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हिमाचल प्रदेश के राज्य आय से जुडी जानकारी

राज्य घरेलू उत्पाद

राज्य आय या राज्य घरेलू उत्पाद किसी भी राज्य के आर्थिक विकास का सर्वोचित मापदंड है। वर्ष 2012-13 में प्रदेश का समस्त घरेलू उत्पाद 44,480 करोड रुपए गया है जबकि वर्ष 2011 और 2012 में यह 44480 करोड रुपए था। 2012 और 2013 में राज्य के आर्थिक विकास की दर से स्थिर भावों (आधार 2004 -2005) पर 6.1% रही है।

राज्य का प्रचलित भाव पर सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2012 और 2013 में 64,957 करोड रुपए से बढ़कर 2013-14 में 73,710 करोड रुपए हो गया है जोकि 13.5% की वृद्धि की ओर इंगित करता है। विकास दर किस विधि का मुख्य सरिए कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में कोई वृद्धि. को  है। वर्ष 2012 और 2013 में 15.44 लाख टन आदान की तुलना मैं 2013 2014 में 15.68 लाख टन हुआ है। वर्ष 2012-13 सेब उत्पादन 2.75 लाख टन तुलना में वर्ष 2011-12 मैं बढ़कर 4.12 लाख टन हुआ है।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आश्रित है। किसी एक चित्र पर निर्भरता तथा औद्योगिक के आधार कमजोर होने के कारण खदानों में फसलों के उत्पादन का उतार-चढ़ाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। वर्ष 2012-13  के दौरान कुल राज्य की आय का लगभग 14.42% योगदान कृषि व संबन्धित क्षेत्रों से ही प्राप्त हुआ है।

राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि स्थिति स्थापन की और अग्रसर है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय स्तर के अनुमानित 6.2% वृद्धि की तुलना मे 5.0% प्रतिशत रहने का अनुमान है।

पिछले तीन वर्षों में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास दर अग्र्लिखित सारणी में सारणी मे दर्शायी गई-

वर्ष हिमाचल प्रदेश समस्त भारत
2010-11 (संशोधित) 8.7 9.3
2011-12 (द्रुत) 7.4 6.2
2012-13 (अग्रिम) 6.2 5.0
2013-14 (द्रुत) 6.2
2014-15 (अग्रिम) 6.5

प्रतिव्यक्ति आय

राज्य आय के द्र्त अनुमानों 2004-2005 श्रृंखला के अनुसार 2012-13 मे प्रदेश मे प्रतिव्यक्ति आय प्रचलित भाव 83,899 रुपये है जोकि 2011-12 मे 75899 रुपेय की तुलना मे 11.6% की वृद्धि दर्शाती है।  स्थिर भावों पर वर्ष 2011-12 मे प्रतिव्यक्ति आय 49203 रुपेय आँकी गई थी जोकि वर्ष 2012-13 मे 5.1% की वृद्धि दर्शाते हुए 51,730 रुपये हो गई है।

विभिन्न क्षेत्रों का योगदान

क्षेत्रीय विशलेषण के अनुसार वर्ष 2012-13 में प्रदेश की राज्य आय में प्राथमिक क्षेत्रों का योगदान 19.72% रहा। गौण क्षेत्रों का 38.35%, सामुदायिक वैयक्तिक क्षेत्रों का 18.46%, परिवहन संचार एवं व्यापार का 15.17% तथा वित एवं स्थावर संपदा का योगदान 8.30% रहा है।

प्रदेश अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के मे इस दशक में महत्वपूर्ण परिवर्तन दृष्टिगोचर है, कृषि जिसमे उद्यान व पशुपालन भी शामिल है का प्रतिशत योगदान वर्ष 1990-01 में 26.5% से घटकर वर्ष 2012-13 में 14.42% रह गया है ।प्राथमिक क्षेत्र का योगदान, जिनमें कृषि वानिकी, मत्स्य पालन तथा खनन व उत्खनन शामिल है। 1990-91  में 35.1% छठ का 2012-13 मे 19.72% रह गया है। गौण क्षेत्रों जिनका प्रदेश अर्थव्यवस्था में दूसरा प्रमुख स्थान है, में वर्ष 1990-91 के पश्चात महत्वपूर्ण सुधार है। इसका प्रतिशत योगदान वर्ष 1990-91 में 26.50% से बढ़कर 2012-13 में 38.35% हो गया है, जोकि पटेल औद्योगिकीकरण के आधुनिकीकरण की ओर संपष्ट हो रुझान को प्रदर्शित करता है। विद्युत गैस व जल आपूर्ति की जोकी गोंण क्षेत्र का ही है एक हिस्सा है का भाग वर्ष -1990-91 मैं 4.7% से बढ़कर वर्ष 2012-13 में 8.8% हो गया है। अन्य सेवा संबंधित क्षेत्र जैसा कि, व्यापार, यातायात, संचार, बैंक, स्थावर, संपदा और व्यवसाय तथा सामुदायिक व व्यक्तिगत सेवाओं का योगदान सकल राज्य घरेलू उत्पाद में वर्ष 2012-13 में 41.93% रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों के अधीन प्रगति

