आज इस आर्टिकल में हम आपको हिमाचल प्रदेश में परिवहन प्रणाली के बारे में बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप आगामी एग्जाम की तैयारी करने के साथ साथ अपने सामान्य ज्ञान को भी बढ़ा सकते है.
सड़क
हिमाचल प्रदेश में जल मार्ग एवं रेल मार्ग जैसे संचार (आवागमन) के साधन न के बराबर है यही कारण है कि सड़के हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य की आर्थिक, सामाजिक प्रगति में अहम भूमिका निभा रही है। सडक के ही भी प्रदेश के विकास की ही जीवन रेखा है। प्रदेश में 1948 में मोटर योग्य सड़कों की लंबाई 288 किलोमीटर एवं जीव योग्य सड़कों की लंबाई 300 किलोमीटर है।
मद | इकाई | लक्ष्य 2014-15 | उपलब्धियाँ दिसंबर 2014 तक | 2014-15 संभावित |
वाहन चलने योग्य सड़कें | किलोमीटर | 435 | 245 | 400 |
जल निकास | किलोमीटर | 1142 | 532 | 1000 |
पक्की तथा विरालीत सड़के | किलोमीटर | 1089 | 740 | 1089 |
जीप चलने योग्य सड़कें | किलोमीटर | 7 | 7 | 7 |
पुल | संख्या | 59 | 27 | 50 |
गांव जुड़े | संख्या | 177 | 57 | 177 |
हिमाचल प्रदेश में 1,783.69 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय मुख्य उच्चमार्ग जिसमें शहरी जो क्षेत्रों के जोड़ने वाली सड़क एवं बाईपास शामिल है के सुधार के कार्य दिसंबर 2014 के अंत तक जारी रहे। प्रदेश में दिसंबर 2014 के अंत तक 123.42 किलोमीटर लंबे मार्ग को पक्का एवं विरालीत किया गया है। हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 2014 तक के कुल सड़कों की लंबाई 35,356 किलोमीटर है थे एवं 8,934 गांव सड़कों से जुड़े हुए थे जिनका विवरण निम्नलिखित है-
सड़कों से जुड़े गांवों | 2012 | 2013 | 2014 | 5 |
1,500 से अधिक आबादी वाले गांव | 208 | 208 | 208 | 209 |
1,000 से 1,500 की जनसंख्या वाले | 268 | 270 | 280 | 281 |
5,00 से 1,000 की जनसंख्या वाले गांव | 1231 | 1238 | 1245 | 1252 |
200 से 500 की जनसंख्या वाले गांव | 3516 | 3374 | 3422 | 3443 |
200 से कम की जनसंख्या वाले गांव | 4765 | 4827 | 4864 | 4891 |
कुल | 9788 | 9917 | 10019 | 10,076 |
प्रदेशों के महत्वपूर्ण सड़क मार्ग
- कालका- शिमला- रामपुर- पुह- (हिंदुस्तान तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग)
- रोपड़- बिलासपुर- मंडी- कुल्लू- कैलाग- लेह-(राष्ट्रीय राजमार्ग)
- पठानकोट- जोगिंद्रनगर- मंडी (राष्ट्रीय राजमार्ग)
- पठानकोट- चंबा (राज्य मार्ग)
- पोंटा- नाहन- कुमार हटी
- शिमला- बिलासपुर- हमीरपुर- धर्मशाला (राजमार्ग)
- सोलन- राजगढ़- हरिपुरधार- रेणुका- (राजमार्ग)।
- ठियोग- कोटा खाई- खड़ा पत्थर- रोहड़ू- (चिड़गांव राजमार्ग)
- शिमला- यशोवरा- सुन्नी- नेरचौक (राजमार्ग)
- चेल- चौपाल – पोंटा (राजमार्ग)
- बनी खेत- डलहौजी- खजियार- चंबा (राजमार्ग)
- चंबा- भरमौर (राजमार्ग)
- पठानकोट- कांगड़ा- हमीरपुर- मंडी- कुल्लू- कैलाग-(राजमार्ग)
पथ परिवहन
पथ परिवहन राज्य में आर्थिक कार्यकलापों यातायात का एक मुख्य साधन है, क्योंकी अन्य परिवहन सेवाएं जैसे- रेलवे, वायुवर्ग, टैक्सी, ऑटो रिक्शा इत्यादि ना के बराबर है इसलिए पथ परिवहन निगम को प्रदेश में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रदेश के नागरिकों को राज्य में तथा राज्य से बाहर लोगों को 2,292 बसों (दिसंबर 2014 तक के) द्वारा यात्री परिवहन सुविधा प्रदान करवा रहा है।
