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मैकेनिकल ट्रेडस से जुडी जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम आपको मैकेनिकल ट्रेडस से जुडी जानकारी के बारे में बताने जा रहे है जो आपको एग्जाम में काफी मदद करेगी.

मैकेनिकल ट्रेडस से जुडी जानकारी

  • मोटरगाड़ी के रेडिएटर को ठंडा करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि पानी की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती है।
  • किसी पदार्थ के 1 किलोग्राम द्रव्यमान का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं।
  • आंतरिक दहन इंजन की दक्षता 25% से ऊपर होती है।
  • PV = RT गैस की अवस्था का व्यापक समीकरण कहलाता है।
  • यदि चारों तरफ बंद कमरे में चलते हुए रेफ्रीजिरेटर का द्वार खुला छोड़ दिया जाए तो कमरा धीरे-धीरे गरम हो जाता है।
  • Cp- Cv = R को मेयर का संबंध भी कहते हैं।
  • नियत वेतन पर होने वाले ऊष्मागतिक प्रक्रम को सम आयतनिक प्रक्रम कहते है।
  • नियत दाब पर होने वाले ऊष्मा गति प्रक्रम समदाबी प्रक्रम कहलाता है।
  • एक आदर्श गैस की आंतरिक उर्जा केवल ताप का एक फलन होता है।
  • बॉयल नियम बताता है कि नियत ताप पर आदर्श गैस के लिए गए द्रव्यमान के लिए आयतन दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
  • चार्ल्स के नियम के अनुसार आदर्श गैस के लिए गये थे रहमान के लिए सत्यता पर आयतन ताप के अनुक्रमानुपाती होता है।
  • रेफ्रिजरेशन सिस्टम ऊष्मा गतिकी के द्वितीय नियम पर कार्य करता है।
  • गैस टरबाइन इरिक्सन चक्र पर कार्य करता है।
  • पेट्रोल इंजन स्थिर आयतन चक्र पर कार्य करता है।
  • परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन एवं इलेक्ट्रॉन होते हैं।
  • परमाणु का आकार लगभग 10-10 मीटर होता है।
  • नाभिकीय शक्ति संयंत्र में विमदक के रूप में हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
  • I.C. इंजन ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम पर कार्य करता है।
  • भाप का क्रांतिक तापमान 374.15 होता है।
  • I.C. इंजन उष्मीय उर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
  • I.C. इंजन की उष्मीय दक्षता 35 से 40% होती है।
  • डीजल इंजन में इंजेक्शन 100 से 150 किलोग्राम के बीच होता है।
  • छह सिलेंडर C.I. इंजन में आवश्यक स्पार्क प्लगों की संख्या 0  होती है।
  • ऑक्टेन संख्या दर C.I. इंधन के लिए दी जाती है।
  • आइसो- ऑक्टेन का ऑक्टेन मान 100 होता है।
  • रेडिएटर का कार्य इंजन जैकेट से पानी को ठंडा करना है।
  • I.C. इंजन में स्नेहक के रूप में खनिज तेल का प्रयोग किया जाता है।
  • खुले चक्र गैस टरबाइन जुल चक्र पर कार्य करते हैं।
  • एक गैस टरबाइन का अधिकतम अनुपम में प्रवेश तापमान 900 डिग्री सेल्सियस होता है।
  • वायुयान इंजन मैं खुला चक्कर  गैस टरबाइन का प्रयोग किया जाता है।
  • गैस प्रयुक्त होने वाले  कंप्रेसर रोटरी प्रकार के होते हैं।
  • स्थिर  दाब गैस टरबाइन जुल  चक्कर पर कार्य करते हैं।
  • भाप की क्रांतिक दाब. 225.65 KG\CM2होता है।
  • विद्युत की एक ही कई पैदा करने में लगभग है 1.6  कोयला जलता है।
  • भरण जल इंजेक्टर  विद्युत मोटर, भाप इंजन तथा भाप टरबाइन सभी से संचालित होता है।
