संधारित्र से जुड़े सवाल और उनके जवाब

यदि एक ही धारिता मान 40 μF K2 संधारित्र उपलब्ध हो, तो 80 μF धारिता प्राप्त करने के लिए उन्हें किस क्रम में जोड़ा जाएगा?

समांतर-क्रम-में

यदि 4 μF धारिता के दो संधारित्र समांतर-क्रम में जुड़े हो और उनके श्रेणी-क्रम में एक 8 μF धारिता का संधारित्र जुड़ा हो, तो परिपथ की कुल धारिता होगी-

4 μF

यदि किसी समांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ा दी जाए तो उसकी धारिता-

घट जाएगी

यदि C धारिता मान के दो संधारित्र श्रेणी- क्रम में संयोजित हो, तो उनकी तुल्य धारिता होगी-

C/2

यदि 40 μF धारिता के एक संधारित्र को 20 वोल्ट विभवांतर तक आवेशित किया जाए तो उसमें एकत्र स्थिर वैद्युतिक ऊर्जा का मान होगा-

2 x 10-3 जूल

यदि किसी भाइयों ऐसा लक संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच अभ्रक की महीन पर लगा दी जाए, तो संधारित्र की धारिता-

बढ़ जाएगी

यदि संधारित्र में k वैद्युत नियंत्रक का अचालक प्रयोग किया गया है, तो वायु की अपेक्षा उसकी धारिता-

k गुना बढ़ती है।

किसी सैरामिक संधारित्र का वर्ण क्रम है-

1 kp F + 1%

100 μF धारिता के संधारित्र का 1kHz आवृत्ति पर धारकीय प्रतिघात होगा-

5/π

पॉलिस्टर संधारित्र की कार्यकारी वोल्टता का होती है-

400V डी.सी.

अधिक धारिता मान प्राप्त करने के लिए संधारित्रों को किस समूहन में संयोजित करना चाहिए?

समांतर-क्रम में

एक फैरड़, कितने esu के बराबर होता है?

9 x 10 11 esu

संधारित्र के धारकीय के प्रतिघात की गणना करने का सूत्र है-

xc = 1\2πf.c

RC परिपथ के समय नियतांक की गणना करने का सूत्र है-

T = c.R

दो चालको जो किसी उपयुक्त अचालक के द्वारा पृथककृत हो से बनी युक्ति कहलाती है-

संधारित्र

किसी चालक के आवेश की वह मात्रा जो उसके विभावंतर को एक वोल्ट बढ़ा दे, कहलाता है-

धारिता

तर इलेक्ट्रोलाइटिक संधारित्र बनाए जाते हैं?

नियत- मान में

ताप वृद्धि से संधारित्र की धारिता-

बढ़ती है

संधारित्र के धारिता मान को वर्ण कोड से दर्शाने की प्रणाली में पहली पट्टी का रंग दर्शाता है-

तापमान- गुणांक

सर्वाधिक उच्च कार्यकारी वोल्टता वाला संधारित्र है-

ऑयल- अचालक वाला

वायु- अचालक संधारित्र की कार्यकारी वोल्टता होती है-

500V डी.सी.

ट्रिमर तथा पैडर …….. प्रकार के संधारित्र है-

समायोजनीय मान

धारिता का मात्रक है-

फैरड

वायु तथा निर्यात का परावैद्युत नियतांक है-

एक

यदि भारयुक्त शंट मोटर का क्षेत्र- अचानक वियोजित कर दिया जाता है, तो-

शून्य फ्लक्स के कारण मोटर कोई टार्क उत्पन्न नहीं करेगा

किसी विद्युत मोटर के स्टार्टर और आर्मेचर के बीच वायु-छिद्र –

प्रबल चुंबकीय क्षेत्र पाने के लिए

RLC परिपथों के अनुनाद स्थिति में धारा होती है –

श्रेणी परिपथ में अधिकतम और समांतर परिपथ में न्यूनतम

तीन समान प्रतिरोध डेल्टा में संयोजित है, यदि डेल्टा को स्टार में परिवर्तित कर दिया जाता है, तो-

स्टार नेटवर्क के प्रतिरोध डेल्टा नेटवर्क के प्रतिरोधों से अधिक होगा

एक प्रतिरोध के बीच वोल्टता- पात की ध्रुवणता निर्धारित करने के लिए जानना आवश्यक है-

प्रतिरोध से गुजरी धारा की दिशा

शुद्ध धारिकीय परिपथ की यथार्थ अथवा प्रभावित शक्ति होती है-

शून्य

धारा और वोल्टता समान कला में है इससे क्या तात्पर्य है?

