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कार्यशाला में आग लगने के कारण
- कार्यशाला में तेल से भीगे कपड़ों आदि का इधर उधर पड़ा रहना।
- कार्यशाला में ज्वलनशील पदार्थों का भंडार अलग रखना।
- बिजली की फिटिंग के रख-रखाव की कमी।
- बिजली के तारों पर उचित इंसुलेशन का ना होना।
- स्वीकृत विद्युत भार से अधिक क्षमता का उपयोग है।
- अनावश्यक रूप से खुली आग का जलना।
- गैस सिलेंडर का लिक होना।
- असावधानीपूर्वक बीड़ी- सिगरेट के जलते टुकड़ों को फेंकना।
आग के प्रकार
आग के प्रकार तीन प्रकार की होती है-
- कार्बेनेशियस फायर- कार्बनिक पदार्थ, जैसे- लकड़ी, कोयला, आदि से लगने वाली आग को कार्बोनेशियस फायर कहते हैं।
- कोयल फायर तैलीय पदार्थ- जैसे फयुल, आयल, डीजल ऑयल, गैसोलीन आदि से लगने वाली आग कहते हैं।
- इलेक्ट्रिकल फायर- विद्युत से लगने वाली आग को इलेक्ट्रिकल फायर कहते हैं।
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