  • भाप इंजन रेकिन चक्र पर कार्य करता है।
  • पिस्टन कि रेखीय गति को क्रैंक द्वारा घूर्णी गति में बदला जा सकता है।
  • भाप इंजन की उसमें अध्यक्षता लगभग 25% होती है।
  • Fly wheel का कार्य एक चक्कर में उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा का अवशोषण करना है।
  • नोजल के कंठ पर दाब क्रांतिक दाब कहलाता है। भाप टरबाइन की उष्मा गति दक्षता भाप इंजन की तुलना में अधिक होती है।
  • भाप  टरबाइन अपरवर्ती  रेक्किन चक्कर पर कार्य करता है।
  • पिस्टन रिंग ढलवा लोहे की बनी होती है।
  • उस्मा सहवन का मूल नियम फारियार का नियम काल आता है।
  • थर्मो कंप्रेसर में स्नेहक की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
  • विस्थापन आयतन 1 स्ट्रोक में पिस्टन द्वारा विस्थापित आयतन होता है।
  • समान संपिंडन अनुपात के लिए आटो चक्कर की उसमें दक्षता अधिकतम होती है।
  • प्राकृतिक मिलेनियम मुख्यतः तीन आइसोटोप का मिश्रण होता है।
  • जब गति के चित्रों द्वारा संचालित होती है तो वह द्र्विय लिंक कहलाता है।
  • हाइड्रोलिक क्रेन में दाग के अंतर्गत द्रव द्रवीय लिंक की तरह कार्य करता है।
  • एक पिंड का कोणीय त्वरण कोणीया वेग परिवर्तन की दर होता।
  • वेल्ट और पुलि के बीच की आपेक्षिक गति स्लिप कहलाती है।
  • छोटी पुली का स्पर्श कोण 2.5  रेडियम से कम नहीं होना चाहिए।
  • स्तभन बिंदु पर उत्थापक का गुणाक अधिकतम होता है.
  • स्तंभी बिंदु से आगे, कर्षण गुणाक तेजी से बढ़ता है।
  • हाइड्रोलिक प्रबंधन ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  • एक कैप्लान टरबाइन में ब्लेड़ों की संख्या 4-6  होती है।
  • ढलवा लोहे में फास्फोरस की मात्रा की तरलता बढ़ाती है।
  • कार्क आक पेड़ की छाल से बनाया जाता है।
  • धातु शीट पर अक्षर और संख्या छापने की प्रक्रिया स्टेपिंग चलाती है।
  • इनमें 3 मिमी धातु मोटाई की  के लिए अल्ट्रासोनिक वेल्डिंग उपयुक्त होता है।
  • जब सॉफ्ट की रोटेशन एक धुरी एक दूसरे को काटती है तब बेवेल गियर लगे होते हैं।
  • कास्ट आयरन में फास्फोरस की मात्रा इसकी तरलता बनाती है।
  • जुल चक्र को ब्रिटेन चक्र कहते हैं।
  • थ्रोटलिंग प्रक्रम में तापमान स्थिर रहता है।
  • सुपरफिनिशिंग में ग्राइंडिंग दाब की तुलना में अपघर्षी दाब बहुत निम्न होती है।
  • पंच डाई दोबारा से सीट मेंटल में छिद्र बनाने की प्रक्रिया पियर्सिंग कहलाती है/
  • शेपर से प्लेन सरफेस की मशीनीग की जाती है।
  • करैक्टर घसाई के टूल के फेस पर होती है।
  • पिलियों की क्राउनिग बेल्ट को पुलि से फिसलने से रोकने के लिए की जाती है।
  • सैलीनोमीटर में ब्राइन की डेन्सिट को नापा जाता है।
  • कोरनोट चक्र दो रुड्ढ्ष्म तथा दो समतापीय प्राकर्मों का बना होता है।
  • इंजन का संपीडन अनुपात सीमित करने वाला मुख्य कारक प्रस्फुटन होता है।
  • वाट गर्वनर स्लो स्पीड इंजन के लिए उचित है।
  • लोहे की सबसे अधिक नर्म एलोट्रोपिक fफॉर्म फेराहिट होती है।
  • जब किसी पिंड एक पथ पर गतिमान होते हैं तो वक्र रेखीया गति कहलाती है।
  • स्टील का म्लेटीग प्वाइंट कार्बन की मात्रा बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता है.
