G.K

दंतेवाड़ा जिले से जुडी जानकारी

Contents show

दंतेवाड़ा में संभाग कहां पर स्थित है?

बस्तर

दंतेवाड़ा का उपनाम क्या है?

आकाश का नगर, दक्षिण बस्तर जिला

दंतेवाड़ा का क्षेत्रफल कितने वर्ग किलोमीटर है?

3410.5  वर्ग किलोमीटर

दंतेवाड़ा में कितनी तहसीलें हैं?

4 ( दंतेवाड़ा, कुंआकोंडा, गीदम, कटेकल्याण )

दंतेवाड़ा में कुल गांव की संख्या कितनी है?

229

दंतेवाड़ा में जनपद पंचायत कितनी है?

04

दंतेवाड़ा में ग्राम पंचायत कितनी है?

124

दंतेवाड़ा में नगर निगम कितने हैं?

0

दंतेवाड़ा में नगरपालिका  कितनी है?

03

दंतेवाड़ा में नगर पंचायत कितनी है?

02

दंतेवाड़ा में जनसंख्या रैंक 2011 में कितनी थी?

16

दंतेवाड़ा में कुल जनसंख्या 2011 में कितनी थी?

2,83,479

दंतेवाड़ा में कुल जनसंख्या में पुरुष की जनसंख्या कितनी थी 2011 में?

1,40,094

दंतेवाड़ा में कुल जनसंख्या में महिला की जनसंख्या कितनी थी 2011 में?

1,43,385

दंतेवाड़ा  में 0-6 आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 2011 में कितनी थी?

43,378

दंतेवाड़ा में 0-6  में आयु वर्ग की कुल जनसंख्या  2011 में पुरुष की जनसंख्या कितनी थी?

21,561

दंतेवाड़ा में 0-6 में आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 2011 में महिला की जनसंख्या कितनी थी?

21,817

दंतेवाड़ा में 0-6 में आयु वर्ग लिंगानुपात 2011 में कितना था?

1012 (सर्वाधिक)

दंतेवाड़ा में साक्षरता दर 2011 में कितने प्रतिशत था?

48.63  प्रतिशत

दंतेवाड़ा में साक्षरता 2011 में पुरुष साक्षरता दर कितनी प्रतिशत था?

58.95  प्रतिशत

दंतेवाड़ा में साक्षरता दर 2011 में महिला साक्षरता दर कितनी प्रतिशत था?

38.58  प्रतिशत

दंतेवाड़ा में जनसंख्या घनत्व 2011 में कितना था?

83 प्रतिवर्ग किमी

दंतेवाड़ा में 2011 में लिंगानुपात कितना था?

1000:1023

दंतेवाड़ा में लिंगानुपात में रैंक 2011 में कितना था?

2

दंतेवाड़ा में जनसंख्या घनत्व में रैंक 2011 में कितना था?

16

दंतेवाड़ा में साक्षरता में रैंक 2011 में कितना था?

