दुर्घटना होने पर निम्नलिखित प्राथमिक उपचार का ध्यान रखें।
कार्यशाला में प्राथमिक उपचार के लिए निम्नलिखित सामग्री रखनी चाहिए-
चोट से बने घाव से रिसने वाले खून को पहले रोकने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए घाव कीटाणु रोधक दवा से धोकर, घाव पर स्प्रीट भिगोकर लगानी चाहिए। फिर बोरिक पाउडर लगाना चाहिए,
चोट लगने या कटनी आदि से खून का रिसाव हो रहा है तो खून बहने वाले स्थान पर ठंडे पानी की पट्टी या बर्फ रखने से खून का रिसाव रुक जाता है। यदि ऊपरी घाव से खून का रिसाव है तो उस स्थान को दबा देते हैं जिसमें घाव से खून का रिसाव रुक जाता है।
हाथ या पैर में मोच आ गई और व्यक्ति को अधिक दर्द हो तो मोच के स्थान पर बार- बार ठंडे पानी या बर्फ का लेप लगा के रखना चाहिए जिससे दर्द कम हो जाता है।
शरीर का कोई भाग जल गया हो तो जले स्थान को साफ कपड़े और रूई से ढक देना चाहिए। जलने वाले स्थान पर यदि छाले हो, तो उन्हें छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
आंख अति कोमल होती है। यदि एक आंख में कुछ पड़ जाए तो उसके बाद वाली दूसरी आख को मलना चाहिए जिसमें आंख में पानी आ जाए और वस्तु खुलकर बाहर निकल जाए।
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