  • नर्म इस्पात का सर्कुलर एक्शन सबसे अधिक इकनोमिक होता है।
  • पायसन अनुपात का मान कभी भी 0.5 से अधिक नहीं होता है।
  • वहर्लिग चाल का मात्रक परिक्रमण 1 सेकंड होता है।
  •  मोल्ड बालू की अपर्याप्त रेमीग के कारा कास्टिंग में दोष स्बैल कहलाता है।
  • पदार्थों का बिना भी पल में प्रतिबल का प्रतिरोध करने का सामर्थ्य कहलाता है।
  • हाइपोथेटिकल सूचक औरख मे भाप के प्रसार को अति प्रवलिय माना जाता है।
  • टूल द्वारा हटाए गए चिप (छीलन) की मोटाई अपूर्ण कोण के बढ़ने से घटती है।
  • अपरुण कोण पढ़ने से चिप की प्लास्टिक विकृति करती है।
  • पीतल की मशीनिंग के लिए उच्च वेग इस्पात टूल का साइड रेंक कौण 0 होता है।
  • लंब कोणीय कटिंग में 90 डिग्री कोण पर कटिंग फेस कट की दिशा में नत (झुका) होता है।
  • पीतल की मशिनिग के लिए टूल का कर्तन कौण 84 डिग्री होता है।
  • इस्पात का पुन क्रिस्टलन का तापमान 800 डिग्री सेल्सियस होता है।
  • लंबाई में एक सीट धातु  और सीधी रेखा में में काटने के प्रचलन को स्लिटिग कहते हैं।
  • एक प्रेस द्वारा सीट में छिद्र काटने का ऑपरेशन पेंचिग कहलाता है।
  • मॉल्ड प्राय वायु का बना होता है।
  • गहराई और फीड का वाछनीय अनुपात 5-10 के बीच विचलित होता है।
  • एलुमिनियम भागों की मशीनिंग में प्राप्त चिपों का रूप में विखंडित होता है।
  • उच्च वैग इस्पात औज़ार मे कर्तल तरल का प्रयोग करने से टूल आयु में 25% की वृद्धि होती है।
  • ब्रोचिग कुंडली वाले भागों में प्राप्त चिप का रूप बंद समर्पित होता है।
  • टूल कौण काटने वाले पदार्थ पर निर्भर करता है।
  • कट की गहराई बढ़ने से टूल कटिंग बल बढ़ता है।
  • टूल की क्रेटर घिसाई चिप की अपघर्षण क्रिया के कारण होती है।
  • सोल्डरिंग तथा ब्रेजिंग से वेल्डिंग जोड़ की सामर्थ्य अधिक होती है।
  • लेजर बीम लाल दिखाई पड़ती है।
  • ग्राइंडिंग व्हील की खुली संरचना को 9-15 संख्या से प्रदर्शित किया जाता है।
  • ग्राइडिंग व्हील बढ़िया माना जाता है यदी ग्राइन्डीग अनुपात अधिकतम होता है।
  • नेटवर्क डायग्राम में एक घटना को दर्शाता है।
  • पाउडर, द्रवों या  गैसों के पाइपों द्वारा करनी चाहिए।
  • ड्रिल को चिजेल एक कोण 120 से 135 डिग्री होता है।
  • एक छिद्र को बड़ा करने की प्रक्रिया बोरिग कहलाती है।
  • एक ड्रिल का लीप अंतराल कोण का समानय मान 12 डिग्री होता है।
  • डाउन मिलिंग मे कटर वर्क -पीस चलने किस दिशा मे घूर्णन करता है।
  • वर्क के प्रति परिक्रमण में टूल द्वारा चली गई राशि फीड करती है।
  • EDM टूल का पदार्थ पितल या तांबा का बना होता है।
  • बीआरईके इवन बीआईएनडीयू पीएआर अशन्दा स्थिर पर लागत के बराबर होता है।
  • ड्रिलिंग ऑपरेशन की तुलना में काउंटर बोरिंग के लिए कटिंग डाल 25% कम होती है।
  • टिवस्ट के लिए सामान्य बुद्धि कोण 118 डिग्री होता है।
  • पतली शीटों पीआरईएसएच करके आकार देने का प्रचलन स्पीनिंग कहलाता है।

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