हिमाचल प्रदेश में खनिज संपदा से जुडी जानकारी

हिमाचल प्रदेश खनिज संपदा के क्षेत्र में सम्पन्न नहीं है राज्य में मात्र 0.2 प्रतिशत ही खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। भारतीय भू-गर्भशास्त्र सर्वेक्षण की प्रारंभिक जांच पड़ताल से ज्ञात होता है कि स्लेट, नमक, चूना, पत्थर, जिप्सम, बेराहट्स, मृदाओं, अभ्रक, लोहा, पायराट्स एवं सीसे के भंडार यहां विद्यमान है।

इन खनिज पदार्थों में केवल चार अर्थात चूना पत्थर, मकान बनाने के पत्थर, स्लेट और जिप्सम को ही महत्वपूर्ण एवं व्यापारिक दृष्टि से मूल्यवान माना जाता है। मंडी जिले के गुना और दरांग में सैंधा नमक के कुछ भंडार भी हैं। राज्य में चूना पत्थर बड़े पैमाने पर उपलब्ध है, जिप्सम अधिकतर सिरमौर जिले में एवं स्लेट कांगड़ा, बिलासपुर, मंडी एवं चम्बा जिलों से प्राप्त होता है।

राज्य सरकार ने उद्योग विभाग में एक भू-गर्भ शास्त्रीय प्रकोष्ठ स्थापित किया है और जिप्सम, डोलोमाइट और चूना पत्थर के सिलसिले में अन्वेषण कार्य भी किए हैं, परंतु अभी तक उत्साहजनक परिणाम सामने नहीं आया है। राज्य के कुल्लू जिले में पार्वती नदी में यूरेनियम के भंडार हैं, लेकिन अभी यहां पर खोज कार्य चल रहा है।

हिमाचल प्रदेश में खनिज संपदा से जुड़े तथ्य

  • प्रदेश के कुल्लू जिले में यूरेनियम के भंडार पाये जाने के संकेत मिले हैं।
  • राज्य के लाहौल स्पीति, चंबा का पागी क्षेत्र, किन्नौर में कुल्लू में खनिज पदार्थों के पर्याप्त मात्रा में पाई जाने की संभावना है इनमें शीशा, तांबा, चांदी, मैग्नीशियम, जिप्सम आदि प्रमुख है।,
  • प्रदेश के दक्षिणी मध्य क्षेत्र अर्थात् प्रदेश के इस लघु हिमालय के शिमला, कांगड़ा में भवन निर्माण के काम आने वाले पत्थर की खानें हैं।
  • शिमला के पूर्वी और पश्चिमी भाग में टौंस एवं सतलुज नदी के किनारों के समांतर डोलोमाइट चूने का पत्थर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • राज्य के शिमला जिले के रोहड़ में लगभग 2.5 मिलियन टन लौह धातु के होने की प्रबल संभावना है।
  • राज्य में स्थित तारा देवी मत्याना पर्वत रेखा में आयरन सल्फाइड प्राप्त होने के संकेत भू-सर्वेक्षण विभाग ने दिए हैं। यहीं पर गुमादरंग की नामक की खाने प्रसिद्ध है। इसका रंग गहरा नीला होता है साल भर में लगभग 30-40,000 टन नमक यहां से निकाला जाता है। मंडी से 12 किलोमीटर दूर में मैगली में नमक वाले पानी को सुखाकर नमक में बदला जाता है। मंडी में पाई जाने वाली नमक कीजिए खानें भारत के अन्य किसी हिस्से में नहीं मिलती है।
  • कांगड़ा के बीड़ क्षेत्र में लोहे और तांबे के भंडार मिलने की संभावना है।
  • चंबा के भरमौर और साहू क्षेत्र में तांबे, घटिया किस्म के कोयले और लोहे के भंडार मिलने की संभावना है।
  • इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में भी चुने के पत्थर के पर्याप्त भंडार उपलब्ध। हिमालय के गर्म पानी के चश्मों में नमक व आयोडीन पाए जाते हैं।
  • बिलासपुर में धुमाखी से थोड़ी दूर फेटी धार से आने वाले नालों की रेत में थोड़ी बहुत मात्रा में सोना मिलता है।
  • हमीरपुर में ऊनाब आदि में भूरी मिट्टी और बढ़िया किस्म का रेत पाया जाता है। जो पक्की ईंटों बनाने के लिए बहुत उपयोगी है।
  • लाहौल स्पीति, चंबा, पांगी क्षेत्र, किन्नौर एवं कुल्लू में तांबा, शीशा, लोहा, चांदी, मैग्नीशियम, जिप्सम आदि खनिज पदार्थों के मिलने के संकेत मिले हैं।

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