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उत्तर प्रदेश की प्रमुख चित्रकला शैलियां

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उत्तर प्रदेश की प्रमुख चित्रकला शैलियां

ब्रज शैली

इस शैली के चित्र मथुरा में एक समृद्ध पृष्ठभूमि पर चित्रित किए गए हैं।  इस शैली को मथुरा शैली भी कहा जाता है। इस शैली में प्रेम, प्र्कृति एवं भावनात्मक अभिव्यक्ति को जीवन्तता प्रदान की जाती है।

मुगल शैली

इसे आगरा शैली के नाम से भी जाना जाता है।  बाबर  और हुमायूं के काल में निर्मित चित्रो पर फारसी प्रभाव की झलक स्ंप्ष्ट रूप से दिखाई देती है।

इस शैली में सर्वप्रथम दृश्यो तथा छवियों को चित्रित करने के उपरांत भवनों, व्यक्तियों प्राकृतिक सौंदर्य तथा अंत में युद्ध व शिकार के दृश्यों को चित्रित किया जाता है।

अकबर के काल में एक नवीन शैली का विकास हुआ। जो भारतीय व फारसी  शैलियों का मिश्रण था। जहांगीर के काल में चित्रकला की मुगल शैली अपने चरम पर थी।  इस शैली के चित्रों में प्रमुख रूप से युद्ध, पशु- पक्षियों, फूल- पतियों, पौराणिक गाथाओं व मुगल राजदरबारों के चित्र हैं।  इस शैली के चित्रकारों में बसावन, मीर सैयद अली, अब्दुस्समद, केसुदास, दासवंत आदि प्रमुख है।

कन्दरा शैली अथवा मिर्जापुर शैली

विद्यांचल के शैलाश्रेयों व गुफाओं से प्राप्त चित्रों को राज्य के मिर्जापुर जिले में कन्दरा अथवा मिर्जापुर शैली के चित्र की संज्ञा दी जाती है। इन चित्रों में आखेट, नृत्य तथा युद्ध की गतिविधियों के चित्रण की झलक देखने को मिलती है।

बुंदेल शैली

राज दरबार से प्रभावित चित्रकला की यह शैली 15वीं शताब्दी के बाद अपने अस्तित्व में आई, इस शैली की प्रमुख विशेषता यह है कि इसके चित्रों में खाली स्थान को भरने के लिए गहराई का एहसास कराया जाता है।

प्रदेश की प्रमुख चित्रकला शैलियां

  • ब्रज शैली (मथुरा)
  • बुंदेल  शैली (15 वीं शताब्दी में)
  • मुगल शैली (आगरा  शैली उपनाम)
  • मिर्जापुर  शैली (मिर्जापुर)
  • कन्दरा शैली (मिर्जापुर)

उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख चित्रकार

रमेशचंद्र साथी चमन सिंह
नित्यानंद सुरेंद्र बहादुर
नीलामणि दास बलराम दास
गोपाल दास जगन्नाथ मुरलीधर
सुधीर रंजन रणवीर सिंह बिष्ट
रणवीर सक्सेना रामचंद्र शुक्ल
भवानी चरण ग्यु मदन लाल नागर

पश्चाताप, आकांक्षा, प्रतिशोध, मौत की आंखें, रोगी का स्वपन, शेष अग्नि, ध्वंस, पराजय की पीड़ा रामचंद्र शुक्ल की प्रसिद्ध रचनाएं हैं.

प्रदेश के लोकप्रिय चित्रकार एवं उनकी कृतियां

चित्रकार कार्य क्षेत्र कृति
महेंद्र नाथ सिंह कांगड़ा व काशी शैली की विविधता
नंदकिशोर शर्मा खुर्जा कालीन, ट्रे,  चीनी बर्तनों के डिज़ाइन, पुस्तक आवरण
विश्वनाथ खन्ना कानपुर कलरिस्ट के रूप में विख्यात
कृष्ण खन्ना कानपुर यूरोपीय मत की झलक
विश्वनाथ मेहता प्यासा ऊंट, सोहाग बिंदी, सृष्टि
शिवानंदन नौटियाल लखनऊ सत्यम शिवम सुंदरम

 

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