उत्तर प्रदेश में प्रमुख विद्युत परियोजनाएं, awala tap vidyut pariyojana, uttar pradesh ki sthapna kab hui thi, uttar pradesh ki veshbhusha, uttar pradesh ki bhasha, obra jal vidyut pariyojana, uttar pradesh ka sabse bada jila, jal vidyut pariyojana in india
राज्य में जल विद्युत उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं तथापि क्षेत्र में राज्य का विद्युत उत्पादन न्यून तथा तापीय विद्युत का उत्पादन भी खरीदते हुए कोयला भंडार की अल्पता के कारण अन्य राज्यों से कम है। राज्य में सर्वप्रथम 1986 ई. में कानपुर में ताप विद्युत केंद्र की स्थापना की गई थी। राज्य में वर्तमान समय विद्युत शक्ति केंद्र स्थापित है-
राज्य में स्थित इस परियोजना से 1400 किलोवाट बिजली ग्रिड में विद्युत प्रशिक्षण के बड़े-बड़े केंद्रों तक पहुंचाई जाती है।
बिहार का उत्तर प्रदेश की सरकारों द्वारा मिलकर गंडक परियोजना का निर्माण किया गया है। इस योजना का लाभ नेपाल देश भी उठा सकेगा। 740 मीटर लंबे बैराज वाली इस योजना की सिंचाई क्षमता 14.59 लाख हेक्टेयर भूमि है।
उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से इस परियोजना का निर्माण किया गया है. इस योजना का उद्देश्य बेतवा नदी के जल को उचित रूप से प्रयोग करना है.
कोयला पर आधारित 1200 मेगावाट की इस परियोजना की स्थापना शाहजहांपुर में की जा रही है. इस परियोजना की शुरुआत निजी क्षेत्र के आदित्य बिरला ग्रुप में की थी, परंतु 2006 में इसका अधिग्रहण रिलायंस ग्रुप द्वारा कर लिया गया है. इस परियोजना के प्रथम चरण के पूर्ण हो जाने से 2010 से 600 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है.
नरौरा परमाणु शक्ति केंद्र राज्य के बुलंदशहर जिले में अवस्थित है. यहां दो रिएक्टर (कुल क्षमता 470 मेगावाट) कार्यरत है. इनमें प्रथम को 1989 में तथा द्वितीयक 1991 में चालू किया गया.
यह बांध झांसी के निकट बेतवा नदी पर बनाया गया है. मध्य प्रदेश के सहयोग से निर्मित किए गए इस विदित है कि विद्युत उत्पादन क्षमता 30,000 किलो वाट है. यहां से उत्तर प्रदेश, मध्य में प्रदेश के जिलों में उद्योग, कृषि एवं प्रकाश आपूर्ति होती है.
रिहंद बांध से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर यह विद्युत् गृह बनाया गया है. ओबरा स्थान पर बनाए गए दूसरे विद्युत गृह को ओबरा बांध भी कहा जाता है. इससे विद्युत गृह से 300 मेगावाट विद्युत प्राप्त होती है.
इसके अंतर्गत राज्य के मिर्जापुर जिले में पीपली नामक स्थान पर रिहंद नदी (सोन की सहायक नदी) एक बांध बनाया गया है. 50-50 किलो वाट क्षमता वाली 6 इकाइयां लगाई गई है. इस प्रकार इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 3 लाख किलो वाट है. इस गृह को मऊ तथा गोरखपुर के तापीय विद्युत केंद्रों से संबंध कर दिया गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों की कृषि, उद्योग व अन्य कार्य से उपलब्ध कराई जाती है.
