टायर पर लगाया गया बल टायर की गति की दिशा में है और जब बल गति की दिशा में लगाया जाता है तो वस्तु की चाल बढ़ जाती है। यही कारण है कि धक्का देने पर गतिशील टायर अधिक चाल से भागना शुरू कर देता है।
क्रिकेट में बल्लेबाज बल्ले से गेंद पर लगाकर शॉट खेलता है ऐसा करने पर गतिशील गेंद की चाल व दिशा दोनों बदल जाते हैं।
निम्न बलों को वस्तु पर लगाने के लिए संपर्क करना अनिवार्य है-
पेशीय बल- यदि किसी वस्तु पर बल शरीर की मांसपेशियों द्वारा लगाया जाता है तो इस बल को पेशीय बल कहते हैं। पेशीय बल द्वारा विद्यालय का बस्ता उठाना, पानी से भरी बाल्टी उठाना, बैलों द्वारा बैलगाड़ी खींचना, उठना, बैठना आदि सभी कार्य किए जाते हैं। पेशीय बल बिना संपर्क के लगाना संभव नहीं है।
घर्षण बल- घर्षण बल दो सतहो के बीच संपर्क के कारण उत्पन्न होता है। घर्षण बल सभी गतिशील वस्तु पर लगता है और इसकी दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है। फर्श पर लुढ़कती गेंद का धीरे-धीरे रुक जाना, साइकिल चलाते समय पर पैडल लगाना बंद करने पर कुछ समय बाद साइकिल का रुकना, घर्षण बल के उदाहरण है।
निम्नलिखित बल को लगाते समय वस्तु को स्पर्श नहीं किया जाता-
चुंबकीय बल- चुंबक, चुंबकीय बल के कारण लोहे की वस्तुओं को बिना स्पर्श अपनी ओर खींच लेता है।
गुरुत्व बल- पृथ्वी गुरुत्व बल के कारण प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
स्थिर वैद्युत बल- विद्युत क्षेत्र में आवेशित वस्तु है स्थिर वैद्युत बल के कारण बिना स्पर्श यह आकर्षित या प्रतिकृशीत हो जाती है।
स्कूल बैग को चौड़ी पट्टी से उठाना आसान होता है क्योंकि जब हम स्कूल बैग को पतली डोरी से उठाते हैं तो बैग का भार पतली डोरी के छोटे अनुप्रस्थ परिच्छेद पर केंद्रित हो जाता है। जब की चौड़ी पट्टी से उठाने पर वही बाहर बड़े क्षेत्रफल पर फैल जाता है। अंतर चौड़ी पट्टी पर पतली डोरी की अपेक्षा दाब कम लगता है जिस कारण बस्ते को उठाना आसान होता है।
वस्तुओं को काटने, चीरने, और सुराख निकालने वाले यंत्र नुकीले बनाए जाते हैं ताकि उन पर लगने वाला बल कम से कम क्षेत्रफल को प्रभावित करें जिससे दाब बढ़ जाए और वस्तु आसानी से विभाजित की जा सके।
दाब- इकाई क्षेत्र पर लगने वाला बल को दाब कहते हैं। अर्थात दाब= बल/ क्षेत्रफल
दाब का SI इकाई न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/M2) या पास्कल (PA) है।
कील को नुकीला बनाने से उसके सिरे का क्षेत्रफल कम हो जाता है। जिससे उस पर लगने वाला बल अधिक दाब डालता है। इस कारण कील को आसानी से दीवार या लकड़ी में ठोका जा सकता है।
सिर पर गोल कपड़ा लपेटने से सिर का क्षेत्रफल बढ़ जाता है जिसके कारण बोझ का दाब कम हो जाता है इसलिए कुली बोझ को आसानी से उठा लेता है।
पानी से भरी बोतल के तल पर दाब सबसे अधिक होगा, क्योंकि द्रव का दाब उसकी गहराई के बढ़ने के साथ बढ़ जाता है। बोतल में भरे पानी की सतह पर दाब सबसे कम होगा।
हम किसी गुब्बारे को हवा से भरते हैं तो इसमें हवा के दाब के कारण तनाव आ जाता है।
हमारे चारों ओर तथा ऊपर अंतरिक्ष में वायु भरी हुई है। यह वायु सभी वस्तुओं को दबाती है। वायु के इस दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। 76 सेंटीमीटर लंबे पारे के स्तंभ के बराबर दाब को एक वायुमंडलीय दाब माना जाता है।
वायुमंडल का दाब इतना अधिक होने के बावजूद भी हम इसे अनुभव नहीं करते क्योंकि वायु का दाब सभी और एक समान होता है जैसे हथेली के ऊपर की और पड़ रहा तथा हथेली के नीचे की ओर बढ़ रहे दाब के समान होता है। हमारे शरीर के सभी आंतरिक अंग नाक, कान, मुँह आदि के द्वारा वायुमंडल से जुड़े होते हैं जिस कारण हमारे शरीर के अंदर वायु का दाब वायुमंडलीय दाब के समान होता है। इस प्रकार हमारे शरीर के अंदर का दाब बाहर के दाब को संतुलित कर देता है तथा हमें इसका अनुभव नहीं होता है।
अधिक ऊंचाई पर वायुमंडलीय दाब कम हो जाता है इसलिए शरीर का ताप बाहर कि वह मुंह के दाब से अधिक हो जाता है जिस कारण रक्त वाहिनीयों से रक्त निकलने लगता है। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई के पहाड़ों पर चढ़ने वालों की नाक से रक्त स्त्राव होने लगता है।
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