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संधारित्र से जुडी जानकारी

संधारित्र

दो या दो से अधिक चालको, जो किसी अचालक परत द्वारा पृथककृत हो, की ऐसी युक्ति जो विद्युत आवेश एकत्र कर सके, संधारित्र कहलाता है।

धारिता: संधारित्र की विद्युतीय आवेश एकत्र करने की क्षमता उसकी धारिता कहलाती है। संधारित्र में एकत्र हुए आवेश की (Q) मात्रा, उस पर आरोपित विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है

अर्थात Q ∞ V या Q\V  = नियतांक या Q\V = C या Q = C.V

धारिता का प्रतीक C और मात्रक फेरड़ (F) है।  

एक फेरड

यदि किसी संधारित्र में एक वोल्ट विभवांतर पर एक कूलाम आवेश एकत्र हो जाता है. तो उसकी धारिता एक फेरड़ होती है।

1 फेरड़  = 1 कुलाम\ 1 वोल्ट = 9 x 1011 esu

संधारित्र में एकत्र विद्युत ऊर्जा

संधारित्र में चालक प्लेटों के बीच अचालक पर्त उपस्थित होने के कारण विद्युत धारा लगातार प्रवाहित नहीं हो सकती। परंतु परिपथ में क्षणिक धारा प्रवाह के कारण विद्युत आवेश एकत्र हो जाता है, अर्थात संधारित्र के चारों ओर स्थित वैद्युतिक क्षेत्र के रूप में वैदयुतिक ऊर्जा (W) एकत्र हो जाती है।

W = 1/2 CV 2 जुल

संधारित्र का वर्गीकरण

संधारित्र तीन प्रकार के होते हैं

नियत मान संधारित्र

इनका धारिता मान नीयत, जैसे कागज, अभ्रक, इलेक्ट्रोलिटिक (शुष्क एवं तर), पॉलिस्टर, सिरामिक, ऑयल- डाइलेक्ट्रिक आदि।

समायोजनय मान संधारित्र

इनका धारिता मान पेचकस के द्वारा एक निश्चित सीमा में कम या अधिक किया जा सकता है, जैसे- ट्रिमर ( समांतर- प्लेट, अप,  तार, चक्ति प्रकार के) पेंडर आदि।

प्रवर्तनीय मान संधारित्र  

इनका मान एक दूसरे से जुड़ी डायल रहे प्रणाली के द्वारा न्यूनतम हुआ अधिकतम धारिता मानव के बीच सूक्ष्मता से परिवर्तित किया जा सकता है, जैसे- गैंग संधारित्र।

संधारित्र का विवरण

1. कागज के अचालक संधारित्र

  • मान 0.0001 uF  से 20 uF तक
  • कार्यकारी वोल्टता  2000 V डीसी तक
  • लघु आकार, अल्प मूल्य, केवल नियत- मान  प्रकार के।

2. अभ्रक- अचालक संधारित्र

  • मान 5pF से 0.05 uF तक
  • कार्यकारी वोल्टता 500 V से 2500 V  डीसी तक
  • नियत मान, नमी से अप्रभावित, उच्च आवृत्ति परिपथों के लिए उपयोगी।

3. पॉलिस्टर- अचालक संधारित्र

  • मान 2.5  से 0.05 uF
  • कार्यकाल वोल्टता  400 V डीसी तक
  • नीयत मान,  लघु आकार, उच्च आकृति परिपथों के लिए उपयोगी।

4. सैरामिक- अचालक संधारित्र

  • मान 2.5 pE से 0.22 uF तक
  • कार्यकारी वोल्टता  50 V से 1500 V डीसी तक
  • नियत- मान, लघु आकार, न्यूनतम क्षतियाँ, उच्च आवृत्ति परिपथों के लिए उपयोगी।

5. इलेक्ट्रोलिटिक संधारित्र  यह तर तथा शुष्क दो किस्मों में के बनाए जाते

  • मान 1uE से 2000 uuE तक
  • कार्यकारी वोल्टता  450 V डीसी तक
  • नियत- मान, लघु आकार में अधिक धारिता, फिल्टर परिपथों के लिए उपयोगी।

6. तेल- अचालक संधारित्र

  • मान 0.001 uF  से 0.1 uF तक
  • कार्यकारी वोल्टता  25000 V डीसी तक
  • दीर्घ आयु, उच्च शक्ति  ट्रांसमीटर के लिए उपयोगी।

7. वायु अचालक संधारित्र इसके अंतर्गत ट्रिमर, पेंडर ,गैंग संधारित्र आते हैं।

  • मान 5 Pf  से 600 pF तक
  • कार्यकारी वोल्टता  500 V डीसी
  • समायोजन है तथा परिवर्तनीय मान किस्म मैं, ट्यूनिंग परिपथों में उपयोगी।

संधारित्रो का समूहन

प्रतिरोधक ओं के सामान संधारित्र ओं को भी आवश्यकता अनुसार श्रेणी अथवा समांतर क्रम में संयोजित किया जा सकता है.

श्रेणी क्रम में संधारित्र

कुल धारिता 1\CT = 1\C1+1\C2+1\C3+ …. फेरड
सभी संधारित्र ओं का मान सम्मान पाने पर
CT = C\n संधारित्र की संख्या

समांतर क्रम में संधारित्र

कुल धारिता CT = C1 + C2 + C3 + …. फेरड़ सभी संधारित्र ओं का मान समान होने पर CT = nc  फेरड

समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता

C = 8.85 KA (N-1)\t x 108
यहां A =  एक प्लेट का का क्षेत्रफल  सेंटीमीटर में

N =  प्लेटो की संख्या
K =  पेरावेद्यूत नियातक (हवा व निर्यात  के लिए K = 1)
T = परावैद्युत की मोटाई सेंटीमीटर में

कूलाम का नियम

  • दो आवेशों के मध्य कार्यरत बल (f)
  • आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता।
  • आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के  व्युत्क्रमानुपाती होता है।
  • आवेशों के मध्य  विद्यमान माध्यम पर निर्भर करता है।

F = k q1-q2\d2 न्यूटन मीटर2 \ कुलाम2

जबकि k = 1\4r0

यहां e0 वायु/निर्वात की विद्युत शीलता = 8854 x 10-12

धारकीय प्रतिघात

Xc = 1/2πfc ओम

यहां f= आवृत्ति हर्ट्ज  में

C = धारिता,फेरड़

सम नियतांक

किसी संधारित्र में वोल्टता से त्रीज्या को शून्य मान से अपने अधिकतम मान के 63.3% मान तक पहुंचने में लगा समय, उसका समय नियातक (t) कहलाता है। इसका मात्रक सेकंड है।

t = CR सेकंड

यहां, C = धारिता, फेरड में

R= परिपथ का प्रतिरोध , ओम मे

संधारित्र का वर्ण कोड

प्रतिरोध को के समान है संधारित्र ओं को धारिता को वर्ण कोड के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। आमतौर पर यह प्रणाली सेरामिक संधारित्र का धारित मान दर्शाने के लिए प्रयोग की जाती है। वर्ग-कोड तो प्रतिरोध को के समान होता है, अंतर केवल यह है कि संधारित्र ऊपर 4  के स्थान पर 5 पटिया अंकित की जाती है। पहली पट्टी का रंग तापमान- गुण दर्शाता है और शेष चार पटिया, प्रतिरोधक ओं के समान संधारित्र की धारिता मान पिको फेरेड में दर्शाती है।

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