2

दंतेवाड़ा का इतिहास

  • दंतेवाड़ा जिले की स्थापना बस्तर जिले को विभाजित कर 1998 में की गई यह डंकिनी-शंखिनी नदियों के संगम पर स्थित है।
  • इस क्षेत्र में सर्वाधिक धार्मिक विश्वास एवं श्रद्धा की प्रतीक काक्तियों की आराध्य दंतेश्वरी देवी है। प्रथम काकतीय राजा अन्नमदेव ( 1313-58 ई.) ने तराला ग्राम में दंतेश्वरी देवी का मंदिर शंखिनी और डंकिनी नदियों के संगम पर 14वीं सदी के प्रथमार्ध में निर्मित कराया था। किवदंती है कि दंतेश्वरी देवी राजा के साथ ही यहां आई थी।  देवी के नाम पर ही ग्राम का नया नाम दंतेवाड़ा हुआ।
  • मंदिर के गर्भ ग्रह में मां दंतेश्वरी देवी की प्रतिमा है। इनके अलावा नागवंशी शासकों के शिलालेख एवं विविध कालों की प्रतिमाओं को इस मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया है । दंतेश्वरी देवी मंदिर पर कार्तिक नवरात्रि के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन होता है । जो 9 दिनों तक चलता है । बस्तर का एकमात्र तीर्थ होने के कारण यहां भीड़ पर आए वर्ष भर रहती है।
  • दंतेवाड़ा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण में स्थित है।  यह जिला सागौन के वनों के लिए प्रसिद्ध है।
पर्यटन स्थल पर्यटन स्थल की श्रेणी मुख्य दर्शनीय स्थल
दंतेवाडा धार्मिक,  ऐतिहासिक लोहा अयस्क की खानें
बैलाडीला औद्योगिक, प्रकृति के लोहे अयस्क खानें
बारसूर ऐतिहासिक, पुरातात्विक मामा-भांजा मंदिर, बत्तीस मंदिर, संग्रहालय।
भैरमगढ़ पुरातात्विक अभयारण्य प्राचीन मंदिरों के खंडहर, किले एवं तालाब
छोटा डोंगर पुरातात्विक प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान वन्य प्राणी
पामेड़ अभयारण्य वन्य प्राणी

मिट्टी

लाल एवं पीली मिट्टी

फसलें

गेहूं, चावल, तिलहन, मक्का

राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

अभयारण्य

पामैड़ राष्ट्रीय उद्यान, भैरमगढ़ अभ्यारण्य

नदिया

डंकिनी शंखिनी, इंद्रावती, गोदावरी, शबरी नदी।

खनिज

मैगनीज, लोहा अयस्क, तांबा, चूना पत्थर, शीशा सिलीमेनाइट,  कोरंडम, क्वार्टरजाईट, टिन

जनजातियां

गोंड, हलबा, भात्रा, गडवा, खरिया, खोंड, कोल,

जलप्रपात

रानी दरहा, बोग्तुम, मल्गेर, पुलपाड़ जल-प्रपात।

मंदिर

दतेशवरी देवी का मंदिर

एकलव्य विधालय

कटेकल्याण (दांतेवाड़ा)

वन (2015)

11312 वर्ग किमी

न्यूनतम साक्षारता वाला जिला

दांतेवाड़ा (30.01%)

  • न्यूनतम जंघनत्व वाला जिला – दतेवाड़ा  (41 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी)
  • आंध्र प्रदेश की सीमा पर अवस्थित जिला – दांतेवाड़ा
  • राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 16
  • छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में एक इस्पात संयंत्र स्थापित करने की केंद्र सरकार की योजना है। लगभग ₹300 करोड की प्रारंभिक लागत से इस संयंत्र की स्थापना मिनिरल्स एंड मेटेल्स ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन वारा की जाएगी।
  • छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बालूद ग्राम के निकट टीन के तीन नए भंडार का पता लगा है।  राज्य के भौतिक एवं खनिज अनुसंधान विभाग के अनुसार यहां 37-37 लाख टन टिन पाए जाने की संभावना है।
  • छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 300000 टन वार्षिक क्षमता के पिग आयरन संयंत्र की स्थापना की जा रही है। ₹2000 करोड़ की अनुमानित लागत वाले इस संयंत्र में रूसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा।

प्रसिद्ध स्थल


बैलाडीला (प्राकृतिक)

यह बस्तर की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं में जगदलपुर से 150 किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा जिले में समुंद्र सतह से 4160 फुट ऊँचे भू भाग पर स्थित है। बैलाडीला में विश्व प्रसिद्ध लौह अयस्क की खानें है जहां से लौह अयस्क विदेशों को निर्यात ( जापान को) किया जाता है। यहां हेमेटाइट प्रकार का अयस्क है जिसमें लोहे की मात्रा 70% होती है। बैलाडीला पहुंचने के लिए दंतेवाड़ा गीदम होते हुए बेचली पहुंचना पड़ता है। क्योंकि यह नगर पहाड़ी के नीचे हिस्से पर स्थित है अतः इस नगर को आकाश नगर नाम दिया गया है।

