगार महिलाओं को सस्ता, सुरक्षित एवं मूलभूत सुविधा युक्त बाजार उपलब्ध कराने तथा उनके कौशल, श्रम द्वारा तैयार उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से महिला समृद्धि बाजार योजना प्रथम चरण में प्रदेश के 50,000 से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में लागू की गई है। योजना अंतर्गत प्रस्तावित दुकानों की लागत को ध्यान में रखते हुए 50% अनुदान एवं 50% ऋण उपलब्ध कराया जाता है। निर्मित दुकानों को नगरिय निकाय निर्धारित अमानत राशि एवं मासिक किराए में पात्र हितग्राहियों को व्यवसाय हेतु आवंटित किया जाता है।
इस योजना में संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कक्षा नौवीं की शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालय में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल परिवार की छात्राओं को शाला आवागमन की सुविधा प्रदान के लिए करने एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। वर्ष 2003 और अब 2013-14 ₹50 का आवंटन 2780.53 व्यय किया गया है तथा इस योजना के अंतर्गत 110839 छात्राएं लाभान्वित हुई है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य निर्धन परिवारों को कन्या के विवाह के संदर्भ में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों का निवारण करना है, विवाह के अवसर पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोकना एवं सादगी पूर्ण विवाह को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह के माध्यम से निर्धनों के मनोबल\आत्म सम्मान में वृद्धि एवं उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार के प्रयास किए जाते हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक कन्या रुपए 15,000 की सहायता का प्रावधान है।
इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की भूमिहिन\गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को शासकीय अस्पतालों में एक हफ्ता तक उपचार हेतु भर्ती रहने पर रुपए 400 तक तथा 1 सप्ताह से अधिक भर्ती रहने पर रुपय 1000 तक की चिकित्सा सहायता के तहत इलाज, दवा, आहार आदि उपलब्ध कराया जाता है। रोगी महिला के साथ आए परिचारक को भी सुविधाजनक विश्राम तथा दो समय के भोजन की सुविधा दी जाती है।
विधवा तथा तलाकशुदा महिलाओं की जीविकोपार्जन तथा आर्थिक स्वावलंबन के लिए नवीन शक्ति स्वरूपा योजना वित्तीय वर्ष 2009-10 में राज्य के बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव तथा बीजापुर जिले में प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत सहायता प्रावधान तीन भागों में विभक्त है- स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु श्रेणी में सब्सिडी। व्यवसायिक तकनीकी प्रशिक्षण हेतु आर्थिक सहायता। व्यवसायिक शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता।
छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा वर्ष 2009-10 में सक्षम योजना आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत ऐसी महिलाएं जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है अथवा 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाओं अथवा कानूनी तौर पर तलाकशुदा महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने हेतु आसान शर्तों पर ₹1,00,000 तक का ऋण प्रदान किया जाता है। उनकी वापसी 5 वर्षों में 6.5% साधारण वार्षिक ब्याज दर पर आसान किस्तों में की जाती है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा स्वावलंबन योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत निर्धन वर्ग की महिलाओं को जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है या जो कानूनी तलाकशुदा है अथवा जो 35 वर्ष महिला है। इस योजना के अंतर्गत हितग्राही ₹5000 तक की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है।
उचित मूल्य दुकानों को केरोसिन आवंटन एवं प्रदाय प्रक्रिया को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने हेतु राज्य शासन द्वारा एक ई-केरोसिन योजना अगस्त 2012 से प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सत्र से उचित मूल्य दुकानों से सलंग्न राशन कार्डों की संख्या के आधार पर ऑनलाइन दुकान वारा आवटन जारी किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के ऐसे महापुरुषों, जिन्होंने अपने कार्यों से प्रदेश का गौरव बढ़ाया है, के समान में छत्तीसगढ़ गौरव योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत इन महानुभाव की जन्मभूमि व कर्मभूमि रहे गांव की समग्र विकास कर उन्हें समस्या युक्त किया जाएगा। इसके लिए 42 गांवों का चयन राज्य शासन द्वारा फिलहाल किया गया है। स्वतंत्रता सेनानी बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के गिर है ग्राम कैंडल में इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दिसंबर 2005 में किया था।
स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी सन 1985 में छत्तीसगढ़ के 6 ग्रामों में पहुंचे थे तथा वहां के विकास के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। छत्तीसगढ़ की सरकार ने रजना, दुगली, कठगोड़ी, एवं औरछा ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इन गांवों की ज्वलंत समस्याओं और ग्रामीणों की कठिनाइयों का समग्र चरणबद्ध विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति देना तथा प्रभारी मंत्रियों की लगातार देखरेख में आदर्श ग्राम की परिकल्पना को साकार करने की शुरुआत करना प्रमुख बातें हैं।
19 नवंबर 2000 से प्रारंभ में इस योजना में 18 से 50 वर्ष आयु समूह की सभी निराश्रित, विधवा व परित्यक्ता महिलाओं को सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा देने का संकलप है। इस योजना में निराश्रित महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा अन्य लोगों के अलावा ₹150 प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी यदि महिला स्वरोजगार में रुचि रखती है तो उसकी मदद की जाएगी। इस योजना में प्रदेश के 90,000 से अधिक बेसहारा महिलाओं को सहारा देने का संकल्प है।
19 नवंबर 2000 से प्रारंभ इंदिरा गांव गंगा योजना अगले 3 वर्षों में प्रदेश के 17,219 से विद्युत के गांव में कम से कम एक समन्वित होता जल स्रोत विकसित करने का लक्ष्य है। देहाती इलाकों में पेयजल और निस्तार के लिए भी पानी उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
इस योजना में राज्य के सभी शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 9वीं से 12वीं की सभी निधन छात्राओं के लिए निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा का प्रावधान है। समाज के सभी वर्गों की योग्य छात्रों को योजना से लाभान्वित होने का समान अवसर दिया गया है। योजना से प्रदेश में 1,00,000 छात्राएं लाभान्वित हो सकेगी। यह योजना 19 नवंबर 2000 से प्रारंभ है।
7 जून 2000 से दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड से इस योजना का शुभारंभ हुआ है। यह गरीब परिवारों को रोजगार के जरिए पर्यावरण सरक्षण की योजना है और राज्य की स्थापना के पहले ब्रश ही इसके तहत लगभग 15,000 हेक्टेयर बंजर भूमि पर वृक्षारोपण के लिए पट्टों का वितरण किया गया है।
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