औद्योगिकी दृष्टि से छत्तीसगढ़ एक संपन्न राज्य है। यहां अनेक उद्योगों के विकास हेतु नैसर्गिक संसाधन उपलब्ध है। राज्य की मात्र 5% जनसंख्या उद्योगों पर निर्भर है। यहां के प्रमुख उद्योगों का विवरण नीचे दिया जा रहा है –
राज्य में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र, राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र तथा कृषि उद्योग
- दक्षिणी-पूर्वी रेलवे वैगन वर्कशॉप रायपुर स्थापना- 1966 – मालगाड़ी के डिब्बों कि मरम्म्त ।
- भिलाई स्टील प्लांट (मैसर्स हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड) भिलाई नगर दुर्ग स्थापना- 1955 – कच्चा लोहा, इस्पात आदि।
- भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड, कोरबा, स्थापना- – 27 नवंबर, 1965 – एलुमिनियम
- माँढर सीमेंट वर्क्स (सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) मांढर रायपुर – स्थापना 1970-71 – पोर्टलैंड सीमेंट
- बंगाल – नागपुर कॉटन मिल्स लि. राजनंदगांव, स्थापना- 1862 – सूती कपड़ा एवं सूत
- साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड बिलासपुर स्थापना- – 1986-87 उत्पादित वस्तुएं – कोयला
- कृषि उपकरण भिलाई दुर्ग उत्पादित वस्तुए- कृषि उपकरण।
- रायगढ़ पेपर एवं बोर्ड मिल, रायगढ उत्पादित वस्तुएँ – स्टाबोर्ड
- काजू संवर्धन इकाई- बस्तर उत्पादित वस्तुओं – काजू प्रोसेसिंग
- पंजार संयंत्र , रायपुर उत्पादित वस्तुओं – पोषण आहार।
- फल संवर्धन, रायगढ़ उत्पादित वस्तुओं – स्क्वेश, केचप, पेय
- कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन कोरबा स्थापना- अप्रैल 1978 – विद्युत उत्पादन
- भिलाई रीफैक्ट्रीज प्लांट, भिलाई (दुर्ग) स्थापना- 1980 – अग्निसह ईंटों का निर्माण
लोहा इस्पात उद्योग
लोहा इस्पात उद्योग आधारभूत उद्योग है। छत्तीसगढ़ का एकमात्र लोहा इस्पात कारखाना भिलाई नामक स्थान पर स्थापित किया गया है। यह रायपुर से 21 किलोमीटर पश्चिम में दुर्ग रायपुर रेलमार्ग पर स्थापित किया गया है। इस कारखाने की स्थापना 1955 में पूर्व सोवियत संघ के सहयोग से की गई थी। इस कारखाने में फरवरी 1959 से उत्पादन प्रारंभ हो गया था। इसके लिए कच्चा लोहा 32 किलोमीटर दूर डल्ली राजहरा की पहाड़ियों से कोकिंग कोयला
राज्य के प्रमुख सीमेंट कारखाने
नाम | स्थान व जिले | स्थापना वर्ष | उत्पादन क्षमता ( लाख मी. टन) |
एसोसिएट सीमेंट क ली. | जामुल (दुर्ग) | 1965 | 13.80 |
सेंचुरी सीमेंट | बैकुंठपुर (रायपुर) | 1975 | 8.00 |
सीमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड | मांढर (रायपुर) | 1970 | 3.80 |
सीमेंट कॉरपोरेशन इंडिया ली. | अकलतरा (जांजगीर) | 1982 | 4.00 |
रेमंड सीमेंट | गोपालनगर (बिलासपुर) | 1983 | 1.2 |
मोदी सीमेंट लिमिटेड | मोदीग्राम (रायगढ़) | – | 0.3 |
केलकर प्रोडक्ट्स प्रा. ली. | भूपदेवपुर (रायगढ़) | – | 3.3 |
जय बजरंग सीमेंट प्रा. ली. | बस्तर | – | 2.51 |
जे. के. सीमेंट ली. | नेवरा तिल्दा (रायपुर) | 1975 | 6.00 |
झरिया एक कोरबा की खानों में तथा धुला हुआ कोयला करगाली पत्थरडीह और दुगधा शोधनशालाओं से प्राप्त किया जाता है, कोरबा ताप शक्ति ग्रह से पर्याप्त मात्रा में विद्युत उपलब्ध हो जाती है। साथ ही तंदूला एवं गोरी नहरॉ से शुद्ध जल की आपूर्ति होती है। लोहा एवं इस्पात उद्योग में आवश्यक चुना दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर जिलों से प्राप्त होता है। डोलोमाइट भानेश्वर, कंसोदी, पारसौदा, खरिया तथा हरदी से उपलब्ध हो जाता है। संपूर्ण देश का 15% इस यहां उत्पादित होता है।
एलुमिनियम उधोग
यहां बॉक्साइट बड़े पैमाने पर उपलब्ध होती है। अंत: एलुमिनियम उद्योगों के विकास से कोई बाधा नहीं है। भारत सरकार ने कोरबा में भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड बालकों में एक भारी कारखाने की स्थापना की है। इसकी स्थापना 1965 में की गई। इस संयंत्र के तीन अंग है – एल्युमीनियम सयंत्र जहां बॉक्साइट से एल्युमिनियम पाउडर बनाया जाता है, प्रगालक संयंत्र जहाँ एल्युमिनियम पाउडर से एल्युमिनियम बनाया जाता है तथा, फेब्रिकेशन संयंत्र, जहां पीघली धातु को विभिन्न रूप दिए जाते हैं।
जूट उद्योग
राज्य का एकमात्र जुट मिल रायगढ़ (स्थापना 1935) में है। इस कारखाने के लिए कच्चा माल पटसन आसपास के क्षेत्रों तथा उड़ीसा एवं बिहार के समीपवर्ती के क्षेत्रों से मिलता है। यहां जूट से रस्सियाँ, सुतली, बोरे तथा अन्य सामान बनाए जाते हैं।