नंदीराज

नंदीराज बस्तर की सर्वाधिक ऊंची चोटी का नाम है। बस्तर की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं में समुद्री सतह से सर्वाधिक ऊंचाई नंदीराज की है, जो लगभग 4160 फुट ऊंचा है एवं अपने श्रेष्ठ लौह अयस्क के लिए बैलाडीला के नाम से विश्व विख्यात है। दूसरा स्थान बस्तर जिले में कांगेर घाटी में स्थित तुलसी डोंगरी का है, जिसकी ऊंचाई लगभग 3914 फूट है।

भैरमगढ़ अभयारण्य (वन्य प्राणी अभयारण्य)

दंतेवाड़ा जिले में दंतेवाड़ा से लगभग 90 किमी दक्षिण-पश्चिम में आंध्र प्रदेश की सीमा से लगा भैरमगढ़ अभ्यारण्य 139 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पाए जाने वाले प्रमुख वन्य प्राणी-बाघ, तेंदुआ, वन भैंसा एवं सांभर है। इंद्रावती तट के माठवाड़ा, जैगुर और हिंगुम के आसपास का क्षेत्र भैरमगढ़ अभ्यारण्य के रूप में 1983 में अस्तित्व में आया।

पामेड़ अभयारण्य (वन्य प्राणी अभयारण्य)

यह भी वन भैंसों के संरक्षण हेतु 1983 में स्थापित वस्त्र का दूसरा प्रमुख वन्य प्राणी अभयारण्य है। दंतेवाड़ा जिले में जिला मुख्यालय से 55 किमी की दूरी पर 262 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला जंगली भैंसों के लिए प्रसिद्ध है। यहां जंगली भैंसों के अलावा बाघ, तेंदुआ, चीतल एवं अन्य छोटे-बड़े होने प्राणी भी मिलते हैं। तालपेरू नदी के किनारे पुजारी कांकेर कोत्तापल्ली के आसपास झुण्ड के रूप में वन भैसों को देखा जा सकता है।

पूलपाड़ा इंदुल

जिला मुख्यालय दंतेवाडा से सुकमा जाने वाले मार्ग पर ग्राम नकुलनार के निकट पुलपाड़ ग्राम की पहाड़ियों से गिरते प्रपात को ग्रामीण पुलपाड़ इंदुल के नाम से पुकारते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 16 जगदलपुर निजामाबाद मार्ग के 16 किमी से विभाजित एक अन्य प्रमुख मार्ग हैदराबाद की ओर जाता है। इसी मार्ग के 22वें किमी से 30 किमी तक लगभग 200 वर्ग किमी गहन वनों के मध्य 3500 फुट ऊंचाई तक कांगेर घाटी फैली है। जिसमें राष्ट्रीय उद्यान सहित ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय भूगर्भित गुफा को कोटमसर एशिया का प्रथम घोषित जीवमंडल तो है ही इसके ऊपर भाग में तीर्थगढ़ कांगेर धारा जलप्रपात है, तो लोअर भाग में गुपतेश्वर जैसा पाषाणीय सौंदर्य से भरपूर झरना भी है।

बोग्तुम जलप्रपात

राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 16 जगदलपुर निजामाबाद पर लगभग 200 किमी दूर बसे ग्राम भोपालपट्टनम के निकट पड़ोसल्ली ग्राम की पहाड़ियों का यह पर्वतीय प्रपात है।

More Important Article

Recent Posts

अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए – List of Gazetted Officer

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…

5 months ago

CGPSC SSE 09 Feb 2020 Paper – 2 Solved Question Paper

निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…

11 months ago

CGPSC SSE 09 Feb 2020 Solved Question Paper

1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…

11 months ago

Haryana Group D Important Question Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…

12 months ago

HSSC Group D Allocation List – HSSC Group D Result Posting List

अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…

12 months ago

HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern – Haryana Group D

आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…

12 months ago