आज इस आर्टिकल में हम आपको 1857 के पूर्व बिहार में आंदोलन एवं विद्रोह के बारे में बताने जा रहे है.

More Important Article
- वर्ग तथा वर्गमूल से जुडी जानकारी
- भारत के प्रमुख झील, नदी, जलप्रपात और मिट्टी के बारे में जानकारी
- भारतीय जल, वायु और रेल परिवहन के बारे में जानकारी
- बौद्ध धर्म और महात्मा बुद्ध से जुडी जानकारी
- विश्व में प्रथम से जुड़े सवाल और उनके जवाब
- भारत में प्रथम से जुड़े सवाल और उनके जवाब
- Important Question and Answer For Exam Preparation
विद्रोह
1857 के पहले बिहार में आंदोलन हुए. इनमें 1767 ईसवी से छोटा नागपुर ( वर्तमान में झारखंड राज्य स्थित है) के आदिवासियों ने अंग्रेजी सेना का धनुष बाण और कुल्हाड़ी से लैस होकर विरोध करना शुरू कर दिया था. घाटशिला में संत 1773 में भयंकर भी विद्रोह हुआ था. आदिवासियों ने दमामी बंदोबस्त (1793 ई.) के तहत जमीन की पैमाइश और नई जमाबंदी का घोर विरोध किया था.
1795 से 1800 ईसवी के मध्य पंचेत तथा अन्य क्षेत्रों में विद्रोह होते रहे, 1771 ईस्वी के बाद से पलामू और छोटा नागपुर क्षेत्र में मुंडा और उराव जनजाति के लोगों ने भी ब्रिटिश शासन का विरोध किया. 1797 ईसवी में तमाड़ के विद्रोहियों ने भी साथ दिया. सन 1819-20 ईसवी में रुदन और कंता के नेतृत्व में तमाड़ के मुंडा लोगों ने भीषण विद्रोह किया. कई महीनों तक संघर्ष तथा सैनिक कार्रवाई के बाद यह लोग अंग्रेजी सरकार की गिरफ्त में आए.
No Comments