- रेडियो तरंगों को प्रेषित करने वाला उपकरण ट्रांसमीटर कहलाता है।
- सोलर सेल सेमी. कंडक्टर का बना होता है।
- शुष्क सेल का विद्युत वाहक बल (e.m.f.) 1.5 वोल्टस होता है।
- ट्रांसफार्मर सह- प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- आमीटर फालोअर का इनपुट अधिक होता है।
- बैटरी चार्जिंग के लिए शंट जेनरेटर उपयोग में लाया जाता है।
- विद्युत चुंबक नरम लोहे की कोर (जिसमें से धारा गुजर रही हो) की बनी होती है।
- रेक्टिफायर्स तीन प्रकार के होते हैं।
- इल्यूमिनेशन का दूसरा नियम लैम्बर्ट का कोसाईन नियम कहलाता है।
- लाउडस्पीकर्स दो प्रकार के होते हैं।
- बैटरी को चार्ज करते समय तापक्रम हमेशा 60०C बनाये रखना चाहिए।
- मीटरो पर लगाने वाले टॉर्क तीन प्रकार के होते हैं।
- रोटर परिपथ में प्रेरित वि.वा. बल की आवृति अधिकतम होती है।
- इलेक्ट्रोलाइट कैपेसीटर दो प्रकार के होते हैं।
- प्रतिरोध वेल्डिंग के लिए निम्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है।
- कैसिट की रिकॉर्डिंग अथवा रिले की गति 4.75 सेमी प्रति सेकंड होती है।
- सामान्यतः एक RF ऑसीसेंटर में R.C. ओसीलेटर होता है।
- पोटेंशियल मीटर दौड़ने की पिच को घटाने या बढ़ाने के लिए टोन कंट्रोल का प्रयोग होता है।
- लैमिनेटेड सिलिकॉन कौर का प्रयोग लौह क्षति कम करने के लिए होता है।
- मीटर जो विद्युत धारा मापता है उसे औह्र-मीटर कहते हैं।
- ट्रांजिस्टर की वायस वोल्टेज पैंटोड पर निर्भर करती है।
- रेडियो तरंगों की चाल 3 X108 मीटर प्रति सेकंड होती है ।
- विद्युत धारा का मान एंपियर (A) में व्यक्ति किया जाता है।
- प्रवर्धन की बैंड विडथ घटाकर तापीय शोर कम किया जाता है।
- ट्रांजिस्टर में काला बिंदु उत्सर्जक कहलाता है।
- स्विच सदैव लाइव तार पर रखा जाता है।
- कुंडली के धारा की दिशा फ्लेमिंग के दाएं हस्त नियम द्वारा ज्ञात की जा सकती है।
- यदि मल्टीमीटर की बैट्री कम हो तो यह कम रीडिंग देगा।
- विद्युत परिपथ में आग लगने पर सी.टी.सी (कार्बन टेट्रा क्लोराइड) का प्रयोग अग्निशामक के रूप में किया जाता है।
- F.E.T. का पूर्ण रूप फील्ड इपैक्ट ट्रांजिस्टर है।
- धनात्मक फीड बैंक ओसीलेटर में प्रयोग होते हैं।
- एक PNP ट्रांसमीटर जिर्मनियम या सिलिकॉन का बना होता है।
- धारा को प्रत्यावर्ती कहते हैं जब धारा की माप व दिशा समय के साथ बदलती है।
- एक T.V. सिस्टम में पिक्चर AM और धोनी F.M. होती है।
- टेलीफोन में डायल टोन की फ्रीक्वेंसी 33Hz होनी चाहिए।
- पूर्ण तरंग रेक्टिफायर की अधिकतम फ्रीक्वेंसी 81.2% होती है।
- इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बनाने के लिए तथा रेडियो में प्रयुक्त बोर्ड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) होता है, जिस पर इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट लगते हैं।
- CRT स्क्रीन फोस्फर द्वारा कोटिड होती है।
- सेमीकंडक्टर के रजिस्टेंस का टेंपरेचर कोएफिशिएंट नेगेटिव होता है।
- जीनर डायोड का कार्य स्थिर आउटपुट वोल्टेज प्रदान करना होता है।
- सामान्य उपयोगी डायोड के स्थान पर LED कि फॉरवर्ड वोल्टेज 1.5 से 3 वॉल्ट के बीच होती है।