इस योजना का निर्माण शारदा नहर पर बनवासा नामक स्थान पर किया गया है. इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 41,400 किलोवाट है. इसे भी गंगा विद्युत क्रम से जोड़ा गया है। यहां से पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी,सीतापुर तथा लखनऊ आदि जिलों को कृषि अन्य कार्यों हेतु विद्युत आपूर्ति की जाती है।
राज्य में ऊपरी गंगा नहर पर हरिद्वार (उत्तराखंड) से अलीगढ़ बीच पथरी (सहारनपुर 20,400 किलो वाट), मोहम्मदपुर (सहारनपुर 9300 किलो वाट), निरगाजनी (मुजफ्फरनगर 4,000 किलो वाट ), चितोडा (मुजफ्फरनगर 3,000 किलो वाट), पलरा (बुलंदशहर 6,000 किलो वाट) सुमेर (अलीगढ़ 2,000 किलो वाट ) नामक स्थलों पर बांध बनाकर कृत्रिम झरनों की सहायता से जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है। सभी विद्युत गिरोह को एक श्रंखला में संबंध एक विद्युत क्रम का निर्माण किया गया है।
अलीगढ़ जिले में स्थित ग्रह की स्थापना1942 में की गई थी जब यहां 20 मेगावाट क्षमता वाली पुरानी यूनिट बंगाल से लाकर लगाई गई थी, परंतु सोवियत संघ की सहायता से यहां एक नवीन विद्युत ताप गृह स्थापित किया गया जो 1963 ई. से प्रारंभ होकर 1968 ई. में बनकर पूर्णतया तैयार हो गया.
यहां पर 50-50 मेगावाट क्षमता के दो यूनिटें लगाई गई है. इस विद्युत गृह के नवीन तकनीक की ऐसी विशेषता है कि आवश्यकता पड़ने पर इसकी क्षमता को बढ़ाकर 800 मेगावाट तक किया जा सकता है.
ओबरा ताप विद्युत केंद्र राज्य में ओबरा नामक स्थल पर सोवियत संघ की सहायता से एक तापीय विद्युत केंद्र की स्थापना की गई है. इस केंद्र को कोयले की आपूर्ति सिंगरौली की कोयला खानों से हो जाती है. इस केंद्र में विद्युत उत्पादन का कार्य दो चरणों में संपन्न कराया गया है. प्रथम चरण में 50 मेगावाट की पांच यूनिट लगाई गई जबकि द्वितीय चरण में 100 मेगावाट की तीन यूनिट लगाई गई है. उल्लेखनीय है कि द्वितीय चरण का कार्य चौथी योजना की अवधि में पूरा हो गया था.
परियोजना/विद्युत केंद्र | अवस्थिति |
रोजा ताप विद्युत परियोजना | शाहजहांपुर |
नरोरा परमाणु शक्ति परियोजना | नरोरा (बुलंदशहर) |
टांडा ताप विद्युत केंद्र | टांडा |
दादरी ताप विद्युत केंद्र | दादरी |
हरदुआगंज ताप विद्युत केंद्र | हरदुआगंज (अलीगढ़) |
ऊंचाहार ताप विद्युत केंद्र | ऊंचाहार (रायबरेली) |
सुपर ताप विद्युत परियोजना | अनपरा (सोनभद्र) |
ओबरा ताप विद्युत केंद्र | ओबरा (मिर्जापुर) |
सिंगरौली सुपर ताप विस्तार परियोजना | सिंगरौली (मिर्जापुर) |
गंगा विद्युत कर्म | गंगा नदी |
गंडक परियोजना (उत्तर प्रदेश एवं बिहार की संयुक्त परियोजना) | बूढ़ी गंडक नदी |
राजघाट बांध परियोजना (मध्य प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना) | बेतवा नदी |
शीतल जल विद्युत परियोजना | झांसी |
परीछा जल विद्युत केंद्र | बेतवा नदी |
माताटीला बांध | बेतवा नदी, माताटीला (झांसी) |
ओबरा जल विद्युत परियोजना | रिहंद नदी, ओबरा (मिर्जापुर) |
रिहंद जल विद्युत परियोजना | रिहंद नदी, पिपरी (मिर्जापुर) |
शारदा जल विद्युत परियोजना | शारदा नहर, बनवासा (पीलीभीत) |
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