जामुल सीमेंट संयंत्र
इस कारखाने की स्थापना एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी के द्वारा 1965 में दुर्ग में की गई। यह कारखाना आधुनिक शुष्क विधि से पोर्टलैंड वात्या भट्टी स्लैग सीमेंट का उत्पादन करता है। इस कारखाने के आसपास से प्राप्त चूना पत्थर के अतिरिक्त भिलाई इस्पात संयंत्र के स्लैग का भी उपयोग किया जाता है।
मांढर सीमेंट फैक्ट्री
मूल कारखाने की स्थापना 1970 में रायपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर मांढर में की गई। यह कारखाना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के स्वामित्व में कार्यरत है। इस कारखाने में आर्द्र विधि प्रौद्योगिकी द्वारा साधारण पोर्टलैंड एवं वात्या भट्टी स्लैग सीमेंट का उत्पादन किया जा रहा है।
अकलतरा सीमेंट फैक्ट्री
यह कारखाना अकलतरा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दक्षिण में सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा 1982 मेस्थापित किया गया।
स्ट्राबोर्ड कारखाना
रायगढ़ में निगम द्वारा संयुक्त क्षेत्र में एक स्ट्राबोर्ड कारखाना स्थापित किया जा रहा है। इसकी उत्पादन क्षमता 25 टन प्रतिदिन होगी। इस पर लगभग 50 लाख रूपए खर्च होंगे।
अन्य उद्योग
जगदलपुर कोंडागांव तथा नारायणपुर में वनों की लकड़ी पर आधारित उद्योगों की अधिकता पाई जाती है। जगदलपुर में कोष्टा जाति द्वारा कोसे का कपड़ा बनाया जाता है। कोसा सिल्क का कार्य बिलासपुर, चांपा तथा रायगढ़ में भी बड़े पैमाने पर होता है।
बीड़ी बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर होता है। यहां ब्रिस्टल एवं पनामा ब्रांड की सिगरेट बनाई जाती है। ब्रिस्टल रायपुर में तथा पनामा दुर्ग में बनाई जाती है।
रायपुर एवं भिलाई के मध्य कुम्हारी में 1961 में धर्मसिंह मोरारजी केमिकल कंपनी की स्थापना की गई जो रसायन बनाती है। इस कारखाने में सुपर फास्फेट, सल्फ्यूरिक एसिड, एलुमिनियम सल्फेट तथा क्लोरो सल्फेट का उत्पादन होता है।
इनके अतिरिक्त दक्षिण-पूर्वी रेलवे वैगन वर्कशॉप (रायपुर) बैलाडीला आयरन प्रोजेक्ट लिमिटेड बेचली ( जगदलपुर) भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (दुर्ग) स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (दुर्ग), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (रायपुर), प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग है।
वनों पर आधारित उद्योग
- बीड़ी उद्योग – रायपुर, बिलासपुर, राजनंदगांव, धमतरी, रायगढ़, दुर्ग।
- लकड़ी चीरने का उद्योग- रायपुर, धमतरी, महासमुंद, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, राजनंदगांव।
- कत्था उत्पादन – बुड़ प्रोडक्टस सरगुजा
- हर्रा निकालने का कारखाना – धमतरी, रायपुर।
- कागज कारखाना – जगदलपुर (प्रस्तावित), दौसा, रायगढ़ और बिलासपुर।
कृषि पर आधारित उद्योग
- सूती कपड़ा उद्योग – राजनंदगांव, बिलासपुर
- शक्कर उद्योग – कुरुद (प्रस्तावित)।
- जूट उद्योग – रायगढ़, रायपुर, जगदलपुर, (प्रस्तावित)।
- स्ट्रा बोर्ड कारखाना – रायगढ़
- मैदा उद्योग – रायपुर
- रेशम उद्योग – बस्तर (कोसा रेशम परियोजना) चापा (कोसा अनुसंधान केंद्र), बिलासपुर, रायगढ़, सरगुजा (रेशम विकास परियोजना)।
- चावल व दाल मिल – राजीम, नवापारा, धमतरी, महासमुंद, आरंग, तिल्दा-नेवरा, बिलहा, बिलासपुर।
अन्य तथ्य
- 1981-82 में रायपुर में औद्योगिक केंद्र विकास निगम की स्थापना हुई।
- छत्तीसगढ़ में उद्योगों को प्रोत्साहन हेतु रायपुर में 1982 में टास्क-फोर्स की स्थापना की गई।
- छत्तीसगढ़ का प्रथम सीमेंट कारखाना वर्ष 1965 में दुर्ग जिले के जामुल में स्थापित किया गया।
- भिलाई स्टील प्लांट के निर्माण का प्रथम चरण 22 जनवरी, 1961 को पूरा हुआ था।
- सार्वजनिक क्षेत्र का देश में प्रथम एल्युमिनियम संयंत्र 27 नवंबर, 1965 को कोरबा जिले में स्थापित किया गया।
- छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना उद्योग बंगाल-नागपुर कॉटन मिल है।
- छत्तीसगढ़ का उर्वरक उद्योग बिलासपुर व दुर्ग में है।
- छत्तीसगढ़ का रसायन उद्योग मुख्यतः रायपुर संभाग में स्थापित है।
- छत्तीसगढ़ में निम्नलिखित औद्योगिक केंद्र है। उरला-रायपुर, सिलतरा-रायपुर, सीगिट्टी-बिलासपुर, बोरई-दुर्ग, मगरलोर-राजनंदगांव, नैनपुरा-सरगुजा
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