येलो कार्ड स्कीम- निजी बस मालिकों को स्थानीय रूटों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा देने के उद्देश्य से निगम ने पीला कार्ड शुरू किया है। पीले कार्ड की कीमत ₹120 से घटाकर ₹50 कर दी है जिस प्रकार धारक को 40 किलोमीटर तक यात्रा करने पर यात्रा भाड़े में 20% की छूट प्रदान की जाती है। निगम ने आज तक 38,654 कार्ड विक्रय किए हैं।
वोल्वो लग्जरी वातानुकूल बसें-
निगम ने निम्नलिखित बस तेरा वोल्वो लग्जरी वातानुकूलित वैसे चलाई है-
- शिमला -दिल्ली – 6 बसें
- धर्मशाला- दिल्ली – 4 बसे
- मनाली- दिल्ली – 3 बसे
वातानुकूलित बसें
निगम से 20 टाटा\ लेलैंड की वातानुकूलित बसें प्रतिष्ठाग्राही मार्ग पर चलाई है जो दिल्ली चंडीगढ़ एवं हरिद्वार तथा धर्मशाला दिल्ली है।
सेमी डीलक्स बसें
राज्य में लोगों को यात्रा के दौरान आरामदायक सुविधा प्रदान करने के लिए निगम ने 2 x 2 लग्जरी सीटों वाली से मेडिकल डीलक्स बसों की लंबी दूरी वाले मार्गों पर साधारण बसों को अपेक्षा मात्र ₹20 अधिक देखकर यह बसें संचालित है। निगम द्वारा भैया दूज रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाती है। प्रदेश में पथ परिवहन निगम ने जनसाधारण की सुविधा के लिए सुपर फास्ट, नॉन स्टॉप बस सेवा को बहला रखा है तो निम्न प्रकार से हैं-
- शिमला- नाहन
- शिमला- धर्मशाला
- शिमला- हमीरपुर
- शिमला- मंडी
- हाटेश्वरी- चामुंडा
- शिमला- रामपुर
- शिमला- उल्लू
- नेरवा- चामुंडा
- शिमला- चंबा
- शिमला- सोलन- चंडीगढ़
बस स्टैंड
आम जनता को अच्छी सुविधाएं प्रदान करने शॉपिंग कंपलेक्स तथा बस स्टैंड बनाने व रखरखाव रखने के उद्देश्य से प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन वह विकास प्राधिकरण की स्थापना 1 अप्रैल 2000 को की गई थी। प्राधिकरण ने (बी. ओ. के तहत) 1,015.98 लाख रुपए के कर्ज से रिकांगपिओ, सोलन, नगरोटा, बांगवा, चिंतापूर्णी, जोगिंद्रनगर, पालनपुर, बंजार, राजगढ़, व शॉपिंग कांपलेक्स कांगड़ा में बनाए गए हैं। जवाली, संतोंगढ़ , अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड शिमला टूटी कंडी, जुब्बल, मैक्लोडगंज, अर्की, रामपुर, फनी और सुंदर नगर के बस स्टैंड ए बी ओ टी के अंतर्गत (जिसके लिए फंड एंन जे पी सी द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं) 3147.10 लाख रुपए की लागत से निर्माणधिन है। इसके अतिरिक्त ठीयोगा, स्वारघाट, मनाली, डलहौजी, बद्दी, परमाणु, चंबा, नालागढ़, चामुंडा, जयसिंहपुर, बैजनाथ, बिलासपुर, हमीरपुर, नादौन, करसोंगा, मंडी, चिरगांव और मुन्ना के नए बस स्टैंड ओं को बनाने की योजना है। इसके अलावा हि प्र वी एस एम , व डी शिमला की विभिन्न स्थानों पर बस ठहराव\वर्षा सालीक निर्माण भी कर रही है। तारा देवी 103 सुरंग, मुख्य बस ठहराव, संजौली भारड़ी, टैलेंड, लिफ्ट, बीसीएस संकर मोचर, मेडिकल कॉलेज, छोटा शिमला, एमएलए क्रॉसिंग और कॉलोनी चौक प्रमुख है।
रेल मार्ग
हिमाचल प्रदेश रेलवे क्षेत्र में अत्यंत पिछड़ा हुआ है। वर्तमान समय में यहां 2 मीटर गेज लाइन एवं ब्र्डगेज लाइन है। इनमें एक कालका शिमला 96 किलो मीटर एवं दूसरी पठानकोट से जोगिंदर नगर 113 किलोमीटर लंबी है। बड़ी (ब्राड गेज) लाइन नंगल डैम चरुडु से उन्ना तक है।जिसकी लंबाई मात्र 33 किलोमीटर है।
स्वतंत्रता से पूर्व हिमाचल प्रदेश में 209 किलोमीटर रेलवे को बनाने लाइन बिछाई गई थी लेकिन दुर्भाग्य है कि 1948 से लेकर आज तक मात्र 14 किलोमीटर रेल लाइन ही यहां बीच पाई है। प्रदेश सरकार भारत सरकार इस तथ्य को नहीं जान सकी है कि प्रदेश में पर्यटन के अनेकानेक अमूल्य अवसर होने के बावजूद प्रदेश में रेल मार्गों का बहुत कम होना यह दर्शाता है अलावा स्टैंड ओं की सबसे सस्ते पर्यटन उद्योग का यदि ठीक है तरह से दोहन करना है तो रेल मार्गों का प्रचुर मात्रा में विकास हो। 11 जनवरी 1991 को नांगल से उन्नाव तक 14 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग बनाकर इस रेल यातायात से जोड़ दिया गया है।
