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इलेक्ट्रिकल ट्रेडस से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी

  • विद्युत् ऊर्जा की इकाई किलोवाट घंटा है।
  • तापमान बढ़ने से पदार्थ की इलेक्ट्रिक सामर्थ्य घटती है।
  • लेस एसिड सेल का औसत विद्युत वाहक बल 2.2 वोल्ट होता है।
  • चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दाएं हाथ के नियम से निर्धारित की जाती है।
  • किसी बैटरी की क्षमता डिस्चार्ज की दर पर निर्भर करती है।
  • विद्युत बैटरी एक युक्ति है जो रासायनिक क्रिया द्वारा विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है।
  • 1 किलो कैलोरी 4180 जूल के बराबर होती है।
  • 1 हॉर्स पावर 746 वाट के बराबर होता है।
  • विद्युत धारा की इकाई एंपियर द्वारा होती है।
  • वह बल जो विद्युत को चलाता है e.m.f कहलाता है।
  • आर्मेचर का कम्प्यूटेटर एक दिष्ट धारा देने में सहायता करता है।
  • घरेलू रेफ्रिजरेटर वाष्प कंप्रेशन रेफ्रिजरेशन सिस्टम के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • प्रतिरोध वेल्डिंग के लिए निम्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है।
  • आल्टरनेटर A.C. जनित करता है।
  • किसी दाब कुंडली में धारा सप्लाई वोल्टेज के समानुपाती होती है।
  • मूविंग आयरन यंत्र आकर्षण एवं विकर्षण प्रकार के  होते हैं।
  • वोल्टमीटर की रेंज बढ़ाने के लिए वोल्टमीटर के साथ उच्च मान का प्रतिरोध जोड़ा जाता है।
  • मूविंग कोयल यंत्र स्थाई चुंबक और डायनेमो मीटर प्रकार के होते हैं।
  • एक स्थायी चुम्बक का चुम्बकत्व रहता है जब चुम्बकत्वीय हटा दिया जाता है।
  • पेपर कंडेसनर एक प्रकार का फिक्सड कंडेनसर होता है।
  • लेड एसिड बैटरी में प्रयुक्त इलेक्ट्रोलाइट सल्फ्यूरिक एसिड होता है।
  • धारा को DC कहा जाता है जब माप समय के साथ समान ही रहता है।
  • एक फेज A.C. मोटर में कंडेंसर फेज को विभक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  • तापमान बढ़ने से प्रतिरोध का तापमान गुणांक बढ़ता है।
  • वह मीटर जो वोल्टेज मापता है, वोल्टामीटर कहलाता है।
  • सिंगल फेज अल्टरनेटर की तुलना में तीन फेज अल्टरनेटर का तुल्यकाल सरल होता है।
  • कार्बन आर्क वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड ऋणत्मक पर रखे जाते  है।
  • नट और बोल्ट को जोड़ने के लिए प्रेषक वेल्डिंग का प्रयोग होता है।
  • धात्विक आर्क वेल्डिंग में प्रयुक्त इलेक्ट्रोड आवरण चढ़े होते हैं।
  • घरेलू रेफ्रिजरेटरों में कंडेसर रेफ्रिजरेटर के पीछे लगा होता है।
  • बुश बनाने के लिए कास्ट आयरन का प्रयोग किया जाता है।
  • पूर्ण तरंग ब्रिज रेक्टिफायर में चार डायोड प्रयोग किए जाते हैं।
  • डायोड में पिन के पास बिंदु के कैथोड दर्शाता है।
  • LED में पी.एन. जंक्शन होता है।
  • परिणामित्र का क्रोड़ सिलिकॉन इस्पात का बनाया जाता है।
  • सोल्डर वायर टिन और सीसा का मिश्रण होता है।
  • DC मशीन के पार्श्वपथ विसर्पण का प्रतिरोध लगभग 200Ω होता है।
  • AC मोटर एवं डीसी मोटर को यूनिवर्सल मोटर कहां जाता है।
  • क्रोमियम प्लांटिंग के लिए एनोड एंटीमिनियल शीशा का बना होता है।
  • विद्युत शक्ति को मापने वाला मीटर वोटमीटर कहलाता है।