वोल्टता और धारा साथ-साथ अपने अधिकतम और शून्य मान पर पहुंचते हैं।

केवल प्रेरकत्व से युक्त प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में-

धारा, वोल्टता से 90 पीछे रहती है

आवृत्ति बढ़ने पर परिपथ का धारितीय प्रतिघात-

घटता है

जब परिपथ स्विच- ऑफ किया जाता है, स्पार्किंग हो सकती है यदि परिपथ है-

उच्चतया प्रेरणी

फ्लक्स की इकाई है-

वेबर

यदि धारा घड़ी की उलटी दिशा में प्रभावित है, तो समीप वाले ध्रुव का ध्रुवणता होगी

उत्तरी ध्रुव

1 मीटर लंबा चालक 1.5 वेबर\ मीटर2 फ्लक्स घनत्व के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र से लंबवत 50 मीटर/से, वेग से गतिशील है, इसमें प्रेरित emf होगा-

75V

श्रेणीक्रम में जुड़े पांच सामान धारियों की परिणामी धारिता 4μF है। यदि इन्हें समांतर क्रम में जोड़ दिया जाए और 400V तक आवेशित किया जाए, तो इनमें संचित कुल ऊर्जा होगी-

8 जूल

PNP ट्रांजिस्टर में आधार होता है –

N पदार्थ

सिलिकोन नियंत्रित रेक्टिफायर संबंधित है –

डायोड परिवार से

एक धारावाहिनी कुंडली एक समान चुंबकीय क्षेत्र के अधीन है, कुंडली इस प्रकार दिशा ग्रहण करेगी कि उसका समतल हो जाएगा-

चुंबकीय क्षेत्र से लंबवत

अधिकतम चुंबकशीलता किसकी होती है?

लौह चुंबकीय पदार्थ

एक ट्रांसफार्मर को 240VAC मेन्स से 140W, 24V के लैंपों को जलाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है, मुख्य केबल में धारा 0.7 एंपियर है, ट्रांसफार्मर की दक्षता है –

83.3%

एक डी.सी. मोटर के आर्मेचर का प्रतिरोध 20Ω है, 220 V डी.सी. आपूर्ति पर चलाते समय वह 2.5 एंपियर धारा आहारित करती है इसमें प्रेरित emf का मान होगा-

170 V

उच्च आवृत्ति के लिए संधारित्र देता है-

कम प्रतिघात

घूर्णन (रोटर) को डिसी आपूर्ति देने वाले जनरेटर को कहते हैं-

एक्साइटर

किसी संकलित मोटर को दी गई निवेश शक्ति का शक्ति गुणांक किसे बदलकर समायोजित किया जाता है?

उत्तेजन का परिणाम

एक त्रिवलीय संकलित परिवर्तक डी सी -3 तार तंत्र आपूर्ति करता है, इसके ट्रांसफार्मर की द्वितीय कुंडली किस प्रकार जोड़नी चाहिए?

डेल्टा या स्टार

यदि किसी संकलित मोटर को 3- फेज सप्लाई पर चालू किया जाए और इसकीरोटर शॉर्ट सर्किट हो तो-

यह स्टार्ट हो जाएगी और शंका लिक मोटर की तरह चलती रहेगी

किसी यूनिवर्सल मोटर की स्पीड\ लोड लाक्षणिकता वैसी होती है जैसी कि-

डी.सी. सीरीज मोटर की

एक एकल प्रावस्था मोटर की पिंजरी वाइडिंग स्थित होती है-

रोटर में

एक संधारित्र मोटर को स्टार्ट होने में कठिनाई है, इसका संभाव्य कारण क्या हो सकता है?

व्युत्क्रम चुंबकीय क्षेत्र है, शॉर्ट हुई वाइडिंग, शॉर्ट कंप्यूटर खंड

100 MMΩ के प्रतिरोध के मापन में प्रयुक्त योग यंत्र होता है-

मैंगर

सर्विस हेतु लगाए परिपथ बोर्डों में निरंतरता का मापन किया जाता है-

ओम मीटर से

हरिटस्टोन ब्रिज (सेतु) में ज्ञात प्रतिरोध + 0.1% के भीतर सही होते हैं वह यथार्थता, जिसे एक अज्ञात प्रतिरोध को माप अप किया जा सकता है,- होगी-

0.1%

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