जनन क्षमता का विकास ।
18 से 19 वर्ष।
एडम्स एप्पल( कंठमणि)
स्व्रयंत्र की पेशियों की अनियंत्रित वृद्धि।
स्वेद व तैलग्रंथियों का अत्यधिक स्त्राव।
अंत स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित रसायनिक पदार्थ हार्मोन कहलाते हैं।
पीयूष ग्रंथि, थायराइड ग्रंथि, वृषण, अंडाशय।
टेस्टोस्टेरोन, जो वृषण से स्थित होता है तथा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन, जो दोनों अंडाशय से होते हैं लिंग या सेक्स हार्मोन कहलाते हैं।
पिट्यूटरी अथवा पीयूष ग्रंथि।
जनन अंगों के अतिरिक्त ऐसे लक्षण जो नर व मादा के लिंक को पहचानने में मदद करें, गौण लैंगिक लक्षण कहलाते हैं।
वृषण में, अंडाशय से।
11 से 12 वर्ष की आयु में।
45 से 50 वर्ष की आयु तक।
10 से 11 वर्ष की आयु के बाद।
18 से 19 वर्ष की आयु तक।
जनन परिपक्वता आने पर।
थायरोक्सिन
पीयूष
एस्ट्रोजन
10 से 12 वर्ष की आयु में।
टेस्टोस्टेरोन।
एड्रिनल।
28 से 30 दिनों में।
45 से 50 वर्ष की आयु में।
दो
XX
XY
पिता पर
वृक्क।
अग्नाशय।
पीयूष ग्रंथि।
चार से 7 दिन तक (28 से 30 दिन में एक बार ऋतु स्त्राव होता है)।
थायराइड ग्रंथि से।
थायरोक्सिन
थायराइड सबसे बड़ी अत: स्त्रावी ग्रंथि है।
मधुमेह है या डायबिटीज। ‘
अग्नाशय ग्रंथि। ।
एड्रिनेलिन (तनाव के शोधन का कार्य करता है)।
पीयूष ग्रंथि द्वारा।
डिब्बाबंद व जंक फूड से।
शरीर से पसीने की दुर्गंध आने लगेगी वह जीवाणु संक्रमण का भय रहता है/
जननांगों में संक्रमण हो सकता है।
लड़कियों के लिए 18 वर्ष में लड़कों के लिए 21 वर्ष।
सदूषित (संक्रमित) सीरिंज का इस्तेमाल करना।
हां
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