  • विद्युत परिपथ की धारा मापने के लिए प्रयुक्त मीटर आमीटर होता है।
  • दो फेज सप्लाई में वेल्डिंग का विद्युतीय विस्थापन 90 डिग्री होता है।
  • चालक की लंबाई बढ़ाने से प्रतिरोध बढ़ता।
  • AC  को ट्रांसफर द्वारा आसानी से हटाया जा सकता है।
  • MC  यंत्रों की तुलना में MI  यंत्र की खपत अधिक होती है।
  • इलेक्ट्रॉन वोल्ट द्वारा ऊर्जा को मापा जाता है। किस अनुक्रमानुपाती होता है, अर्थ आरती RaT
  • परमाणु के नाभिक का व्यास 10 से 14 मीटर होता है।
  • परमाणु में कुल करण प्रोटॉन, कानपुर टो  न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन है।
  • प्रतिरोध का SI  मात्रक ओम होता है।
  • व्हीट स्टोन सेतु का उपयोग निबंध तथा उच्च दोनों प्रकार के प्रतिरोध मापन में होता है।
  • किसी सेल अथवा बैटरी का विद्युत वाहक बल मापने के लिए वॉल्टतापमापी का प्रयोग किया जाता है।
  • एसी परिपथ के आयाम घटक का मान 1.414  होता है।
  • किसी अल्टरनेटर की घूर्णन दिशा फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम से ज्ञात किया जाता है।
  • 1 KHz  आवृत्ति की तरंग धैर्य 3 x  105 मीटर होती है।
  • स्टार संयोजन का प्रयोग विद्युत वितरण प्रणाली में किया जाता है।
  • यूनिट पावर फैक्टर पर कौण Q  का मान 0 होता है।
  • एक बेवर 108 मैक्सवेल के बराबर होता है।
  • किसी चुंबकीय परिपथ में चुंबकीय फ्लक्स को गतिमान करने वाला बल चुंबकीय वाहक बल कहलाता है।
  • लेंज के नियम ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत से संबंधित है।
  • विद्युत चुंबकीय प्रेरण के खोजकर्ता फैराडे थे।
  • विद्युत धारिता का SI मात्रक फैराड है।
  • वायु तथा निर्वात का परावैधुत नियतांक एक होता है।
  • यदि C धारिता मान के दो संधारित्र श्रेणी क्रम में संयोजित हो तो उनकी तुल्य धारिता C/2  होगी।
  • पॉलिस्टर संधारित्र की कार्यकारी वोल्टता 400 V डी.सी. होती है।
  • अधिक धारिता मान प्राप्त करने के लिए संधारित्र को समांतर क्रम में संयोजित करना होता है।
  • RC परिपथ के समय नियतांक की गणना करने का सूत्र t = C.R. होता है।
  • 1 फैराडे 9 x1011 e.s.u के बराबर होता है।
  • शंट का उपयोग धारामापी की माप सीमा बढ़ाने के लिए होता है।
  • किसी धारामापी की कुंडली में एक्रास शंट का प्रयोग करने से उसकी माप सीमा बढ़ जाती है।
  • वॉल्ट मापी की सुग्राहिता ओम प्रति वॉल्ट में व्यक्त की जाती है।
  • ए.सी/डी.सी. वोल्टता, डी.सी. एंपियर और ओम को मल्टीमीटर में से मापा जाता है।
  • प्रतिरोधक द्वारा विद्युत उस मियां के अंतर्गत उत्पन ऊष्मा धारा के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है।
  • सामान्य प्रकार का वॉल्टमापी ए सी का  R.M.I मान माता है।
  • वैद्युत अपघटन अभिक्रिया के लिए डीसी स्त्रोत तक आवश्यक है।
  • विधिक प्रक्रिया के लिए आवश्यक विद्युत सप्लाई डी सी होती है।
  • वोल्टमीटर में धात्विक वस्तु विनोद इलेक्ट्रोड एसई सयोंजीत होती है।
  • धन आवेश युक्त कण केटायन कहलाते हैं।
  • लेड एसिड सेल द्वारा उत्पन्न विद्युत वाहक बल का मान 2.2 V  का होता है।
  • सेलों के आंतरिक प्रतिरोध के मान को कम करने के लिए उन्हें समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