- AF जनरेटर की फ्रीक्वेंसी रेंज 100 Hz तक होती है।
- ट्रांसफार्मर एक स्थैतिक युक्ति है।
- एंपलीफायर में ट्रांजिस्टर की कमी विद्युत करंट को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है।
- NPN ट्रांजिस्टर को PNP ट्रांजिस्टरों की अपेक्षा स्विचिंग स्पीड के कारण पसंद किया जाता है।
- PCB में जिस तरफ इलेक्ट्रॉनिक कोंपनेट लगे होते हैं उसे कोम्पनेट साइड कहते हैं।
- ट्रांजिस्टर में दो PN जंक्शन होते हैं,’
- ट्रांजिस्टर के बेस एमीटर जंक्शन पर, कम रेजिस्टेंस प्राप्त होता है।
- ट्रांजिस्टर में बेस करंट, आमीटर करंट से 5% कम होती है।
- ट्रांजिस्टर की लीड की लंबाई सोल्डर कने के लिए केस कम से कम 5 मिमी. होनी चाहिए।
- AF एंपलीफायरों में सबसे अधिक प्रयोग होने वाली कलपिंग R-C कल्पिंग है।
- आवश्यक सप्लाई वोल्टेज प्राप्त करने के लिए कई संख्याओं में सोलर सैलों को सीरिज में जोड़ा जा सकता है।
- CB एंपलीफायर का इनपुट रजिस्टेंस बहुत कम होता है।
- AF जनरेटर में न्यूनतम फ्रीक्वेंसी 20 Hz से प्रारंभ होती है।
- इलेक्ट्रॉनिक सोल्डरिंग कार्य के लिए प्रयुक्त सोल्डर तार 200०C पर पिघलती है।
- रजिस्टरो को pcb (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड) पर सोल्डर करने के लिए 25 w का सोल्डिंग आयरन प्रयोग करना चाहिए।
- आदर्श सोल्डरिंग के लिए सोल्डरिंग आयरन की टिप सतह सोल्डरिंग करने वाले जोड़ के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
- सोल्डर मुख्यतः लेड और टिन के मिश्र धातु होता है।
- घरों के अंदर सभी पंखे और लाइटर समांतर क्रम में जुड़े होते हैं।
- डीसी शंट मोटर की स्पीड बढ़ाने के लिए और मित्र की सीरीज रजिस्टेंस प्रयोग करते हैं।
- MCB का पूरा नाम मनिएचर सर्किट ब्रेकर है।
- परिपथ का गुण जो विद्युत ऊर्जा को ताप में बदलता है प्रतिरोध कहलाता है।
- किसी चालक में विद्युत धारा के प्रवाह के कारण विद्युतीय विभव में अंतर होता है।
- चालक के नेटवर्क में धारा के प्रवाह सम देने हेतु किरचॉफ का नियम व्यवहार किए जाते हैं।
- किरचोफ का रूप नियम ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित होता है।
- विद्युतीय प्रतिरोधकता का मात्रक ओम मीटर है।
- धातु के ताप को बुलाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है।
- हिट स्टोन सेतु से उच्च ताप निम्न दोनों प्रतिरोध मापा जाता है।
- इलेक्ट्रॉन को – 1e0 द्वारा व्यक्त किया जाता।
- किसी सेल का वि वा बल विभवमापी द्वारा मापा जाता है,
- किसी संधारित्र की धारिता का मात्रक फ्रॉड है।
- किसी वस्तु का परावैद्युत स्थिरांक हमेशा एक से अधिक होता है।
- ताप की वृद्धि से संधारित की धारिता पड़ती है।
- पोलिस्टर संधारित्र की वर्किंग वोल्टता 400 वोल्ट होती है।
- ओयल डाइलेक्ट्रिक संधारित्र में तेल का प्रयोग किया जाता है।
- हेयर डाई इलेक्ट्रिक संधारित्र की वर्किंग वोल्टता 500 वोल्ट हती है।
- प्रेकत्व का मात्रक हेनरी होता है।
- प्रेरणा कुंडली एक यंत्र है जिसके द्वारा उच्च वोल्टता उत्पन्न की जाती है।
- एक बेबर 108 मैक्सवेल के बराबर होता है।
- 20\हर्ट्ज अधिक आवर्ती पर कार्य करने वाले सभी ट्रांसफार्मर रेडियो आवर्ती ट्रांसफार्मर फैलाते हैं।
