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कुल्लू जिले से जुडी जानकारी

मुख्यालय- कुल्लू

समुद्र तल से ऊंचाई- 1219 मीटर

संक्षिप्त इतिहास

कुल्लू का प्राचीन नाम कुलूटा था। यह जिला व्यास नदी की घाटी में स्थित है। कुल्लू की स्थापना वेहंगमनी नामक राजा ने की थी। यहां के वास्तविक निवासी उदुम्बूर थे। वेहंगमनी प्रयाग (उत्तर प्रदेश वर्तमान में) से आया था। 9 मार्च 1840 विषय 1940 ई.तक कुल्लू (कुलुटा)अंग्रेजी हुकूमत के अधीन रहा था। 1947 से 1966 तक कुल्लू पंजाब राज्य का एक हिस्सा था। राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा इसे हिमाचल प्रदेश में शामिल कर लिख दिया गया। जगत सुख नागर एवं सुल्तानपुर अलग अलग समय पर कुल्लू रियासत की राजधानियां रहे हैं। वर्तमान कुल्लू जिले में 3 तीन तहसील है तथा दो उप तहसीलें हैं।

मुख्य फसलें- गेहूं, चावल, और मक्का

फल- सेब, अखरोट, अमरूद, लूकांट, एवं कटे रसीले फलों का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है।

प्रमुख धार्मिक स्थल- मनाली में हडिंबा देवी, परशुराम मंदिर, बजोटा में महिषासुर मर्दिनी  मंदिर, योका मंदिर, विश्वेश्वर मंदिर, आधे कुल्लू का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है।

2011 की जनगणना

  • कुल्लू जनसंख्या- 437903
  • कुल क्षेत्रफल- 5503 वर्ग किलोमीटर
  • जनसंख्या का घनत्व- 79 प्रति वर्ग किलोमीटर
  • साक्षरता प्रतिशत -79.4  प्रतिशत
  • पुरुष साक्षरता प्रतिशत  -87.3  प्रतिशत
  • महिला साक्षरता प्रतिशत – 70.9  प्रतिशत
  • महिलाएं प्रति हजार पुरुषों पर- 950

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