  • धात्विक वस्तु की छत ऐसे चिकने हटाने के लिए उसे क्षारीय विलयन में डुबोया जाता है।
  • बैटरी आवेशन कार्य के लिए शट जनित उपयुक्त होता है।
  • डीसी जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  • बड़े दिन इतर में प्रयोग किए जाने वाले ब्रश तांबे के होते हैं।
  • जनित्र में अवशिष्ट चुबकत्व को समाप्त होने का कारण और हीटिंग हैमरिंग होता है।
  • शंट  कुंडली का प्रतिरोध आर्मेचर कुंदन से अधिक होता है।
  • डी सी सीरीज मोटर के प्रचलन के लिए 2 बिंदु स्ट्राटर का प्रयोग किया जाता है।
  • प्रारंभ में डीसी मोटर के विरोधी वि वा बल का मान 0 होता है।
  • 1 Kwh  बराबर 860 कैलोरी होता है।
  • ओवरलोड कव्वायल (OLC) का कार्य और रोड स्थित में मोटर को ऑफ करना है।
  • वेव वाइंडिंग में समानांतर पथों (A) की संख्या 2 होती है।
  • अल्टरनेटर के रोटर डी.सी सप्लाई प्रदान करने लिए वाली युक्ति एक्साइटर कहलाती है।
  • भारत में मान्य फेज क्रम R-Y-B  है
  • अल्टरनेटर द्वारा उत्पन्न वि.वा. बल की आवृत्ति पोल्स की संख्या तथा घूर्णन गति पर निर्भर करती है।
  • अल्ट्रानेटर्स की सिक्रोनाईजेशन  के लिए सामान्य डार्क तथा ब्राइटनेट विधि का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रांसफार्मर की दक्षता सामान्यतः 90%से 98% होती है।
  • 3- फैज की घूर्णन दिशा परिवर्तित करने के लिए कि नहीं 2 फेजों का संयोजन आपस में परिवर्तित करना पर्याप्त होता है।
  • यदि 3 फेज मोटर का एक फेज ओपन सर्किट हो तो मोटर स्टार्ट तो हो जाएगी परंतु लोड नहीं उठाएगी
  • रनिंग अवस्था में मोटर की धारा स्टार्टिंग की तुलना में कम होता है।
  • ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर का उपयोग 10 अश्वशक्ति से अधिक की मोटर्स के साथ होता है।
  • D.O.L का पूर्ण रूप डायरेक्ट ऑन लाइन है।
  • विद्युत भट्टी की दक्षता 75% से 100% होती है।
  • सोल्डरिंग प्रक्रिया में फिलर धातु के रूप में लेड टिन का मिश्र धातु प्रयोग होता है।
  • विद्युत आर्कभट्टी का तापमान मापने के लिए पायरोमीटर उपयोग किया जाता है।
  • प्रत्यक्ष आर्क भट्टी की दक्षता समानयता 5 से 10 टन होती है।
  • वैधुतिक आर्यों के लिए प्रयुक्त सोल्डर में लेड तथा 3:00 का अनुपात 40 : 60  होता है।
  • प्रदीप्ति पुंज का मात्रक ल्यूमेन होता है।
  • मर्करी पारा वाष्प लैंप की औसत आयु 3000 घंटे होती है।
  • निर्वात बल्ब की तुलना में गैस युक्त बल्ब की दक्षता दो गुना होती है।
  • सोडियम वेपर लैंप पूर्ण रूप से प्रकाशित होने में 10 से 15 मिनट का समय लगता है।
  • वातानुकूलन उपकरण की दक्षता टन में व्यक्त की जाती है।
  • एयर कंडीशनर में कंप्रेसर तथा ब्लोवर को दो भिन्न मोटर्स से चलाया जाता है।
  • वाटर कूलर की दक्षता लीटर में व्यक्त की जाती है।
  • ट्रांजिस्टर में दो PN संगम होते हैं।
  • इंसुलेशन के लिए स्पार्क पल्ग में पोर्सेलीन का उपयोग किया जाता है।
  • फ्यूज तार सामान्यत: टिन सीसा के मिश्र धातु से बनाए जाते हैं।
  • प्रकाश का तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।
  • डी.सी (D.C.) शेट रिले पतले तार के बहुत से घेरे के बने होते हैं।

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