प्रदेश में 2012-13 में विभिन्न क्षेत्रों की निम्न रूपेण प्रगति के कारण ही सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 7.4% रही है।

प्राथमिक क्षेत्र

प्राथमिक क्षेत्र 2012-13 (करोड रुपए में) % कमी/वृद्धि
कृषि एवं अन्य 5,602
10.6
वन 2,115 6.6
मत्स्य 48 10.8
खनन तथा उत्खनन 149 11.9
कुल प्राथमिक क्षेत्र 7,914 9.5

राज्य में प्राथमिक क्षेत्रों जिनमें कृषि, वानिकी, मत्स्य, खनन, तथा उत्खनन शामिल है, के विकास में वर्ष 2012-13  में 9.5% कि नकारात्मक वृद्धि रही है।

गौण क्षेत्र

गोंण क्षेत्र 2012-13 (करोड रुपए में) % वृद्धि
विनिर्माण 7,623 3.2
निर्माण 6,375 3.3
विद्युत गैस तथा  जल आपूर्ति 3,396 3.9

इस क्षेत्र में जिसमें विनिर्माण,पंजीकृत व अपंजीकृत निर्माण तथा विद्युत गैस व जल आपूर्ति शामिल है। वर्ष 2012-13 में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई जोकि राष्ट्रीय स्तर से अधिक है। इस क्षेत्र में अच्छी उपलब्धि इस विषय को दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था प्राथमिक क्षेत्र से गोण क्षेत्र की ओर अग्रसर है।

सेवा क्षेत्र

सेवा क्षेत्र 2012-13 (करोड रुपए में) % कमी\ वृद्धि
परिवहन संचार व व्यापर 7,456 6.2
वित्त एवं स्थावर संपदाएं 4,052 4.8
साममुदायिक सेवाएँ 7,664 10.0
कुल सेवा क्षेत्र 19,172 7.4

परिवहन, संचार एवं व्यापार

वर्ष 2012-13 में इस क्षेत्र के अधीन विकास दर 6.2% रही। इस क्षेत्र का परिवहन से संबंधित भाग 9.9% की वृद्धि को दर्शाता है जो राष्ट्रीय स्तर से अधिक है।

वित्त एवं स्थावर संपदा

इस क्षेत्र में बैंक, बीमा, स्थावर संपदा, आवासों का स्वामित्व एवं व्यावसायिक सेवाएं शामिल है। इस क्षेत्र की विकास दर वर्ष 2012-13 में 4.8% है।

सामुदायिक एवं निजी व सेवाएं

इस क्षेत्र में विकास दर वर्ष 2012-13 में 10.0% है।

संभावनाएं 2012-13

प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर आधारित अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2013-14 में विकास दर 6.2% आने की आशा है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर लगभग है 5.0% है। प्रदेश में गत 2 वर्षों में विकास कि दर 6.1% व 7.3% प्राप्त की है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (प्रचलित के भाव पर) लगभग 82,585 करोड रू होने की आशा है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रचलित बाहों पर प्रति व्यक्ति आय 2013-14 में ₹ 92,300 की तुलना मैं वर्ष 2012-13 में ₹83,899 आकी गई है, जोकि 10.0% से अधिक है।

प्रदेश में आर्थिक विकास के विश्लेषण से प्रतीत होता है कि राज्य की आर्थिक विकास दर सदैव समस्त भारत की विकास दर के समकक्ष ही रहती है।

भाव एवं खाद्य व्यवस्था

भाव स्थिति

प्रदेश में मुद्रास्फीति पर नियंत्रण सरकार की प्रमुखता सूची में एक है। मुद्रस्फीति आम व्यक्तियों को उनकी आय कीमतों की पहुंच से दूर रहने के कारण परेशान करती है। मुद्रास्फीति के उतार-चढ़ाव को थोक मूल्य सूचकांक के द्वारा मापा जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर थोक भाव सूचकांक, वर्ष 2010 के अंतिम सप्ताह में (29.12.2010) को 146.0 से बढ़कर दिसंबर 2011 के अंतिम सप्ताह में (27.12.2009) 156.9 (अ) जोकि मुद्रास्फीति की दर 7.5 दर्शाता है। पिछले कुछ वर्षों के महावर थोक मूल्य सूचकांक तथा वर्ष 2011-12 में मुद्रास्फीति की दर निम्नलिखित सारणी में दर्शायी गई है-

अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक आधार 2004-05 = 100

मास 2009-10 2000-11 2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 मुद्रास्फीति दर
अप्रैल 125.0 138.6 152.1 163.5 171 .3 180.8 5.5
मई 125.9 . 139.1 152.4 163.9 171.4 182.0 6.2
जून 126.8 139.8 153.1 164.7 173.2 183.0 5.7
जुलाई 128.2 141.0 154.2 165.8 175.5 185.0 5.4
अगस्त 129.6 . 141.1 154.9 167 .3 179.0 185.9 3.9
सितंबर 130.3 142.0 156.2 168.8 180.7 185.0 2.4
अक्टूबर 131.0 142.9 157.0 168.5 180.7 183.7 1.7
नवंबर 132.9 143.6 159.4 168.8 181.5 181.5 0.0
दिसंबर 133.4 146.0 157.3 168. 8 179.6 179.8 0.1
जनवरी 135.2 148.0 158.7 170.3 179.0
फरवरी 135.2 148.1 159.3 170.9 179.5
मार्च 136.3 149.5 161.0 170.1 180.3
ओसत 130.8 143.3 156.1 167.6 177.6

प्रदेश में भाव की स्थिति पर लगातार नियंत्रण रखा जा रहा है खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के माध्यम से प्रदेश में भाव पर निगरानी आपूर्ति की प्रक्रिया का रखरखाव एवं आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए 4,415 उचित मूल्य की दुकानों के द्वारा कर रहा है. खाद्य सुरक्षा एवं वैधता के मॉनिटर एवं व्यवस्थित करने के लिए खाद एवं आपूर्ति विभाग जी आईएस के द्वारा एच आई.वी.एम.एस (खाद सुरक्षा भेधता मेपिंग प्रणाली) कार्यान्वित कर रहा है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के फलस्वरुप प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं के भाव नियंत्रण में रहने के कारण हिमाचल का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधार 2001=100 राष्ट्रीय सूचना की तुलना में कम गति से बढा है। अप्रैल 2011 से दिसंबर 2011 तक हिमाचल उपभोक्ता कहां के राष्ट्रीय उपभोक्ता की तुलना में केवल 6.6% की वृद्धि आंकी गई। इसके साथ-साथ जमाखोरी, मुनाफाखोरी तथा हेराफेरी द्वारा आवश्यक उपयोग की वस्तुओं की बिक्री तथा वितरण पर निगरानी रखने के लिए प्रदेश सरकार ने कई आदेश अधिनियमों को सख्ती से लागू किया।

वितरण प्रणाली के अंतर्गत आपूर्ति को सुनिश्चित करना। खाद्य पदार्थों को विकसित करने हेतु सभी परिवारों को विभिन्न चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है- ए.पी.एल. गरीबी रेखा से ऊपर, बी.पी.एल. गरीबी रेखा से नीचे, अंतोदय (अतिनिर्धन) अन्नपूर्णा, (निस:सहाय वृद्धों के लिए)।

प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 15,98,310 राशन कार्ड की संख्या है जिनके अंतर्गत 73,05,293 जनसंख्या को 4,415 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही है।

प्रदेश सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को लेवी चीनी 700 ग्राम प्रतिव्यक्ति 13,50 रूपये प्रति किलोग्राम की दर पर प्रतिमाह वितरित कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी राशन कार्डों के उपभोक्ताओं को विशेष अनुदान पर दालों में खाद्य तेलों का वितरण वर्ष 2009 और 2010 में काला चना ₹20 दाल उड़द के ₹25, एवं नमक ₹4 प्रति किलोग्राम तथा तेल सरसों 45 रुपए एवं तेल रिफाइंड ₹40 प्रति लीटर की दर से प्रति परिवार प्रतिमाह 1 किलोग्राम दिया जा रहा है। राज्य में वर्तमान में

हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार 2001=100) (वित्तीय वर्ष महवार औसत अनुसार)

माह 2000-10 2010-11 2011-12 2012-13 2013-14 2014-15 पिछले वर्ष से प्रति सत्ता में परिवर्तन
अप्रैल 141 158 167 185 201 219 9.0
मई 142 158 169 185 205 219 6.8
जून 144 158 169 186 208 221 6.3
जुलाई 149 163 174 192 213 227 6.6
अगस्त 150 164 176 195 214 229 7.0
सितंबर 151 165 179 195 215 228 6.0
अक्टूबर 152 165 179 195 217 227 4.6
नवंबर 155 168 179 196 218 225 3.2
दिसंबर 156 166 177 196 213 224 5.2
जनवरी 156 168 178 198 214
फरवरी 156 166
178 199 215
मार्च 157 165 180 199 217
औसत 151 163 175 193 213

लक्षिण सार्वजनिक वितरण प्रणाली

प्रदेश के लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने की सरकार की नीति का एक विशेष घटक उचित मूल्य की 4,415 दुकानों द्वारा आवश्यक वस्तुएं जैसे- गेहूं, चावल, चिनी, तथा मिट्टी के तेल का लक्षित सार्वजनिक 122 गैस एजेंसी उपभोक्ताओं को खाना पकाने की गैस उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश में इस समय 291 पेट्रोल पंप कार्यरत है तथा प्रदेश में 36 मिट्टी के तेल के थोक विक्रेता कार्य कर रहे हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त जनजातीय क्षेत्रों में वर्ष 2009-10 में अगरलिखित खाद्य वस्तुएं भेजी गई है।

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