धातु और अधातु से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल, धातु और अधातु पर आधारित 30 महत्वपूर्ण प्रश्न, धातु तथा अधातु से संबंधित प्रश्न, धातु एवं अधातु ncert, धातु और अधातु इन हिंदी, धातु और अधातु pdf, धातु और अधातु के उपयोग, धातु और अधातु के नाम, धातु तथा अधातु की परिभाषा, धातु अधातु में अंतर बताये, धातु और अधातु कक्षा 8
सोना सबसे अधिक तन्य धातु है.
विद्युत शॉक या लघु पतन से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए
पारा एक तरल धातु है.
ब्रोमीन
हीरा (कार्बन का अपरूप)
ग्रेफाइट
धातुओं के ऑक्साइड सामान्यत क्षारीय प्रकृति की होती है.
टंगस्टन
उपधातु
धातुओ के परमाणुओं में स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण।
अच्छी ताप चालकता का गुण।
उत्तम विद्युत चालकता का गुण।
क्योंकि वह विद्युत का सुचालक है।
सोना तथा प्लैटिनम
सोडियम तथा पोटासियम
शीशा, तांबा, चांदी, सोना।
धातु लवण बनता है तथा (H2) गैस निकलती है।
मैग्नीशियम तथा मैगनिक
सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा शानदार नाइट्रेक अम्ल का 3 : 1 में मिश्रण ऐक्वा रेजिया कहलाता है।
वह अभिक्रिया जिनमें कोई क्रिया से लिया था तो किसी अन्य कम क्रियाशील तत्व को उसके लवण के विलियन से विस्थापित कर देता है, विस्थापन अभिक्रियाएं कहलाती है।
एल्युमीनियम एवं जिंक
क्योंकि जब एलुमिनियम को वायु में खुला छोड़ते हैं तो यह ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके एल्युमीनियम ऑक्साइड की एक परत बनाता है, जो एलुमिनियम को आगे क्रिया करने से रोकती है।
2Na (s) + H2 (g) – 2NaH
लोहा तांबे से अधिक क्रियाशील है, यह तांबे को उसके लवण के विलियन से विस्थापित कर देगा, लोहे के बर्तन में (छेद हो जाएगा) विलियन बाहर आ जाएगा.
क्योंकि वह बहुत ही कम क्रियाशील धातु में होती है.
अधिकतर धातुओं के ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति की होती हैं.
धातु ऑक्साइड, विद्युत संयोजी तथा अधातु ऑक्साइड सहसयोंजी होते हैं.
प्रकृति की क्रियाशील धातु जैसे सोना, चांदी स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती है।
क्योंकि ऑक्सीजन एक अती क्रियाशील तत्व है। यह धातुओं के साथ आसानी से क्रिया करके उन्हें ऑक्साइड बनाती है।
कम क्रियाशील, क्रियाशील तथा अधिक क्रियाशील
धातुओं को उनके घटती हुई क्रियाशील के क्रम में व्यवस्थित करना, उनकी क्रियाशीलता श्रेणी कहलाता है।
पदार्थ के कण जिनमें सामान्य से अधिक इलेक्ट्रॉन या कम इलेक्ट्रान होते हैं आयन कहलाते है.
धन आयनो पर धनात्मक + आवेश तथा ऋण आयनों पर ऋणात्मक (-)आवेश होता है।
18
अष्ठक प्राप्त करने के लिए अपना बाह्यतम कोश पूरा करने के लिए परमाणु क्रिया करते हैं
वे आबंध इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के कारण बनते हैं। आयनिक आबन्ध कहलाते है।
वे आबध इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी के परिणाम स्वरूप बनते हैं, सहसंयोजी आबंद कहलाते हैं।
सहसंयोजी आबंध
धातु निष्कर्षण से पहले शक्तियों को दूर करने की क्रिया, सान्द्रण कहलाती है।
किसी सल्फाइड अयस्क को वायु/O2 उपस्थिति में तेजी से गर्म करने की क्रिया, भर्जन कहलाती है. इसी प्रक्रिया में सल्फाइड अयस्क ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।
किसी कार्बोनेट अयस्क को गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करने की क्रिया, जिसमें वाष्पशील अशुद्धीय भी दूर हो जाती है, निस्तापन कहलाता है।
अत्यधिक क्रियाशील धातुए, जैसे सोडियम, एलुमिनियम, मैग्नीशियम आदि को अपचायक के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
धातुओं से अशुद्धियों को दूर करने की क्रिया, धातु परिष्करण कहलाती है।
कोई पदार्थ (लवण अम्ल या क्षार) जो विलियन अवस्था में विद्युत का चालन कर सकता है, उसे विद्युत अपघटन कहते हैं।
भर्जन प्रक्रम का उपयोग सल्फाइड एस्कों के सांद्रण में किया जाता है।
निष्पातन प्रक्रम के द्वारा
एलुमिनियम
पारा (HG)
तांबा (Cu)
भर्जन प्रक्रम – 2Cu2 + 3O2 – 2Cu2O + 2SO2
विद्युत अपघटनी अपचयन
AL2O3 + 6HCL – 2ALCL3 + 3H2O
सिल्वर सल्फाइड के कारण
कॉपर कार्बोनेट
Fe2O.xH2O
लोहे की वस्तुओं पर जल की क्रिया से बना भूरे रंग का पदार्थ जग कहलाता है।
ऑक्सीजन की उपस्थिति, नमी जल की उपस्थिति।
किसी क्रियाशील धातु जैसे लोहे पर जिंक की परत चढ़ाने की क्रिया को यशदलेपन कहते हैं।
जिंक
किसी धातु का अन्य धातु तत्व धातु के साथ ठोस मिश्रण है, मिश्र धातु कहलाता है।
दो धातुओं का ठोस मिश्रण जिसमें से एक धातु पारा (मर्करी) अमलगम कहलाता है।
पीतल तांबा शादी के की मिश्र धातु है।
कांसा तांबा तथा टिन की मिश्र धातु है,
टाका में लैंड तथा टिन धातुएँ होती है।
टाइटेनियम, जिरकोनियम, क्रोमियम, मैगनीज।
विद्युत अपघटन परिष्करण।
द्रवण, आसवन
वन आर्केल विधि (तापीय अपघटन), जोन परिशुद्धिकरण विधि।
कॉपर सल्फेट का विलयन।
टाइटेनियम (Ti)
अंतरिक्ष यान, वायुयान के ढांचे बनाने में, समुंद्री उपकरण बनाने में, रासायनिक रिएक्टर बनाने में।
डयूरेलियम
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…
निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…
1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…
आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…
अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…
आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…