- AC परिपथ में शक्ति केवल प्रतिरोध में वह होती है।
- ऐसे उपकरण जिसमें ट्रांसफार्मर की आवर्ती मापी जाती है तथा जो अनुनाद के सिद्धांत पर कार्य करता है, आयाम मापी कहलाता है।
- डायोड वाल्व दिष्टकारक का कार्य करता है।
- सपरेसर ग्रिड पेटोड़ वाल्व में होता है।
- डबल डायोड में दो एनोड होते हैं।
- डबल डायोड पेंटोड में एक पेंटोड होते हैं।
- वाला नंबर के मध्य के F अक्सर का अर्थ पेंटोड वाल्व होता है।
- जर्मी नियम तथा सिलिकॉन अर्धचालक है।
- जिन की प्रतिरोधकता तालुको तथा विद्युत रोधी यों के बीच होती है अर्धचालक कहलाते हैं।
- ऐसे पदार्थ हैं जिनके बैलेंस इलेक्ट्रॉन के अत्यंत समीप में खाली ऊर्जा तल उपलब्ध नहीं होते वह अचालक कहलाते हैं।
- उल्टे क्रम में एक दूसरे से सटे दो P-N संधि को ट्रांजिस्टर कहते हैं।
- वोल्टेज रेगुलेटर परिपथ में उपयुक्त होने वाले डायोड जीरन डायोड कहलाता है।
- एक P-n दिष्टकारी की तरह कार्य करता है।
- वैलेंस तथा कंडक्शन बैंड एक दूसरे से दांतों में अवरलैंप करते हैं।
- पूर्ण तरंग दिष्टकारी के लिए दो डायोड आवश्यक है।
- ब्रिज तरंग परिपथ पूर्ण तरंग दिष्टकारी होता है।
- दिष्टधारा को प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तन करने वाली युक्ति इनवर्टर कहलाती है।
- आउटपुट को फ़िल्टर परिषद द्वारा शुद्ध किया जाता है।
- अर्ध तरंग दिष्टकारी परिपथ को रिपेयर भर्ती 50hz होती है।
- फिल्टर सर्किट कार्य के आधार पर चार प्रकार के होते हैं।
- वैसे परिपथ जो ac का वितरण करने के साथ-साथ आउटपुट dc को दुगना बढ़ा देते हैं वह वोल्टेज डबलर कहला ते हैं।
- बैटरी एलिमिनेटर डायोड की संख्या 4 होती है।
- बैटरी एलिमेंटर लोड रजिस्टर एक होते हैं।
- ब्रिज रेक्टिफायर में चार क्रिस्टल डायोड प्रयोग होते हैं।
- ऑटो-ट्रांसफार्मर का प्रयोग अधिकतर है E.N.T. ( एक्स्ट्रा हाई टेंशन) ट्रांसफार्मर के रूप में टेलीविजन में प्रयोग किया जाता है।
- ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी वाइंडिंग के लिए 37 S.W.H. तार प्रयोग की जाती है।
- आल्टरनेटिंग करंट के द्वारा वोल्टेज को पैदा किया जाता है क्योंकि वह मैग्नेटिक फील्ड को बढ़ाता है।
- आर्सेनिक में पांच बैलेंस इलेक्ट्रॉनस होते हैं।
- डूपिंग क्रिया के समय शुद्ध सेमी-कंडक्टर के होल्स और इलेक्ट्रॉनस की संख्या बढ़ जाती है।
- इलेक्ट्रॉनिक ऋणात्मक चार्ज को दर्शाता है और होल्स धनात्मक चार्ज को दर्शाता है।
- जर्मेनियम डायोड में फॉरवर्ड नामक वोल्टेज 0.3 V होती है।
- ट्यूनल डायोड नेगेटिव रजिस्टेंस को दर्शाता है।
- सोलर बैट्री का कार्य सूर्य ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना होता है।
- बैटरी का क्षमता एंपियर घंटा में व्यक्त की जाती है।
- रेडियो परिपथ में उच्च आवृति का प्रयोग होने वाला लौह कोर पदार्थ फैराइट होता है।
- आल्टरनेटर A.C. जनित करता है।
- ट्रांजिस्टर्स का मुख्य मूल स्योजन सर्वनिष्ठ बेस, सर्वनिष्ठ कलैक्टर है।
- प्रवर्धक की बेड विडथ घटाकर, तापीय शोर कम किया जाता है।
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