हवाई अड्डे (नागरिक उड्डयन)
वर्तमान में प्रदेश में तीन हवाई अड्डे शिमला, कांगड़ा, एवं कुल्लू मनाली में स्थित है। प्रदेश में 57 हेलीपैड है तथा 12 नवीन हेलीपैड का निर्माण जारी है।
- प्रदेश में शिमला हवाई अड्डा वास्तविक रन के कुल 900 करोड रुपए में से 875 करोड रुपए हवाई अड्डे के रनवे के विस्तार में और तारा देवी से जुब्बड हटी तक के मार्ग में सुधार में व्यय किए गए जो इसे विस्तार का एक भाग है।
- राज्य में कांगड़ा हवाई अड्डा का विस्तारीकरण, नए भवन का निर्माण, टैक्सी व अपॉर्न, सबस्टेशन इत्यादि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, किंतु सोरा धर्मशाला सड़क के परिवर्तन के लिए जमीन के अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। ₹10 करोड़ में से 8.89 करोड रुपए वास्तरिकरण पर खर्च किए गए हैं।
- कुल्लू हवाई अड्डे के लिए जमीन का अधिग्रहण और हवाई अड्डे के सुधार के लिए 7.50 करोड़ रुपए की राशि में से 4.59 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण हवाई अड्डे पर टर्मिनल भवन का निर्माण कर रहा है। जिस तेरी यात्री अक्षमता लगभग 100 यात्रियों के ठहरने की होगी।
यातायात साधन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- प्रदेश में स्मार्ट कार्ड योजना पथ परिवहन की बसों में लागू है, जिसमें लोगों को ₹50 जमा कराने पर एक कारण प्राप्त होगा जो 1 वर्ष तक सामान्य होगा एवं 10 किलोमीटर से अधिक यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्रा भाड़े में 10% एवं वरिष्ठ नागरिको (60 वर्ष से अधिक है) को यह छूट 20% प्राप्त होगी। दिसंबर 2000 तक 15,122 कार्ड जारी किए गए हैं।
- पथ परिवहन निगम ने अपनी बसों के माध्यम से राज्य के सभी जिलों के जिला मुख्यालय (बुकिंग ऑफिस से बुकिंग ऑफिस से) तक केरियर सेवा शुरू कर दी है।
- राज्य में निजी बस मालिकों को स्थानीय रूटों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा देने के उद्देश्य से पथ परिवहन निगम ने शुरू की है जिसमें लोगों को ₹25 मूल्य का 1 कार्ड दिया जाएगा जिसमें 40 किलोमीटर तक यात्रा करने पर 20% की छूट उपलब्ध होगी।
- प्रदेश में पथ परिवहन निगम ने ग्रुप डिस्काउंट स्कीम लागू की है जिसके अंतर्गत 9 से अधिक है व्यक्तियों के समूह को यात्रा भाड़े में 10% की छूट दी जाएगी।
- राज्य के परिवहन निगम ने उत्तराखंड राज्य के परिवहन निगम की बसों की बॉडी का ढांचा तैयार करने का अनुबंध प्राप्त किया है। अब तक 80 बसों की बॉडी तैयार कर ली गई है जिसमें हिमाचल प्रदेश परिवहन को 300 करोड रुपए से अधिक की आय वृद्धि हुई है.
- प्रदेश में सड़कों के मामले में काफी पिछड़े जिलों को विश्व बैंक परियोजना सुकृत की है। 80 करोड रुपए की लागत से निर्मित होने वाली सड़कों की लंबाई 672 किलोमीटर होगी, जिसमें 394 किलोमीटर लंबाई सड़कों की होगी।
- हिमाचल प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1A, 20, 21A, 22, 70, 88 और 73 है। राजमार्गों की कुल लंबाई 1208 किलोमीटर है।
- हिमाचल प्रदेश में 30-09-2009 तक मोटर चलने वाली सड़कों की कुल लंबाई 32,926 किलोमीटर थी।
- 31-12-2009 तक 9,382 गांव सड़कों से जोड़े गए हैं।
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