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हिमाचल प्रदेश का भौगोलिक परिचय

हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तरी पश्चिमी सीमा पर 30०-22 ’40 से 33०-12’40 उत्तरी अक्षांश तथा 75’45’55 से 79०-42 पूर्वी देशांतर रेखा पर स्थित है। हिमाचल प्रदेश और पंजाल पर्वत के मध्य में हिमालय की गोद में स्थित है यह पर्वतीय राज्य समुद्र तल से 350 से लेकर 6,975 मीटर की ऊंचाई पर है। शिवालिक पर्वत श्रेणियों इसे मैदानी भागों से अलग करती है।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व में चीन (तिब्बत) उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण पूर्व में उत्तराखंड, दक्षिण में हरियाणा और पश्चिमी में पंजाब राज्य में अवस्थित है। हिमाचल प्रदेश अपने पर्वत, पहाड़ियों, जंगलों, नदियों घाटियों और दर्रों के प्राकृतिक सौंदर्य से मानव को सदैव से अपनी और आकर्षित करता रहा है।

यह सभी भौतिक संसाधनों की दृष्टि से भी उतना ही संपन्न है जितना की संस्कृति को और मानवीय मूल्यों की दृष्टि से, इसकी पूर्वी अंतरराष्ट्रीय सीमा तिब्बत व चीन के साथ लगी हुई है।  इसी कारण से भी इस राज्य का भारी राजनीतिक महत्व भी सर्वविदित है। हिमाचल प्रदेश में 55,673 किलोमीटर विस्तृत है इसकी जनसंख्या (जनगणना 2001 के अनुसार) 60,77,900 है।

हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने के लिए विभिन्न मार्ग बने हुए हैं। जिनसे हिमाचल में प्रवेश कर सकते हैं। पंजाब के मैदानों से या शिवालिक श्रेणी में से या शिमला की सुंदर, घुमावदार घाटियों से जोकि सदैव बर्फ से आच्छादित रहती है। समशीतोष्ण चीड़ के हरे-भरे वृक्ष एवं वनस्पतियां आने वाले प्रत्येक सैलानी को अपनी सौंदर्य पूर्ण एवं अद्भुत आभा से अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।

हिमाचल प्रदेश की विभिन्न चोटियों पर सदैव बनी रहने वाली बर्फ की कतार इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। धौलाधार पर्वत कांगड़ा की घाटी प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाती है। वहीं दूसरी ओर पीर पंजाल हिमालय और जास्कर पर्वत श्रेणियां लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू किन्नौर की रखवाली करती है।

भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का मुख्यत: चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-

  1. निचली पहाड़ियां
  2. भीतरी या मध्य हिमालय
  3. वृहद हिमालय या उच्च पर्वतीय क्षेत्र
  4. जस्कर पर्वत श्रृंखला

निचली पहाड़ियां

जिला कांगड़ा,  हमीरपुर, बिलासपुर ऊना एवं मंडी जिले के निचले क्षेत्र, इस क्षेत्र में सम्मिलित है। साथ ही सोलन और सिरमौर जिले भी। इस हिस्से को शिवालिक क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में औसतन वर्षा करीब 1,500 मिली मीटर से 1,800 मिली मीटर के मध्य होती है। यह क्षेत्र समुद्रतल से 350 मीटर या 1,050 फुट से 1,500 मीटर या 4,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

भीतरी या मध्य हिमालय

प्रदेश के इस क्षेत्र में ऊपरी भाग तथा सिरमौर जिला की पछाड़ एवं रेणुका तहसील, मंडी जिले की चचिमोटल एवं कोरसोग तहसील, कांगड़ा जिले के ऊपरी भाग एवं पालमपुर तहसील एवं चबा जिले की चुराह तहसील के ऊपरी भाग सम्मिलित है। इस क्षेत्र की समुद्रतल से न्यूनतम ऊंचाई 1500 मीटर या 4500 फुट से 4500 मीटर या 13,500 फुट है। यहां की जलवायु तथा मिट्टी, आलू, बीज, सम शीतोष्ण कटिबंधीय फल एवं अन्य सामान्य फल प्रजातियों के लिए बहुत उपयोगी है।

पीर पंजाल (चंबा जिले में) एवं धौलाधार (कांगड़ा जिले में) पर्वत चोटियां, मध्य हिमालय की यह दो प्रमुख चोटियां इसी क्षेत्र में पडती है।

वृहद् हिमालय या उच्च पर्वतीय क्षेत्र

प्रदेश के इस क्षेत्र में जिला चंबा किन्नौर जिले की पांगी तहसील एवं लाहौल स्पीति जिले के कुछेक भू-भाग शामिल है। इस क्षेत्र का अधिकांश भाग बर्फ से आच्छादित रहता है। यहां का वातावरण गर्मियों में समशीतोष्ण तथा शरद ऋतु में धुर्वीय (अति ठंडक वाला) प्रकृति का होता है।

जस्कर पर्वत श्रंखला

प्रदेश की यह आखिरी और पूवर्तम पर्वत श्रंखला है। इसकी अधिकतम ऊंचाई 7,000 मीटर से अधिक है। यह पूर्व से उत्तर की ओर उठती हुई कश्मीर एवं चीन की तरफ चली जाती है। सतलज इसे शीपकी दर्रे के पास काटती है। हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची पर्वत चोटी शिल्ला (7,025 मीटर) इसी पर्वत श्रृंखला में है।

हिमाचल की प्रसिद्ध चोटियां, ऊंचाई तथा स्थिति

जिला पर्वतीय शिखर का नाम समुद्र तल से ऊंचाई
किन्नौर किन्नौर कैलाश 19,500 फीट
लाहौल स्पीति मुकर बह 18,210 फीट
लाहौल स्पीति हरगांररण 11,350  फीट
लाहौल स्पीति श्रृंगला 14,997 फीट
लाहौल स्पीति शिगरिला 18,690 फीट
लाहौल स्पीति शिकर बहगेफांग 18,600 फीट
लाहौल स्पीति गेफांग 19,200 फीट
लाहौल स्पीति मुल किला 19,560 फीट
लाहौल स्पीति लाछालंगला 15,180 फीट
लाहौल स्पीति मनीरेंग 19,791 फीट
किन्नौर लियोथार जिला
19,824 फीट
किन्नौर शिपकी 21,075 फीट
किन्नौर शिला
18,660 फीट
कुल्लू व मनाली इंद्रासन 18,660 फीट
कांगड़ा पीर पंजाल 17,916 फीट
चम्बा गौरी देवी टिब्बा 12,090 फीट
चम्बा बड़ा खण्डा
17,580 फीट
चम्बा तमसार 15,240 फीट
चम्बा कैलाश 16,980 फीट
चम्बा नरहरी टिब्बा 11,190 फीट
कुल्लू व कांगड़ा घोर तन तनु 14,680 फीट
कुल्लू व कांगड़ा हनुमान टिब्बा 17,580 फीट
कुल्लू पिन पार्वती 14,400 फीट
कुल्लू पतालस
13,410 फीट
कुल्लू शितिधार 15,870 फीट
कुल्लू परागला 16,731 फीट
कुल्लू श्रीखण्डा 15,546 फीट
कुल्लू बोबा कान्दिनू 17,832 फीट
कुल्लू साचा 10,620 फीट
कुल्लू उमाशीला 15,882 फीट
कुल्लू दियो टिब्बा 18,033 फीट
कुल्लू इंद्राकिला 14,820 फीट
कुल्लू डिबो वोकरी 19,200 फीट
कुल्लू सोलांग 179,25 फीट
लोहाल स्पीति मुरागंला 18,180 फीट
लोहाल स्पीति गेंफाग गो 18,150 फीट
लोहाल स्पीति शालूड दा पार 16,590 फीट

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें

कुल्लू व कांगड़ा तैतू 15,000 फीट
कांगड़ा गैरु 13,000 फीट
कांगड़ा व चंबा भीम धसूतड़ी 16,320 फीट
कांगड़ा व चंबा तोरी 13,080 फीट
कांगड़ा व चंबा सारीगलू 11,220 फीट
कांगड़ा व चंबा बालेणी 11,190 फीट
कांगड़ा व चंबा जालसु   10,350 फीट
लाहौल स्पीति लालुजी   16,320 फीट
लाहौल स्पीति दुग्गी 15,080 फीट
लाहौल स्पीति तेम्पोल 14,620 फीट
लाहौल गुलारी 14,880 फीट
चंबा खिदालागलू 14,250 फीट
मंडी व कुल्लू शी 13,590 फीट
कुल्लू गढ 11,190 फीट
कुल्लू रसौले 9,690 फीट  
कुल्लू खौली गलू 10,320 फीट
कुल्लू चंद्र खेरनी गलू 10,800 फीट
कुल्लू तैंती
10,800 फीट
चंबा, कुल्लू व स्ंपिति हामता 12,810 फीट
कुल्लू रांगछी
13,620 फीट

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे

जिला/स्थल दर्रे का नाम समुद्र तल से ऊंचाई
लाहौल स्पीति व भरमौर कुंगती 14,883 फीट
कांगड़ा व भरमौर निकोड़ा 14,250 फीट
मनाली व कांगड़ा मनाली 14,640 फीट
कटियात व चंबा सोलन 7,200 फीट
कुल्लू व लाहौल स्पीति
पीर पार्वती 15,957 फीट
कुल्लू व मंडी हुलती 8,364 फीट
कुल्लू व शिराज जालोरी 9,405 फीट
कांगड़ा व बड़ा बंगला तमशार 13,616 फीट
कांगड़ा वन लाहौल स्पीति बड़ा लछाला 14,670 फीट
कुल्लू व जोगिंदर नगर भूवु 8,685 फीट   
पांगीधार, लाहौल व भरमौर छबिया 14,802 फीट
जम्मू चंबा पादरी 9,750 फीट
कुल्लू व लाहौल स्पीति सारा उम्गा
15,030 फीट
चंबा व कांगड़ा वारु 11,610 फीट
भरमौर लाहौल स्पीति शिपलिंग 14,740 फीट
चंबा व पांगी साच 13,185 फीट

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख घाटियाँ

  • चंद्र घाटी
  • लाहौल घाटी
  • भागा घाटी
  • पतन घाटी
  • मालुंग घाटी
  • कुल्लू घाटी
  • स्पीति घाटी
  • सांगला घाटी या वास्पा घाटी
  • थिदौंग या तिरुंग घाटी
  • निशांग घाटी
  • हागरांग घाटी या लियो पार
  • स्वाब  घाटी
  • चौंतरा घाटी
  • चुहार घाटी
  • कांगड़ा घाटी
  • पांगी घाटी
  • पब्बर घाटी
  • सतलज घाटी
  • कुनिहारी घाटी
  • धामी घाटी
  • कियारदादून घाटी
  • लिंगटी घाटी
  • सपरा घाटी

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